आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ के साथ ही रबी में भी दलहन की बुवाई में हुई बढ़ोतरी से दलहन आयात में कमी आने की आषंका है। केंद्र सरकार के अनुसार चालू वितत वर्ष 2016-17 में दलहन का आयात 14 फीसदी घटकर 50 लाख टन ही होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2015-16 में 57.97 लाख टन दलहन का आयात हुआ था। जबकि चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान 14.15 लाख टन दलहन का आयात हुआ है।
केंद्र सरकार के अनुसार खरीफ में तो दलहन की पैदावार में बढ़ोतरी हुई ही है, साथ ही रबी में भी इसकी पैदावार 30 से 25 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। चालू फसल सीजन 2016-17 में दलहन की कुल पैदवार बढ़कर 200 लाख टन होने कन अनुमान है। चालू रबी में अभी तक 74.55 लाख हैक्टेयर में दालों की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 69.98 लाख हैक्टेयर में हुई थी। हालांकि जानकारों की माने तो नोट बंदी का असर आगे दलहन की बुवाई पर पड़ने की आषंका है।
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई बढ़कर 53.73 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 52.69 लाख हैक्टेयर में हुई थी। इसी तरह से मसूर की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 6.49 लाख हैक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 4.87 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। अन्य रबी दलहन में उड़द की बुवाई 2.21 और मटर की बुवाई 6.16 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
केंद्र सरकार 20 लाख टन दलहन का बफर स्टॉक बना रही है, इसलिए खरीफ सीजन की खरीद चल रही है। सूत्रों के अनुसार सरकारी एजेंसियां बफर स्टॉक के लिए जून 2017 तक करीब 6 लाख टन दलहन की और खरीद करेगी, जबकि इसके अलावा सरकारी एजेंसियां करीब 10 लाख टन का आयात करेंगी, जिसमें से करीब 4 लाख टन दलहन के आयात सौदे हो चुके हैं तथा इनमें से 3.5 लाख टन दलहन भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच भी चुकी है।
अतः आगामी महीने में आयातित दलहन का दबाव घरेलू बाजार में दलहन की कीमतों पर रहेगा। जिससे खासकर के चना, अरहर, मसूर और मटर के अलावा उड़द की कीमतों में और गिरावट आने की आषंका है।.......आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ के साथ ही रबी में भी दलहन की बुवाई में हुई बढ़ोतरी से दलहन आयात में कमी आने की आषंका है। केंद्र सरकार के अनुसार चालू वितत वर्ष 2016-17 में दलहन का आयात 14 फीसदी घटकर 50 लाख टन ही होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2015-16 में 57.97 लाख टन दलहन का आयात हुआ था। जबकि चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान 14.15 लाख टन दलहन का आयात हुआ है।
केंद्र सरकार के अनुसार खरीफ में तो दलहन की पैदावार में बढ़ोतरी हुई ही है, साथ ही रबी में भी इसकी पैदावार 30 से 25 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। चालू फसल सीजन 2016-17 में दलहन की कुल पैदवार बढ़कर 200 लाख टन होने कन अनुमान है। चालू रबी में अभी तक 74.55 लाख हैक्टेयर में दालों की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 69.98 लाख हैक्टेयर में हुई थी। हालांकि जानकारों की माने तो नोट बंदी का असर आगे दलहन की बुवाई पर पड़ने की आषंका है।
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई बढ़कर 53.73 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 52.69 लाख हैक्टेयर में हुई थी। इसी तरह से मसूर की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 6.49 लाख हैक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 4.87 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। अन्य रबी दलहन में उड़द की बुवाई 2.21 और मटर की बुवाई 6.16 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
केंद्र सरकार 20 लाख टन दलहन का बफर स्टॉक बना रही है, इसलिए खरीफ सीजन की खरीद चल रही है। सूत्रों के अनुसार सरकारी एजेंसियां बफर स्टॉक के लिए जून 2017 तक करीब 6 लाख टन दलहन की और खरीद करेगी, जबकि इसके अलावा सरकारी एजेंसियां करीब 10 लाख टन का आयात करेंगी, जिसमें से करीब 4 लाख टन दलहन के आयात सौदे हो चुके हैं तथा इनमें से 3.5 लाख टन दलहन भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच भी चुकी है।
अतः आगामी महीने में आयातित दलहन का दबाव घरेलू बाजार में दलहन की कीमतों पर रहेगा। जिससे खासकर के चना, अरहर, मसूर और मटर के अलावा उड़द की कीमतों में और गिरावट आने की आषंका है।.......आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें