गुजरात में धनिया की बुवाई बढ़ी, आंध्रप्रदेष में घटी
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां गुजतरा में धनिया की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है, वहीं आंध्रप्रदेष में इसकी बुवाई पिछड़ रही है। गुजरात कृषि निदेषालय के अनुसार राज्य में 14 नवंबर तक 8,200 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई राज्य में 4,700 हैक्टेयर में ही हुई थी। धनिया की बुवाई गुजरात में 90,400 हैक्टेयर में होती है।
उधर आंध्रप्रदेष में चालू रबी में 16 नवंबर तक धनिया की बुवाई केवल 102 हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 2,342 हैक्टेयर में हो चुकी थी। राज्य में रबी सीजन में 18,326 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई होती है।
धनिया के भाव चालू फसल सीजन में पिछले दो साल की तुलना में कम रहे हैं, इसका प्रमुख कारण जहां पैदावार में हुई बढ़ोतरी को माना जा रहा है, वहीं धनिया का आयात भी नीचे भाव में हुआ है। धनिया की सबसे ज्यादा पैदावार राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेष में होती है, जबकि इस समय गुजरात और आंध्रप्रदेष में बुवाई अच्छी हो रही है, तथा राजस्थान और मध्य प्रदेष में आगे बुवाई में तेजी आने का अनुमान है।
फसल सीजन 2015-16 में धनिया की पैदावार 5.66 लाख टन की हुई थी जोकि इसके पिछले साल की तुलना में 22.6 फीसदी ज्यादा थी। जानकारों के अनुसार फसल सीजन 2015-16 में उत्पादक राज्यों में धनिया के भाव कम रहने के कारण चालू सीजन में कुल बुवाई पिछले साल की तुलना में कम होने की आषंका है।
धनिया का निर्यात केवल कुल उत्पादन का 10 से 15 फीसदी ही होता है, इसका प्रमुख कारण घरेलू बाजार में धनिया की खपत ज्यादा होना है। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान 14,765 टन धनिया का ही निर्यात हुआ है जबकि इस दौरान 16,361 टन धनिया का आयात हो चुका है।
धनिया का बकाया स्टॉक ज्यादा है, इसलिए मौजूदा भाव में बढ़ी तेजी की संभावना तो नहीं है, लेकिन सर्दियों में खपत ज्यादा होती है, जबकि इस समय धनिया का स्टॉक मजबूत हाथों में है इसलिए भाव में 200 से 400 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आ सकता है।............आर एस राणा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां गुजतरा में धनिया की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है, वहीं आंध्रप्रदेष में इसकी बुवाई पिछड़ रही है। गुजरात कृषि निदेषालय के अनुसार राज्य में 14 नवंबर तक 8,200 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई राज्य में 4,700 हैक्टेयर में ही हुई थी। धनिया की बुवाई गुजरात में 90,400 हैक्टेयर में होती है।
उधर आंध्रप्रदेष में चालू रबी में 16 नवंबर तक धनिया की बुवाई केवल 102 हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 2,342 हैक्टेयर में हो चुकी थी। राज्य में रबी सीजन में 18,326 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई होती है।
धनिया के भाव चालू फसल सीजन में पिछले दो साल की तुलना में कम रहे हैं, इसका प्रमुख कारण जहां पैदावार में हुई बढ़ोतरी को माना जा रहा है, वहीं धनिया का आयात भी नीचे भाव में हुआ है। धनिया की सबसे ज्यादा पैदावार राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेष में होती है, जबकि इस समय गुजरात और आंध्रप्रदेष में बुवाई अच्छी हो रही है, तथा राजस्थान और मध्य प्रदेष में आगे बुवाई में तेजी आने का अनुमान है।
फसल सीजन 2015-16 में धनिया की पैदावार 5.66 लाख टन की हुई थी जोकि इसके पिछले साल की तुलना में 22.6 फीसदी ज्यादा थी। जानकारों के अनुसार फसल सीजन 2015-16 में उत्पादक राज्यों में धनिया के भाव कम रहने के कारण चालू सीजन में कुल बुवाई पिछले साल की तुलना में कम होने की आषंका है।
धनिया का निर्यात केवल कुल उत्पादन का 10 से 15 फीसदी ही होता है, इसका प्रमुख कारण घरेलू बाजार में धनिया की खपत ज्यादा होना है। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान 14,765 टन धनिया का ही निर्यात हुआ है जबकि इस दौरान 16,361 टन धनिया का आयात हो चुका है।
धनिया का बकाया स्टॉक ज्यादा है, इसलिए मौजूदा भाव में बढ़ी तेजी की संभावना तो नहीं है, लेकिन सर्दियों में खपत ज्यादा होती है, जबकि इस समय धनिया का स्टॉक मजबूत हाथों में है इसलिए भाव में 200 से 400 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आ सकता है।............आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें