जुलाई मध्य के बाद केस्टर सीड की नई फसल की बुवाई होगी षुरु
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में केस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 90,396 टन का हुआ है। हालांकि ग्रीस संकट के कारण चीन के आयात सौदे चालू सप्ताह में कम हुए हैं जिससे उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड की कीमतें घट हैं। गुरूवार को उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के भाव 3,875 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
केस्टर तेल के निर्यातक कुषल राज पारिख ने बताया कि ग्रीस संकट का असर केस्टर तेल के आयात सौदों पर पड़ा है। उन्होंने बताया कि केस्टर तेल का सबसे बड़ा आयातक देष चीन है तथा चालू सप्ताह में इसके सौदे कम हुए है लेकिन उम्मीद है कि चालू महीने में केस्टर तेल का कुल निर्यात पिछले साल के जुलाई महीने के बराबर ही होगा। उन्होंने बताया कि ग्रीस संकट का असर देष से केस्टर तेल के कुल निर्यात पर नहीं पड़ेगा तथा पिछले साल देष से कुल 4.59 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ था जबकि चालू वित्त वर्ष में इसमें पांच से सात फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। केस्टर तेल के निर्यात सौदे इस समय 1,280 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं।
केस्टर कारोबारी प्रकाष भाई ने बताया कि उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक घटकर 30 से 35 हजार बोरी (एक बोरी-75 किलो) की रह गई है लेकिन मिलों की मांग कम होने से भाव में गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि जून महीने में उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिष हुई थी लेकिन केस्टर सीड की बुवाई 15 जुलाई के बाद षुरु होगी, ऐसे में चालू महीने में होने वाली बारिष केस्टर सीड की फसल के लिए अहम है। पिछले आठ-दस दिनों से उत्पादक राज्यों में बारिष नहीं हुई है ऐसे में उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड की मौजूदा कीमतों में और गिरावट की संभावना नहीं है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में केस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 90,396 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2014-15 के पहले महीनों में 85,837 टन तेल का ही निर्यात हुआ था। एसईए के अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 में देष से कुल 4.59 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ था।.....आर एस राणा
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