आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में मध्य प्रदेष के साथ ही उत्तर प्रदेष में भी मसूर की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में मसूर की बुवाई बढ़कर 10.40 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 7.24 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेष में चालू रबी में मसूर की बुवाई बढ़कर 4.92 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.99 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। इसी तरह से उत्तर प्रदेष में मसूर की बुवाई बढ़कर 4.84 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 2.68 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। जानकारों का मानना है कि आगामी दिनों में मसूर का आयात बढ़ेगा, हालांकि सर्दियों में मसूर की खपत ज्यादा होती है इसलिए अभी भाव में ज्यादा मंदा आने का अनुमान नहीं है। पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में मौसम खराब होने के कारण मसूर की फसल भी प्रभावित हुई थी इसीलिए कनाडा से आयातित मसूर के भाव में भी सुधार आया था। मसूर की घरेलू फसल की आवक मार्च-अप्रैल में ही बनेगी।.......आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में मध्य प्रदेष के साथ ही उत्तर प्रदेष में भी मसूर की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में मसूर की बुवाई बढ़कर 10.40 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 7.24 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेष में चालू रबी में मसूर की बुवाई बढ़कर 4.92 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.99 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। इसी तरह से उत्तर प्रदेष में मसूर की बुवाई बढ़कर 4.84 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 2.68 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। जानकारों का मानना है कि आगामी दिनों में मसूर का आयात बढ़ेगा, हालांकि सर्दियों में मसूर की खपत ज्यादा होती है इसलिए अभी भाव में ज्यादा मंदा आने का अनुमान नहीं है। पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में मौसम खराब होने के कारण मसूर की फसल भी प्रभावित हुई थी इसीलिए कनाडा से आयातित मसूर के भाव में भी सुधार आया था। मसूर की घरेलू फसल की आवक मार्च-अप्रैल में ही बनेगी।.......आर एस राणा
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