पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मानसून का प्रदर्शन गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, अरुणाचल प्रदेश, और कोंकण और गोवा पर जोरदार रहा।
सक्रिय मॉनसून की स्थिति तटीय कर्नाटक, केरल, पूर्वी मध्य प्रदेश, ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड के कुछ हिस्सों और बचे हुए पूर्वोत्तर राज्यों पर बनी रही। जबकि दक्षिण राजस्थान, तटीय आंध्रा प्रदेश, विदरभा और बाकी गुजरात के हिस्सों में मॉनसून रहा। हालांकि पश्चिमी मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक, तमिल नाडु और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह पर मॉनसून कमजोर रहा।
पिछले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र के भीरा में 239 मिलीमीटर वर्षा रेकॉर्ड की गई। महाबलेश्वर में 180 और अम्बिकापुर में 156 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
पश्चिमी तट, गुजरात और मध्य भारत मे अच्छी मॉनसूनी वर्षा के चलते 29 जून तक कुल वर्षा का आंकड़ा 2 प्रतिशत अधिक हो गया है। उत्तर-पश्चिम में सामान्य से 42 प्रतिशत और दक्षिण भारत सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है। वहीं, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में वर्षा में 17 प्रतिशत की कमी देखी गई।
मानसून की उत्तरी सीमा, बारमेर, चित्तोडगढ़, गूना, सतना, सिद्धि, और पटना से गुजर रही है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून अब उत्तर मैदानी और पहाड़ी इलाकों के साथ मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरयाणा, और राजस्थान के बाकी हिस्सों में अगले 24 से 48 घंटों में भी अपना आगमन दर्ज़ करेगा।
अगले 24 घंटों में मानसून सौराष्ट्र, कच्छ, और कोंकण गोवा पर जोरदार रहेगा। मुंबई में भी माध्यम से भारी बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता।
तटीय कर्नाटक, केरल, दक्षिण राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, विदरभा, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून सकरिए रहेगा। सामान्य मॉनसून की स्थिति पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, तटीए आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिमी मध्य प्रदेश पर देखि जाएगी।
जबकि, बाकी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, और मराठवाडा के कुछ हिस्सो पर मॉनसून कमजोर रहेगा।.......www.skymet.com