आर एस राणा
नई दिल्ली। अक्टूबर महीने में चावल के निर्यात में 6.82 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 5.98 लाख टन का हुआ है जबकि सितंबर महीने में देष से 6.35 लाख टन चावल का निर्यात हुआ था।
सूत्रों के अनुसार अक्टूबर में हुए कुल चावल के निर्यात में जहां बासमती की हिस्सेदारी 36.54 फीसदी की रही, वहीं गैर बासमती चावल की हिस्सेदारी 63.45 फीसदी की थी। इस दौरान देष से जहां 2.18 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ, वहीं गैर बासमती चावल का निर्यात 3.80 लाख टन का हुआ।
अक्टूबर महीनें में बासमती चावल का निर्यात मुख्यतः साउदी, यूएई और ईराक को हुआ है जबकि गैर-बासमती चावल का निर्यात मुख्यतः इंडोनेषिया, ईराक और घाना को हुआ है।
चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान बासमती चावल का कुल निर्यात 17.56 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 16.78 लाख टन का हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान 30.08 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 29.83 लाख टन का हुआ था।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले छह महीनों अप्रैल से सितंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में 11.44 फीसदी कमी आई है। इस दौरान 10,924.34 करोड़ रुपये मूल्य का बासमती चावल का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 12,335.22 करोड़ रुपये का बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही में मूल्य के हिसाब से 3.56 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल 8,616.06 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 8,319.59 करोड़ रुपये का हुआ था।
केंद्र सरकार 500 और 1,000 रुपये की नोट बंदी का असर धान की आवक पर पड़ा है तथा उत्पादक राज्यों की मंडियों में धान की दैनिक आवक कम हुई है। किसान कैष पैंमेंट लेना चाहते हैं जबकि करेंसी की उपलब्धता कम होने के कारण आढ़ती या तो उधार में खरीद कर रहे हैं, या फिर चैक से भुगतान कर रहे हैं। उत्पादक मंडियों में इस समय पूसा 1,121 धान की कीमतें 2,250 से 2,350 रुपये प्रति क्विंटल चल रही हैं। माना जा रहा है कि जैसे करेंसी की उपलब्धता बढ़ेगी, मंडियों में धान की आवक भी बढ़ जायेगी।.............आर एस राणा
नई दिल्ली। अक्टूबर महीने में चावल के निर्यात में 6.82 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 5.98 लाख टन का हुआ है जबकि सितंबर महीने में देष से 6.35 लाख टन चावल का निर्यात हुआ था।
सूत्रों के अनुसार अक्टूबर में हुए कुल चावल के निर्यात में जहां बासमती की हिस्सेदारी 36.54 फीसदी की रही, वहीं गैर बासमती चावल की हिस्सेदारी 63.45 फीसदी की थी। इस दौरान देष से जहां 2.18 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ, वहीं गैर बासमती चावल का निर्यात 3.80 लाख टन का हुआ।
अक्टूबर महीनें में बासमती चावल का निर्यात मुख्यतः साउदी, यूएई और ईराक को हुआ है जबकि गैर-बासमती चावल का निर्यात मुख्यतः इंडोनेषिया, ईराक और घाना को हुआ है।
चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान बासमती चावल का कुल निर्यात 17.56 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 16.78 लाख टन का हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान 30.08 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 29.83 लाख टन का हुआ था।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले छह महीनों अप्रैल से सितंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में 11.44 फीसदी कमी आई है। इस दौरान 10,924.34 करोड़ रुपये मूल्य का बासमती चावल का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 12,335.22 करोड़ रुपये का बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही में मूल्य के हिसाब से 3.56 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल 8,616.06 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 8,319.59 करोड़ रुपये का हुआ था।
केंद्र सरकार 500 और 1,000 रुपये की नोट बंदी का असर धान की आवक पर पड़ा है तथा उत्पादक राज्यों की मंडियों में धान की दैनिक आवक कम हुई है। किसान कैष पैंमेंट लेना चाहते हैं जबकि करेंसी की उपलब्धता कम होने के कारण आढ़ती या तो उधार में खरीद कर रहे हैं, या फिर चैक से भुगतान कर रहे हैं। उत्पादक मंडियों में इस समय पूसा 1,121 धान की कीमतें 2,250 से 2,350 रुपये प्रति क्विंटल चल रही हैं। माना जा रहा है कि जैसे करेंसी की उपलब्धता बढ़ेगी, मंडियों में धान की आवक भी बढ़ जायेगी।.............आर एस राणा
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