पूरे देश में बादलों ने अपना कब्जा जमा
लिया है। मध्य भारत को सराबोर करने के बाद मॉनसून ने उत्तर भारत का भी रुख
कर लिया है। 12 जुलाई तक देश में सामान्य से 4 फीसदी ज्यादा बारिश भी हो
चुकी है। लेकिन हर जगह बादल उतने मेहरबान नहीं हुए। कहीं रिकॉर्ड तोड़
बारिश की वजह से बाढ़ का खतरा बढ़ गया तो कहीं मामूली बारिश की वजह से सूखे
का डर हावी हो गया। अब तक देश के अलग-अलग राज्यों में मॉनसून की कैसी चाल
रही है, आइए एक नजर डालते हैं। देश के कुछ राज्यों में बारिश ने कहर ढा
रखा है। मध्यप्रदेश में खासतौर बाढ़ जैसे हालात हो चुके हैं। राज्य के 35
जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। होशंगाबाद और आसपास के
इलाकों में मुसलाधार बारिश की वजह से निचली बस्तियों में पानी भरना शुरू हो
गया है। बाढ़ की चपेट में आकर अब तक 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में नर्मदा नदी भी खतरे के निशान के पास पहुंच गई
है। इसके अलावा राजस्थान के कई जिले भी बारिश से प्रभावित हो रहे हैं।
राजस्थान में जहां लोग एक बूंद बारिश के लिए तरस रहे थे, वहीं लोग आसमान से
बरसते कहर को देखकर खौफ में आ जा रहे हैं। भरतपुर में लगातार बारिश की वजह
से जलजमाव हो गया है, रास्ते बंद हैं। प्रतापगढ़ में भी बारिश धीरे-धीरे
विकराल रूप ले रही है। बसाड़ और धरियावद में भी कई खेत पानी से भर गए हैं।
अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो मौसम विभाग की सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा
बारिश की भविष्यवाणी सच हो सकती है। देश के कई राज्यों में सामान्य तो कई
में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है लेकिन उत्तर भारत अभी भी बारिश के लिए
तरस रहा है। दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश की वजह से मौसम सुहाना जरूर हो
गया लेकिन यहां जगह-जगह पर मामूली बारिश से ही जलजमाव भी हो गया। खासतौर से
गुरुग्राम में जगह-जगह भरा पानी मॉनसून आने से पहले ही लोगों के लिए
परेशानी का सबब बन गया। उत्तराखंड में भी लोग अभी भरपूर बरसात का मजा नहीं
ले पाए हैं। लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी है कि यहां अगले 72 घंटो में
भारी बारिश हो सकती है। उत्तर भारत के अलावा गुजरात में भी बारिश कम ही
दर्ज की गई है। पूरे राज्य में सामान्य से 14 फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं
राज्य के कुल 33 जिलों में से 13 जिलों में 10 फीसदी से कम बारिश हुई है।
15 जुलाई 2016
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