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04 फ़रवरी 2016

उत्पादन में कमी की आषंका से लालमिर्च तेज


आर एस राणा
नई दिल्ली। आंध्रप्रदेष में लालमिर्च की पैदावार पिछले साल की तुलना में घटने की आषंका है। जिसे देखते हुए मसाला कंपनियों के साथ ही स्टॉकिस्टों ने खरीद बढ़ा दी है इसीलिए इसकी कीमतों में तेजी देखी जा रही है। हालांकि उत्पादक मंडियों में लालमिर्च की दैनिक आवक और बढ़ेगी लेकिन स्टॉकिस्टों की खरीद को देखते हुए मौजूदा कीमतों में और भी तेजी आने की संभावना है।
गुरुवार को गुंटूर मंडी में लालमिर्च की दैनिक आवक 50,000 बोरी की हुई जबकि खम्मम मंडी मंडी में इसकी दैनिक आवक 30,000 बोरी की हुई। गुंटूर में 341 क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 11,500 से 12,500 रुपये तथा तेजा क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 11,500 से 12,200 रुपये प्रति क्विंटल रहे। ब्याडगी क्वालिटी की लालमिर्च के भाव मंडी में 11,300 से 12,000 रुपये तथा फटकी क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 7,500 से 8,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे। खम्मम मंडी में तेजा क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 11,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
चालू सीजन में आंध्रप्रदेष में लालमिर्च की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आषंका है जिससे इसकी कुल पैदावार पिछले साल की तुलना में कम रहेगी। इस समय लालमिर्च में घरेलू मसाला कंपनियों के साथ ही, निर्यातकों और स्टॉकिस्टों की खरीद अच्छी बनी हुई है जिससे इसकी मौजूदा कीमतों में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की और तेजी आने का अनुमान है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 की पहली छमाही में लालमिर्च का निर्यात बढ़कर 177,000 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित वर्ष की पहली छमाही में इसका निर्यात 164,081 टन का हुआ था।.......आर एस राणा

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