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17 जुलाई 2021

मानसून की बारिश कम होने से खरीफ फसलों की बुआई 11 फीसदी से ज्यादा पिछड़ी

नई दिल्ली। मानसूनी सीजन का डेढ़ महीना बीतने के बावजूद भी देशभर में सामान्य की तुलना में 7 फीसदी कम बारिश हुई है, जिसका असर खरीफ फसलों की बुआई पर पड़ रहा है। देशभर में पहली जून से 16 जुलाई 2021 तक बारिश सामान्य की तुलना में 7 फीसदी कम हुई है, जिस कारण खरीफ फसलों की बुआई 11.56 फीसदी पिछे चल रही है।

भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार पहली जून से 16 जुलाई तक देशभर में 287.7 मिलीमीटर बारिश ही हुई है, जबकि सामान्य इस दौरान 308.4 मिलीमीटर बारिश होती है। देश के 36 सबडिवीजनों में से 14 यानि की करीब 41 फीसदी हिस्से में बारिश सामान्य की तुलना में कम हुई है। कई राज्यों में हालात यह है कि किसानों को दोबारा से फसलों की बुआई करनी पड़ रही है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में 16 जुलाई 2021 को जारी आंकड़ों के अनुसार फसलों की बुआई 11.56 फीसदी पिछड़कर केवल 611.89 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई 691.93 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में गन्ने और अरहर की बुआई तो बढ़ी है, लेकिन अन्य दलहन के साथ ही तिलहन एवं मोटे अनाज और कपास की बुआई में पिछड़ रही है।

कपास की बुआई चालू खरीफ में घटकर 98.38 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इसकी बुआई 113.01 लाख हेक्टयेर में हो चुकी थी।

धान की रोपाई चालू खरीफ में घटकर 161.97 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जोकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि के 174.44 लाख हेक्टेयर से कम है।

दलहनी फसलों की बुआई चालू खरीफ में घटकर 70.64 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई 80.36 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई चालू खरीफ में थोड़ी बढ़कर 32.79 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले खरीफ में इसकी बुआई 32.20 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। अन्य दालों में उड़द की बुआई घटकर 17.87 और मूंग की 16.37 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 23.29 और 20.66 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

मोटे अनाजों की बुआई चालू खरीफ में घटकर 91.34 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई 115.07 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। मोटे अनाजों में बाजरा की बुआई चालू खरीफ में 22.02 लाख हेक्टेयर में, ज्वार की 6.85 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले खरीफ की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 36.60 और 9.34 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। मक्का की बुआई चालू खरीफ में 58.86 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि के 63.80 लाख हेक्टेयर से कम है।

तिलहनी फसलों की बुआई चालू खरीफ में 128.91 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि के 149.35 लाख हेक्टेयर के मुकाबले कम है। तिलहनी फसलों में सोयाबीन की बुआई 93.23 लाख हेक्टेयर में और मूंगफली की 30.34 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 105.84 और 37.27 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। अन्य तिलहन में शीसम की बुआई 4.15 लाख हेक्टेयर में और केस्टर की 0.16 लाख हेक्टेययर में ही हो पाई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 5.01 और 0.31 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

गन्ने की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 53.70 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले खरीफ में इसकी बुआई केवल 52.82 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

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