08 नवंबर 2013
एनएसईएल के डायरेक्टरों की भूमिका भी जांच के घेरे में
किस बात की जांच
यह पता लगाया जा रहा है कि क्या कंपनी बोर्ड के स्तर पर भी नियमों का किया गया है उल्लंघन
एनएसईएल, एफटीआईएल और एमसीएक्स के रिकॉड्र्स से संबंधित जांच रिपोर्ट जल्द ही मिलने की आशा
एफटीआईएल के डायरेक्टरों की भूमिका की भी जांच कर रहा है कंपनी मामलात मंत्रालय
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) में हुए घोटाले की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। कंपनी मामलों का मंत्रालय अब एनएसईएल और इसकी जनक कंपनी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज इंडिया लि. (एफटीआईएल) के डायरेक्टरों की भूमिका की भी जांच कर रहा है। इसके तहत यह पता लगाया जा रहा है कि क्या कंपनी बोर्ड के स्तर पर भी नियमों का उल्लंघन हुआ है।
एनएसईएल में जारी संकट के चलते कई लोग पहले ही इसकी चपेट में आ चुके हैं। जहां एक ओर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं दूसरी ओर एनएसईएल एवं ग्रुप की कुछ फर्मों के बोर्ड में फेरबदल किए गए हैं। मालूम हो कि जिग्नेश शाह द्वारा प्रमोट किए गए फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज ग्रुप का ही एक हिस्सा एनएसईएल है।
कंपनी मामलों के मंत्रालय को एनएसईएल, एफटीआईएल और एमसीएक्स के रिकॉड्र्स से संबंधित जांच रिपोर्ट जल्द ही मिलने की आशा है। विभिन्न निकाय आखिरकार कंपनी एक्ट के प्रावधानों का पालन कर रहे हैं या नहीं, इसकी पड़ताल कंपनी मामलात मंत्रालय ही करता है।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय यह पता लगाने में जुट गया है कि एनएसईएल और अन्य निकायों ने कंपनी कानूनों का उल्लंघन किया है अथवा नहीं। सूत्रों के मुताबिक, इसके तहत संबंधित बोर्ड की भूमिका एवं जवाबदेही के साथ-साथ डायरेक्टरों के 'फिट व उपयुक्त' रहने संबंधी पैमाने की भी पड़ताल की जाएगी।
गौरतलब है कि कंपनी अधिनियम की धारा 209 ए के तहत तीन कंपनियों के खाता-बही की जांच के आदेश दिए गए हैं। जहां तक एनएसईएल का सवाल है, वह फिलहाल तकरीबन 5600 करोड़ रुपये के भुगतान संकट से जूझ रही है। मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ समेत कई जांच एजेंसियों ने इस कमोडिटी एक्सचेंज पर अपनी निगाहें जमा रखी हैं। (Business Bhaskar)
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