इंडोनेशिया मे हमेशा से ही
भारतीय मूंगफली को सराहा गया है लेकिन फरवरी माह मे इंडोनेशिया ने भारतीय
मूंगफली की क्वालिटी पर सवाल उठाए है। इससे पहले वियतनाम ने इस पर सवाल
खड़ा किया था। जिसके कारण पिछले साल वियतनाम ने भारतीय मूंगफली पर बैन लगा
दिया था जिसके कारण एक्सपोर्ट 25 फीसदी तक घटा लेकिन फरवरी मे इसका इंपोर्ट
फिर से शुरू किया गया है। वियतनाम के बाद इंडोनशिया भारत को दूसरा
मूंगलफली इंपोर्टर देश है। इंडोनेशिया ने भारत की मूंगफली में एफ्लाटॉक्सिन
रसायन पाए जाने की शिकायत की है जो कैंसर की वजह बनता है। यह रसायन फफूंदी
से बनता है। इंडोनेशिया, भारत से इंपोर्ट की जाने वाली मूंगफली को अपने
यहां से सर्टिफाइड लैब मे टेस्ट करना चाहता है। तिलहन के एक्सपोर्ट को
बढ़ावा देने वाले संस्था आईओपीईपीसी के सूत्रों के मुताबिक भारतीय मूंगफली
लैब में टेस्ट करने के बाद एक्सपोर्ट की जाती है लेकिन जिन लैब्स में
मूंगफली का टेस्ट किया गया है, वे सभी इंडोनेशिया से सर्टिफाइड नहीं हैं।
अभी इंडोनेशिया ने भारत में केवल 6 लैब्स सर्टिफाई की हैं, जबकि जरूरत
15-20 लैब की है। अप्रैल में इंडोनेशिया को मूंगफली एक्सपोर्ट में 12 फीसदी
की कमी दर्ज की गई है। अप्रैल 2015 में इंडोनेशिया को 15,628 लाख टन
मूंगफली का एक्सपोर्ट हुआ था, जबकि अप्रैल 2016 में यह आंकड़ा 13,794 लाख
टन रहा।
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