आलू के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे मे केंद्र सरकार ने आलू के
निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए इसके निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य
(एमईपी) लगा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने आज आलू के निर्यात के
लिए 360 डॉलर प्रति टन के एमईपी की अधिसूचना जारी कर दी। एमईपी लगाने का
उद्देश्य घरेलू बाजार में आलू की आपूर्ति बढ़ाना है। इससे पहले केंद्र
सरकार ने फरवरी 2015 में आलू के दाम काफी गिरने के कारण इसके निर्यात पर
एमईपी की बाध्यता हटा दी थी। सरकार द्वारा 360 डॉलर के आधार पर अब रुपये
में आलू का न्यूनतम निर्यात मूल्य करीब 24,242 रुपये प्रति टन हो गया है।
इस माह देश भर के घरेलू खुदरा बाजार में आलू के दाम 2 से 4 रुपये
प्रति किलो बढ़ चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के खुदरा बाजार
में आलू 29 रुपये किलो बिक रहा है। जानकारों के मुताबिक आलू महंगा होने की
वजह आलू उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण खेतों में लगी फसल को नुकसान
पहुंचना है। राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठïान के मुताबिक
वर्ष 2014-15 में 4.8 करोड़ टन आलू पैदा हुआ, जबकि वर्ष 2013-14 में यह
आंकड़ा 4.15 करोड़ टन रहा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें