नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने के कारण मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित उड़द की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि केंद्र सरकार द्वारा आयात शुल्क में कटौती से मसूर में नरमी आई।
बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी में 50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,600-6,650 रुपये और 6,500-6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि उड़द की आवक विदेश से बराबर बनी हुई है, साथ ही समर की देसी उड़द भी आ रही है लेकिन चालू खरीफ में बुआई में आई 23 फीसदी की गिरावट के कारण मिलों की हाजिर मांग में सुधार देखा गया।
केंद्र सरकार द्वारा मसूर के आयात शुल्क को 30 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी करने, से मसूर की कीमतों पर दबाव देखा गया। कनाडा लाईन की मसूर के भाव मुंबई मुंद्रा और कांडला बंदरगाह पर तथा ऑस्ट्रेलियाई मसूर भाव मुंबई में क्रमशः 50-100 रुपये प्रति क्विंटल घट गए। मसूर के आयात पर कृषि सेस को भी केंद्र सरकार ने 20 से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा, विदेशों से आवक होने के कारण भी कीमतों पर दबाव देखा गया।
बर्मा लाईन की लेमन अरहर नई के साथ ही पुरानी के भाव क्रमश: 6,250 रुपये और 6,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। वहीं, अरुषा अरहर के भाव 6,050-6,100 रुपये पर पर स्थिर बने रहे।
इस बीच दालों में खुदरा के साथ ही थोक में मांग कमजोर ही बनी रही, लेकिन खपत का सीजन शुरू होने के कारण आगे दालों की मांग में सुधार आने की उम्मीद है।
सरकार की नीतियों को देखते हुए व्यापारी अभी दालों की खरीद कम कर रहे हैं।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अगस्त वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 7 रुपये की तेजी आई, जबकि सितंबर वायदा अनुबंध में इसके भाव में 6 रुपये का सुधार आया।
27 जुलाई 2021
मुंबई में दाल मिलों की मांग से आयातित उड़द तेज, मसूर में नरमी और अरहर स्थिर
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