आर एस राणा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है तथा मंगलवार को एक डॉलर की कीमत 64.15 रुपये हो गई। इसका असर रुई के निर्यात पर पड़ रहा है, साथ ही इससे रुई का आयात सस्ता हो गया है इसलिए निर्यात पड़ते नहीं लग रहे हैं। दक्षिण भारत की मिलें रुई के आयात सौदे ज्यादा कर रही है। इस बार कपास के भाव उंचे रहे हैं इसलिए चालू सीजन में कपास की बुवाई 8 से 10 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। अतः आगामी दिनों में इसकी कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
इस समय निर्यातकों की मांग तो कम हुई ही है, साथ ही घरेलू यार्न मिलों की मांग भी पहले की तुलना में घटी है। इसलिए मौजूदा भाव में आगे तेजी की संभावना नहीं है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 42,700 से 43,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो रहे। उत्पादक राज्यों में कपास की दैनिक आवक 65 से 70 हजार गांठ की हो रही है।
उधर इंटरनेशनल कॉटर एडवाईजरी कमेटी का भी मानना है कि चालू सीजन 2017-18 में भारत में कपास की बुवाई 7 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में कपास की बुवाई बढ़कर 113 लाख हैक्टेयर तक पहुंचने का अनुमान है। विश्व स्तर पर भी कपास की बुवाई 5 फीसदी बढ़कर 308 लाख हैक्टेयर होने का अनुमान है।..............आर एस राणा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है तथा मंगलवार को एक डॉलर की कीमत 64.15 रुपये हो गई। इसका असर रुई के निर्यात पर पड़ रहा है, साथ ही इससे रुई का आयात सस्ता हो गया है इसलिए निर्यात पड़ते नहीं लग रहे हैं। दक्षिण भारत की मिलें रुई के आयात सौदे ज्यादा कर रही है। इस बार कपास के भाव उंचे रहे हैं इसलिए चालू सीजन में कपास की बुवाई 8 से 10 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। अतः आगामी दिनों में इसकी कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
इस समय निर्यातकों की मांग तो कम हुई ही है, साथ ही घरेलू यार्न मिलों की मांग भी पहले की तुलना में घटी है। इसलिए मौजूदा भाव में आगे तेजी की संभावना नहीं है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 42,700 से 43,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो रहे। उत्पादक राज्यों में कपास की दैनिक आवक 65 से 70 हजार गांठ की हो रही है।
उधर इंटरनेशनल कॉटर एडवाईजरी कमेटी का भी मानना है कि चालू सीजन 2017-18 में भारत में कपास की बुवाई 7 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में कपास की बुवाई बढ़कर 113 लाख हैक्टेयर तक पहुंचने का अनुमान है। विश्व स्तर पर भी कपास की बुवाई 5 फीसदी बढ़कर 308 लाख हैक्टेयर होने का अनुमान है।..............आर एस राणा
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