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15 जुलाई 2021

मुंबई में आयातित मसूर की कीमतों में गिरावट, अन्य दालों के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।

केंद्र सरकार द्वारा दालों पर स्टॉक लिमिट लगाए जाने के बाद दलहन की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। केन्द्र सरकार ने राज्यों के साथ यह जानकारी भी साझा की है कि क्या उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा विकसित पोर्टल पर स्टॉकिस्टों द्वारा घोषित स्टॉक तथा दलहन स्टॉक के लिए बैंक से लिए गए ऋण या फिर आयातकों द्वारा आयातित मात्रा के बीच मेल खा रही है या नहीं। राज्य सरकारों से स्टॉक लिमिट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को भी कहा गया है।

व्यापारियों को आयात होने वाली उड़द और अरहर को लेकर डर है, क्योंकि बड़ी मात्रा में उड़द और अरहर, बर्मा से भारत के बीच रास्ते में है।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण कनाडा लाईन की मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह के साथ ही ऑस्ट्रेलिया लाईन के मसूर के दाम मुंबई में 50 रुपये प्रति क्विंटल घट गए।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बर्मा लाईन की लेमन अरहर, नई के साथ ही पुरानी की कीमतें क्रमशः 6,050 रुपये और 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। इसी तरह से अरुषा अरहर के भाव भी 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

विदेश से चेन्नई में लगातार आवक बनने के साथ ही दाल मिलों की कमजोर मांग से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमशः 6,150 रुपये और 6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रही।

रूस और सूडान लाईन के काबुली चना के भाव क्रमश: 4,850 रुपये और 5,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हालांकि काबूली चना के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क है, जिस कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।

इसी तरह, तंजानिया लाईन के चना के भाव 4,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। नेफेड विभिन्न राज्यों में खरीदे गए चना के स्टॉक की लगातार बिकवाली कर रही है, जिस कारण चना की कीमतों पर दबाव है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 37 रुपये की तेजी आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसके भाव में 5 रुपये का सुधार आया।

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