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07 जुलाई 2021

नीचे भाव में मिलों की मांग बढ़ने से मुंबई में अधिकांश दालों के दाम तेज

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर, उड़द, मसूर के साथ ही काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

केंद्र सरकार द्वारा दालों की कीमतों को काबू करने के लिए दलहन पर स्टॉक सीमा लगाने के विरोध में कई राज्यों की मंडियां लगभग बंद होने के कारण व्यापार सीमित मात्रा में हो रहा है। व्यापारियों का कहना है कि अगर सरकार ने इस आदेश को वापस नहीं लिया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

आयातकों में दहशत है क्योंकि आयातित उड़द और अरहर की बड़ी खेप बर्मा और भारत के रास्ते में है। दालों में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है, लेकिन व्यापारियों का मानना है कि भाव नीचे होने के कारण आगे दालों की मांग में सुधार आने का अनुमान है।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से लेमन अरहर नई और पुरानी की कीमतों में 50-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,200 रुपये और 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अरुषा अरहर के दाम भी 50 रुपये तेज होकर भाव 5,900-5,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सूडान की नई और पुरानी अरहर के दाम क्रमश: 6,500 और 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

विदेश से चेन्नई में लगातार आवक बनी रहने के बावजूद भी मिलों की अच्छी मांग से बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 75-125 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6,300 रुपये और 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। घरेलू मंडियां बंद होने के कारण समर उड़द की आवक सीमित मात्रा में ही हुई।

दाल मिलों की हाजिर मांग सुधरने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई में 25 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। हालांकि पहले से आयातित मसूर और हाजिर में हो रही आयातित मसूर की कीमतों के बीच अंतर है, जिससे भाव में और सुधार आने का अनुमान है, वैसे भी अभी तक सरकार ने मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है।

इसी तरह, रुस और सुडान के काबूली चना में मिलों की मांग से कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। काबूली चना पर 40 फीसदी सीमा शुल्क लगने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 28 रुपये की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसके भाव में 33 रुपये का मंदा आया।

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