27 नवंबर 2013
एनएसईएल मसले पर सदस्यों को अलर्ट किया एनएमसीई ने
डिफॉल्टर कंपनियों के साथ लेनदेन में अतिरिक्त सावधानी बरतने का सुझाव
नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लि. (एनएसईएल) के भुगतान संकट और डिफॉल्टरों की समस्या सामने आने के बाद अपने सदस्यों को अलर्ट रहने की निर्देश दिया है। एक्सचेंज ने कहा है कि डिफॉल्टरों के साथ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लेनदेन करते समय सावधानी बरती जाए।
एनएसईएल में कुछ माह पहले 5600 करोड़ रुपये के भुगतान की समस्या पैदा हुई थी। भुगतान प्रक्रिया में दिक्कतें आने के बाद सरकार के निर्देश पर इस एक्सचेंज के कामकाज को रोक दिया गया था। जिग्नेश शाह द्वारा प्रवर्तित फाइनेंशियल टेक्नॉलोजीज की कंपनी एनएसईएल ने यह संकट सामने आने के बाद 19 कंपनियों और फर्मों को डिफॉल्टर घोषित किया है।
अहमदाबाद स्थित एनएमसीई ने सदस्य ब्रोकरों को भेजे पत्र में निर्देश दिया है कि एनएसईएल द्वारा जारी डिफॉल्टरों की सूची पर गौर करें। सदस्यों को इन कंपनियों के साथ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लेनदेन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।
एनएसईएल द्वारा 19 डिफॉल्टरों की सूची में एआरके इम्पोट्र्स प्रा. लि., लॉयल ओवरसीज फूड, लोटस रिफाइनरीज, एनके प्रोटीन्स, एनसीएस शुगर, स्पिन कॉट टेक्सटाइल्स और ताविशी एंटरप्राइजेज के नाम हैं। इस सूची में विमलादेवी एग्रोटेक, याथुरी एसोसिएट्स, एलओआईएल कांटीनेंटल फूड, एलओएल हैल्थ फूड, मोहन इंडिया, नामधारी फूड इंटरनेशनल और नामधारी राइस एंड जनरल मिल्स भी शामिल हैं।
इसके अलावा वाटर फूड्स, श्री राधे ट्रेडिंग कंपनी, पीडी एग्रो प्रोसेसर्स, स्वास्तिक ओवरसीज कॉर्प और जुगरनॉट प्रोजेक्ट को भी डिफॉल्टर बताया गया है। राष्ट्रीय कमोडिटी एक्सचेंज के रूप में एनएमसीई प्लांटेशन, मसाले, अनाज, अलौह धातुओं और तिलहन व इसके उत्पादों में कारोबार की सुविधा देता है। (Business Bhaskar)
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