नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि चना के साथ ही काबूली चना के दाम स्थिर बने रहे।
केंद्र सरकार द्वारा दालों पर स्टॉक लिमिट लगाए जाने के बाद दलहन की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। केन्द्र सरकार ने राज्यों के साथ यह जानकारी भी साझा की है कि क्या उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा विकसित पोर्टल पर स्टॉकिस्टों द्वारा घोषित स्टॉक तथा दलहन स्टॉक बैंक से लिए गए ऋण या फिर आयातकों द्वारा आयातित मात्रा के बीच मेल खा रही है या नहीं। राज्य सरकारों से स्टॉक लिमिट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को भी कहा गया है।
व्यापारियों को आयात होने वाली उड़द और अरहर को लेकर डर है, क्योंकि बड़ी मात्रा में उड़द और अरहर, बर्मा से भारत के बीच रास्ते में है। केंद्र सरकार द्वारा स्टॉक लिमिट लगाने के बाद से स्टॉकिस्ट, कॉरपोरेट्स और बड़ी कंपनियों पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बर्मा लाईन की लेमन अरहर, नई के साथ ही पुरानी की कीमतों में भी 100—100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 5,900 रुपये और 5,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अरुषा अरहर के भाव भी 100 रुपये घटकर 5,800 से 5,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
विदेश से चेन्नई में लगातार आवक बनने के साथ ही दाल मिलों की कमजोर मांग से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 25-25 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 6,100 रुपये और 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण कनाडा लाईन की मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा और कांडला बंदरगाह के साथ ही ऑस्ट्रेलिया लाईन के मसूर के दाम मुंबई में 50 रुपये प्रति क्विंटल घट गए।
रूस और सूडान लाईन के काबुली चना के भाव क्रमश: 4,850 रुपये और 5,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। काबूली चना के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क है, जिस कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।
इसी तरह, तंजानिया लाईन के चना के भाव 4,450 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। नेफेड विभिन्न राज्यों में खरीदे गए चना के स्टॉक की लगातार बिकवाली कर रही है।
17 जुलाई 2021
मुंबई : आयातित अरहर, उड़द के साथ ही मसूर मंदी, चना और काबूली चना स्थिर
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