केंद्रीय
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि बेहतर मॉनसून के कारण चालू फसल
वर्ष में दलहन का उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़कर दो करोड़ टन हो सकता है जिसके
कारण खुदरा कीमतों को कम करने में मदद मिल सकती है। पासवान ने कहा कि
केंद्र सरकार दलहन की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है
और उसने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और मूल्यवृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए कई
कदम उठाए हैं लेकिन उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि राज्य पर्याप्त उपाय
नहीं कर रहे हैं। राज्यों से बराबर की जिम्मेदारी लेने को कहते हुए मंत्री
ने कहा कि राज्यों को केंद्रीय बफर स्टॉक से दलहनों की उठान करनी चाहिए और
खुदरा वितरण के लिए इसकी कीमत 120 रुपये प्रति किलो से अधिक नहीं होनी
चाहिए। फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में उत्पादन संभावना के बारे में
पूछने पर पासवान ने संवाददाताओं से कहा, 'वित्त मंत्री को कहा गया है कि इस
वर्ष दलहन उत्पादन दो करोड़ टन का होगा। यह बाजार में कीमतों को कम करने
में मदद करेगा।' सूखा पडऩे के कारण फसल वर्ष 2014-15 में दलहन उत्पादन
घटकर एक करोड़ 71.5 लाख टन रह गया जो उसके पिछले वर्ष में 1.9 करोड़ टन का
हुआ था। खराब मॉनसून रहने के कारण वर्ष 2015-16 में दलहन उत्पादन घटकर एक
करोड़ 70.6 लाख टन रह गया। दलहन की वार्षिक घरेलू मांग 2.35 करोड़ टन की
है। पासवान ने कहा, 'सरकार दलहनों की कीमतों को कम करने के बारे में गंभीर
है। हम बाजार में आपूर्ति को बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए
हर संभव उपाय कर रहे हैं। जब कभी भी आपूर्ति और मांग में खाई बढ़ती है दलहन
की कीमतों में तेजी आती है। यह खाई बढऩा कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि
उत्पादन में कमी आना अथवा इसकी जमाखोरी किया जाना।' उन्होंने कहा कि
कीमत बढऩे की स्थिति में बाजार हस्तक्षेप करने के लिए केन्द्र सरकार बफर
स्टॉक को बनाने और उससे सस्ती दरों पर बिक्री करने के लिए व्यवस्था करने
में लगी है। अन्य कदमों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मोजाम्बिक से
दीर्घावधिक आधार पर सरकार के स्तर पर तुअर (अरहर) दाल का आयात किया जाएगा।
यह आयात न्यूनतम समर्थन मूल्य में परिवहन लागत को जोड़कर किया जाएगा।
पासवान ने कहा, 'मोजाम्बिक में चूंकि उत्पादन कम हुआ है, इसलिए पहले वर्ष
हम करीब एक लाख टन दाल का आयात करेंगे और दूसरे वर्ष 1.23 लाख टन दलहन का
आयात करेंगे। पांचवें वर्ष तक आयात का स्तर दो लाख टन तक पहुंच जाएगा।'
सरकार उड़द दाल के आयात के लिए म्यांमार से वार्ता की प्रक्रिया में है (BS HIndi)
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