आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में गेहूं के दाम कम होने से गेहूं के निर्यात पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 9 महीनों में इसके निर्यात में 82 फीसदी की भारी कम आई है जबकि आगामी महीनों में भी विष्व बाजार में कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है। इसलिए आगे भी निर्यात कम ही रहेगा। ऐसे में केंद्रीय पूल में गेहूं का भंडारण ज्यादा करने के लिए भी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को काफी मष्क्कत करनी पड़ सकती है, साथ ही कई राज्यों में गेहूं के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे जा सकते हैं जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव नीचे बने हुए हैं जबकि भारतीय गेहूं के दाम उंचे है जिसका सीधा असर निर्यात पर पड़ रहा है। विष्व बाजार में भारतीय गेहूं का भाव 242 डॉलर प्रति टन है जबकि अमेरिकी गेहूं का भाव 184 डॉलर और अर्जेंटीना के गेहूं का भाव 200 डॉलर प्रति टन है। इसीलिए चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान देष से गेहूं के निर्यात में 82 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 5.5 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 27.5 लाख टन का निर्यात हुआ था। चालू वित वर्ष में उल्टा देष में करीब 5 लाख टन गेहूं का आयात हुआ था। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा आयात षुल्क में इजाफा करने से आयात कम हुआ है। वैसे भी नई फसल को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा आयात षुल्क को हटाने की उम्मीद भी नहीं है।
पहली अप्रैल से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद षुरु होनी है तथा केंद्र सरकार रबी विपणन सीजन 2016-17 के लिए 300 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले रबी विपणन सीजन में 280.88 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। केंद्र सरकार रबी विपणन सीजन 2016-17 के लिए गेहूं के एमएसपी में 75 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 1,525 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी विपणन सीजन में गेहूं का एमएसपी 1,450 रुपये प्रति क्विंटल था। केंद्रीय पूल में पहली दिसंबर को 368.26 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है जबकि इसमें 268.79 लाख टन गेहंू ही है।.......आर एस राणा
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