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28 जुलाई 2021

मुंबई में अरहर, उड़द, चना और काबूली चना में तेजी, मसूर में नरमी

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने के कारण बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर, उड़द के साथ ही चना और ​काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि केंद्र सरकार द्वारा आयात शुल्क में कटौती करने से मसूर में नरमी आई।

बर्मा से 21,000 टन अरहर और उड़द लाने वाला वेसल M V VTC PLANET के 3 अगस्त, 2021 को मुंबई बंदरगाह पर पहुंचने की उम्मीद है। पहले इस जहाज के 28 जुलाई को आने की उम्मीद थी।

विदेश से आयात बना रहने एवं बुआई में हुई 5.37 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद दाल मिलों की हाजिर मांग बनी रहने से बर्मा लाईन की लेमन अरहर नई के साथ ही पुरानी में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,325 से 6,350 रुपये और 6,225 से 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। वहीं, अरुषा अरहर के भाव 6,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मोजाम्बिक लाईन की गजरी किस्म अरहर के भाव भी 6,050 रुपये पर स्थिर रहे।

बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी में 50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,700 रुपये और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि उड़द की आवक विदेश से बराबर बनी हुई है, साथ ही समर की देसी उड़द भी आ रही है लेकिन चालू खरीफ में बुआई में आई 23 फीसदी की गिरावट के कारण मिलों की हाजिर मांग में सुधार देखा गया।

केंद्र सरकार द्वारा मसूर के आयात शुल्क को 30 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी करने, से मसूर की कीमतों पर दबाव देखा गया। कनाडा लाईन की मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा और कांडला बंदरगाह पर तथा ऑस्ट्रेलियाई मसूर भाव मुंबई में क्रमशः 50-150 रुपये प्रति क्विंटल घट गए। मसूर के आयात पर कृषि सेस को भी केंद्र सरकार ने 20 से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा, विदेशों से आवक होने के कारण भी कीमतों पर दबाव देखा गया।

वायदा कीमतों मेें आई तेजी के साथ ही दाल मिलों की हाजिर मांग से सूडान लाईन के काबुली चना में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 5,200-5,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान रूस लाईन के काबुली चना के भाव 5,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।

इसी तरह, से तंजानिया चना के भाव भी 25 रुपये बढ़कर 4,625 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि विभिन्न राज्यों में नेफेड खरीदे गए चना के स्टॉक की लगातार बिकवाली कर रही है, लेकिन नीचे दाम पर मिलों की मांग में सुधार आया।

इस बीच दालों में खुदरा के साथ ही थोक में मांग कमजोर ही बनी रही, लेकिन खपत का सीजन शुरू होने के कारण आगे दालों की मांग में सुधार आने की उम्मीद है।

सरकार की नीतियों को देखते हुए व्यापारी अभी दालों की खरीद कम कर रहे हैं।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अगस्त वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 79 रुपये की तेजी आई, जबकि सितंबर वायदा अनुबंध में इसके भाव में 67 रुपये का सुधार आया।

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