आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू महीने के दूसरे सप्ताह 7 से 13 नवंबर के दौरान कपास का निर्यात बढ़कर 1.333 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 0.254 लाख गांठ का निर्यात हुआ था।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान सबसे कपास का आयात बंगलादेष ने 0.389 लाख गांठ का किया है। इसके अलावा इस दौरान कपास का निर्यात चीन, वियतनाम, इंडोनेषिया और पाकिस्तान को भी निर्यात हुआ है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में कपास की दैनिक आवक घटकर 75 से 80 हजार गांठ की हो रही है, नकदी की किल्लत के कारण किसान कपास की बिकवाली कम रहे हैं इसलिए हाजिर मंडियों में कपास के साथ ही रुई की कीमतों में तेजी आई है। माना जा रहा है कि जैसे ही नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी, कपास की दैनिक आवक भी बढ़ जायेगा, और भाव में फिर गिरावट आ सकती है। चालू कपास सीजन में जहां कपास की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है वहीं कपास का निर्यात पिछले साल की तुलना में कम होने की आषंका है।.........आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू महीने के दूसरे सप्ताह 7 से 13 नवंबर के दौरान कपास का निर्यात बढ़कर 1.333 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 0.254 लाख गांठ का निर्यात हुआ था।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान सबसे कपास का आयात बंगलादेष ने 0.389 लाख गांठ का किया है। इसके अलावा इस दौरान कपास का निर्यात चीन, वियतनाम, इंडोनेषिया और पाकिस्तान को भी निर्यात हुआ है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में कपास की दैनिक आवक घटकर 75 से 80 हजार गांठ की हो रही है, नकदी की किल्लत के कारण किसान कपास की बिकवाली कम रहे हैं इसलिए हाजिर मंडियों में कपास के साथ ही रुई की कीमतों में तेजी आई है। माना जा रहा है कि जैसे ही नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी, कपास की दैनिक आवक भी बढ़ जायेगा, और भाव में फिर गिरावट आ सकती है। चालू कपास सीजन में जहां कपास की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है वहीं कपास का निर्यात पिछले साल की तुलना में कम होने की आषंका है।.........आर एस राणा
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