बीते कुछ दिनों से प्याज के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। मुख्य उत्पादक
क्षेत्रों में अब तक हुई कम बारिश से प्याज की बुआई घटने का अंदेशा है। आगे
दाम और बढऩे की उम्मीद में स्टॉकिस्ट प्याज की आवक रोक रहे हैं। हालांकि
बीते तीन में बड़ी तेजी का फायदा उठाने के लिए उन्होंने आवक बढ़ाई है।
जानकारों के मुताबिक प्याज के दाम और बढ़ सकते हैं। हालांकि कीमतों में
तेजी बारिश से नई फसल में देरी और फसल को नुकसान पर निर्भर करेगी। केंद्र
सरकार ने प्याज कीमतों में तेजी रोकने के लिए पिछले माह प्याज का न्यूनतम
निर्यात मूल्य 250 डॉलर से बढ़ाकर 425 डॉलर प्रति टन किया था। जिससे
निर्यात पर अंकुश के जरिये घरेलू बाजार में आपूर्ति पर्याप्त रखी जा सके।
राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठïान(एनएचआरडीएफ)से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सप्ताह महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज की मॉडल कीमत 1,680 रुपये से बढ़कर 2,025 रुपये, दिल्ली में कीमत 1,545 रुपये से बढ़कर 1,629 रुपये और इंदौर में कीमत 1,375 रुपये से बढ़कर 1,625 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। पिंपलगांव कृषि उपज विपणन समिति के निदेशक अतुल शाह ने बताया मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश से खरीफ सत्र में प्याज की बुआई कम हो सकती है। जिससे आने वाले दिनों में प्याज के दाम 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं। पहले सरकारी सख्ती से स्टॉकिस्टों को प्याज के दाम गिरने का डर था। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। दिल्ली आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी पीएम शर्मा ने बताया कि इस बार किसानों की प्याज की कीमत कम ही मिली है। इसलिए किसान अब मंडियों में कम प्याज ला रहे हैं और आगे हर साल की तरह बारिश से फसल खराब होने का खतरा भी है। इन हालात में आगे प्याज के दाम बढ़ सकते हैं।
उद्योग संगठन एसोचैम ने बरसात के मौसम में प्याज 10-15 फीसदी महंगा होने की संभावना जताई है। एसोचैम ने कहा कि मौजूदा स्तर से प्याज कीमतों में बढ़ोतरी होने का उपभोक्ता कीमत सूचकांक महंगाई पर दबाव पड़ेगा। इससे बचने के लिए एसोचैम ने समय रहते और वास्तविकता के आधार पर फसल और राज्यवार इसकी खपत की पूर्ति का आकलन करने का सुझाव दिया है। सरकार ने स्मॉल फामर्स एग्रीकल्चर बिजनेस कंसोर्टियम,नेफेड के माध्यम से 30,000 टन प्याज का बफर स्टॉक करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह मात्रा बहुत कम है। (BS Hindi)
राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठïान(एनएचआरडीएफ)से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सप्ताह महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज की मॉडल कीमत 1,680 रुपये से बढ़कर 2,025 रुपये, दिल्ली में कीमत 1,545 रुपये से बढ़कर 1,629 रुपये और इंदौर में कीमत 1,375 रुपये से बढ़कर 1,625 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। पिंपलगांव कृषि उपज विपणन समिति के निदेशक अतुल शाह ने बताया मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश से खरीफ सत्र में प्याज की बुआई कम हो सकती है। जिससे आने वाले दिनों में प्याज के दाम 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं। पहले सरकारी सख्ती से स्टॉकिस्टों को प्याज के दाम गिरने का डर था। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। दिल्ली आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी पीएम शर्मा ने बताया कि इस बार किसानों की प्याज की कीमत कम ही मिली है। इसलिए किसान अब मंडियों में कम प्याज ला रहे हैं और आगे हर साल की तरह बारिश से फसल खराब होने का खतरा भी है। इन हालात में आगे प्याज के दाम बढ़ सकते हैं।
उद्योग संगठन एसोचैम ने बरसात के मौसम में प्याज 10-15 फीसदी महंगा होने की संभावना जताई है। एसोचैम ने कहा कि मौजूदा स्तर से प्याज कीमतों में बढ़ोतरी होने का उपभोक्ता कीमत सूचकांक महंगाई पर दबाव पड़ेगा। इससे बचने के लिए एसोचैम ने समय रहते और वास्तविकता के आधार पर फसल और राज्यवार इसकी खपत की पूर्ति का आकलन करने का सुझाव दिया है। सरकार ने स्मॉल फामर्स एग्रीकल्चर बिजनेस कंसोर्टियम,नेफेड के माध्यम से 30,000 टन प्याज का बफर स्टॉक करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह मात्रा बहुत कम है। (BS Hindi)
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