कैस्टर सीड (अरंडी बीज) वायदा में गड़बड़ी करने वाली चार ब्रोकर्स कंपनियों के कारोबार करने पर एनसीडीईएक्स ने रोक लगा दी। एनसीडीईएक्स के मुताबिक कैस्टर सीड मामले को लेकर ऑडिट फर्म की जांच में कुछ ब्रोकर्स के नाम सामने आए थे। दोषी पाए जाने पर इनके कारोबार करने पर रोक लगाई गई है। साथ ही एक्सचेंज ने आगे भी दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
जिंस एक्सचेंज एनसीडीईएक्स द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कैस्टर सीड में गड़बड़ी के मामले को लेकर एक्सचेंज ने जांच बैठाई थी जिसमें कुछ ब्रोकर्स और उनके कुछ क्लाइंटों की भूमिका सामने आई है। सेबी ने भी इस मामले में जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में एनसीडीईएक्स ने मिड इंडिया कमोडिटीज प्रा.लि., इनवेस्ट स्मार्ट कमोडिटीज लि., नियर ओशन मल्टीट्रेड प्रा.लि. और लियो ग्लोबल कमोडिटीज प्रा.लि. पर रोक लगाने की जानकारी दी है। ये ब्रोकर्स अब किसी भी नई कमोडिटी में सौदे नहीं कर पाएंगे। इन्हें केवल पुराने सौदे काटने की इजाजत होगी। एनसीडीईएक्स के प्रवक्ता का कहना है कि एक्सचेंज में वायदा कारोबार के नियम-कायदे लागू होते हैं और उसी आधार पर कारोबार करने की इजाजत है। यदि कोई भी सदस्य वायदा कारोबार और एक्सचेंज के नियमों का उल्लंघन करेंगा या दोषी पाया जाएगा तो उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक्सचेंज बाजार व निवेशकों के हितों के साथ किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं कर सकता है।
गौरतलब है कि 27 फरवरी को एनसीडीईएक्स ने अचानक कैस्टर सीड के कारोबार को बंद कर दिया था। निवेशकों और कमोडिटी ब्रोकर्स की तरफ से एनसीडीईएक्स के इस फैसले का विरोध किये जाने के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कैस्टर सीड वायदा बंद करने के मुद्दे पर एनसीडीईएक्स से इसकी वजह बताने को कहा है। सेबी ने पूछा है कि कैस्टर सीड का सबसे अधिक कारोबार होने वाली जिंस होने के बावजूद ऐसी क्या स्थिति बनी कि कारोबार बंद करना पड़ा। सेबी की ओर से पूछे गए सवाल के जबाव में एनसीडीईएक्स ने आज ऑडिट पेश की जिसमें चार ब्रोकर्स दोषी बताए गए हैं। सेबी के सूत्रों का कहना है कि बोर्ड ने दूसरी सभी जिंसों के वायदा सौदों की भी जांच करने का फैसला किया है जिसकी रिपोर्ट भी जल्द आ सकती है। इसीलिए आज एक्सचेंज ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कैस्टर सीड की कीमतों में भारी गिरावट और वायदा कारोबार बंद होने का असर मंडियों की आवक पर भी देखने को मिल रहा है। एगमार्क द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक देश में कैस्टर सीड के सबसे बड़े उत्पादक राज्य गुजरात में कैस्टर सीड की आवक में 49 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। जनवरी 2016 में 37,231 टन आवक दर्ज की गई, जबकि जनवरी 2015 में गुजरात की मंडियों में कैस्टर सीड की आवक 72,815 टन हुई थी। गुजरात की तरह राजस्थान में भी इस साल जनवरी में सिर्फ 289 टन कैस्टर सीड की आवक हुई, जबकि जनवरी 2015 में राज्य की मंडियों में 464 टन कैस्टर सीड की आवक दर्ज की गई थी। आंध्र प्रदेश में भी इस साल जनवरी में आवक घटकर 1,185 टन रह गई, जबकि पिछले साल जनवरी महीने में 1,555 टन कैस्टर सीड की आवक हुई थी।
कैस्टर सीड के बढ़ते विवाद के बाद अब ब्रोकिंग फर्में इस मुद्दे पर बोलने से कतरा रही हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार उत्पादन कम होने की आशंका है। ऐसे में कीमतें गिरना सटोरियों की तरफ तो इशारा करती ही हैं, साथ ही मंडियों में आवक गिरने की वजह से इस साल देश में कैस्टर सीड का उत्पादन भी कम होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। कैस्टर सीड उत्पादक प्रमुख राज्य राजस्थान में इस साल उत्पादन 21 फीसदी कम रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। राजस्थान कृषि विभाग द्वारा खरीफ सीजन 2015-16 के कृषि उपज के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस साल राज्य में कैस्टर सीड का उत्पादन घटकर 2.65 लाख टन रहने की संभावना। राजस्थान में पिछले साल करीब 3.35 लाख टन कैस्टर सीड का उत्पादन हुआ था। कृषि विभाग द्वारा सिंतबर 2015 में जारी किये गए पहले अग्रिम अनुमान में राज्य में इस साल 2.69 लाख टन कैस्टर सीड होने का अनुमान लगाया गया था।
देश में सबसे ज्यादा कैस्टर सीड का उत्पादन करने वाले गुजरात में भी इस बार उत्पादन कम होने की आशंका जताई जा रही है। गुजरात कृषि निदेशालय द्वारा जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमान के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015-16 में कैस्टर सीड का उत्पादन 12.66 लाख टन रहने की संभावना है। राज्य केपहले अग्रिम अनुमान में कैस्टर सीड का उत्पादन 14.56 लाख टन होने की संभावना जताई गई थी। राज्य में इस साल खरीफ सीजन में कैस्टर सीड का रकबा 6.77 लाख हेक्टेयर बताया जा रहा है, जबकि पिछले साल 7.15 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। (BS Hindi)
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