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09 फ़रवरी 2016

वैश्विक खाद्यान्न के दाम सात सालों के निम्नतम स्तर पर


कृषि जिंसों में आई तेज गिरावट से वैश्विक खाद्यान्न की कीमतें लगभग सात सालों के सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि बेंचमार्क फूड प्राइज इंडेक्स में दिसंबर 2015 की तुलना में जनवरी में 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। जनवरी में यह फूड प्राइज इंडेक्स पिछले साल से 16 प्रतिशत नीचे औसतन 150.4 अंकों पर रहा जो अप्रैल 2009 के बाद से सबसे निचले स्तर पर दर्ज किया गया।
 बुनियादी खाद्य जिंसों की कीमतों में आई इस गिरावट के मुख्य कारण हैं सामान्य रूप से व्याप्त कृषि आपूर्ति की परिस्थितियां, सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था और अमेरिका डॉलर का विस्तार। फरवरी में एफएओ ने 2016 में दुनियाभर के अनाज भंडार के लिए भी अपना पूर्वानुमान जताया है। अपनी एक रिपोर्ट में एफएओ ने कहा है कि 2015 में दुनिया का अनाज उत्पादन 253.1 करोड़ टन के आस-पास रहने का अनुमान है जो दिसंबर में बताए गए उत्पादन से 39 लाख टन ज्यादा है। हालांकि यह 2014 में दर्ज किए गए उत्पादन से 3.01 करोड़ टन (1.2 प्रतिशत) से कम है। इस महीने के सुधार अधिकांश रूप में मुख्यत: कनाडा व रूस में गेहूं और चीन, कनाडा व पैरागुए में मोटे अनाजों में हुई सकारात्मक उपज को दर्शाता है। यूरोपीय संघ, सूडान, रूस, यूक्रेन और अमेरिका में मोटे अनाजों के उत्पादन में कमी से यह प्रतिकारी प्रभाव दिखा है। 2015 में चावल उत्पादन के लिए भी कुछ पूर्वानुमान जताए हैं। एफएओ ने 2015-16 में दुनिया के मोटे अनाजों के अनुमान में इनका उपयोग 23 लाख टन तक कम किया है। पिछली रिपोर्ट में इसे 252.7 करोड़ टन बताया गया था। यह 2014-15 से मात्र 0.8 प्रतिशत ही ज्यादा है।
 मोटे अनाज का खाद्य उपभोग 109.6 करोड़ टन बताया गया है जो 2014-15 से 1.2 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि पशुओं के चारा उपभोग के बारे में 90.6 करोड़ टन का पूर्वानुमान लगाया गया है जो 2014-15 की तुलना में 1.3 प्रतिशत ज्यादा है। एफएओ शुगर प्राइज इंडेक्स में दिसंबर से 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। चार महीनों में यह पहली गिरावट है। दुनिया के प्रमुख चीनी उत्पादक और निर्यातक ब्राजील में अच्छी फसल के कारण ऐसा हुआ है। यूरोपीय संघ और न्यूजीलैंड में व्यापक आपूर्ति और दुनिया की आयात मांग में सुस्ती की वजह से डेयरी प्राइज इंडेक्स तीन प्रतिशत तक गिरा है। प्रचुर वैश्विक आपूर्ति और खासकर गेहूं व मक्के के लिए निर्यात बाजारों में तेज प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ मजबूत अमेरिकी डॉलर के बीच इसका सीरीअल प्राइज इंडेक्स 1.7 प्रतिशत (149.1 अंक) गिरा है।
 दक्षिणी अफ्रीका में 2016 के लिए फसल संभावनाओं में 'गंभीर ह्रास' हुआ है और अब वहां गेहूं उत्पादन में 25 प्रतिशत की कमी लग रही है। रूसी संघ और यूरोपीय संघ में फसलों की परिस्थितियां सामान्य रूप से अनुकूल हैं, लेकिन यूक्रेन और अमेरिका में सर्दी की रोपाई गिरी है। एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि  भारत में भी कमजोर मानसून और अक्टूबर से औसत से कम बारिश की वजह से गेहूं की खेती के क्षेत्र में कमी आने की संभावना है। कभी-कभार अपर्याप्त जल और आमतौर पर ज्यादा बारिश की वजह से भूमध्य रेखा के साथ और इसके दक्षिण में 2016 में चावल की संभावना 'मंद' है। (BS HIndi)

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