आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू बाजार में फसल सीजन 2016-17 में दलहन की रिकार्ड पैदावार से वित्त वर्ष 2017-18 में दलहन का आयात 20 फीसदी से ज्यादा कम होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016-17 में देश में रिकार्ड 66.1 टन दलहन का आयात हुआ था जबकि चालू वित्त वर्ष 2017-18 में आयात घटकर 45 से 46 लाख टन ही होने का अनुमान है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 में देश में दलहन का आयात 58 लाख टन का हुआ था। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में दालों का घरेलू उत्पादन बढ़कर रिकार्ड 224 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल केवल 163.5 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।
जानकारों के अनुसार घरेलू बाजार में उपलब्धता ज्यादा होने के कारण दलहन आयात में तो कमी आयेगी, लेकिन घेरलू बाजार में दालों की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। चना समेत सभी दलहन के आयात सौदे अगाउ महीनों के उंचे भाव में हो रहे हैं, साथ ही जुलाई-अगस्त में दालों की मांग में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे मौजूदा कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
चालू सीजन में खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर के भाव एमएसपी से काफी नीचे रहे हैं। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन के लिए अरहर का एमएसपी 5,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था, जबकि उत्पादक मंडियों में अरहर के भाव 3,700 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल रहे हैं, इसलिए चालू सीजन में अरहर की बुवाई में 15 से 20 फीसदी की कमी आने की आशंका है। केंद्र सरकार चाहती है कि चालू खरीफ में भी अरहर की बुवाई ज्यादा हो इसीलिए अगले खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए अरहर के एमएसपी में 400 रुपये की बढ़ोतरी कर एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार उड़द के एमएसपी में भी 400 रुपये की बढ़ोतरी कर खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए एमएसपी 5,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की योजना है इसके अलावा मूंग के एमएसपी में भी 350 रुपये की बढ़ोतरी कर एमएसपी 5,575 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की योजना है। ........... आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू बाजार में फसल सीजन 2016-17 में दलहन की रिकार्ड पैदावार से वित्त वर्ष 2017-18 में दलहन का आयात 20 फीसदी से ज्यादा कम होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016-17 में देश में रिकार्ड 66.1 टन दलहन का आयात हुआ था जबकि चालू वित्त वर्ष 2017-18 में आयात घटकर 45 से 46 लाख टन ही होने का अनुमान है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 में देश में दलहन का आयात 58 लाख टन का हुआ था। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में दालों का घरेलू उत्पादन बढ़कर रिकार्ड 224 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल केवल 163.5 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।
जानकारों के अनुसार घरेलू बाजार में उपलब्धता ज्यादा होने के कारण दलहन आयात में तो कमी आयेगी, लेकिन घेरलू बाजार में दालों की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। चना समेत सभी दलहन के आयात सौदे अगाउ महीनों के उंचे भाव में हो रहे हैं, साथ ही जुलाई-अगस्त में दालों की मांग में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे मौजूदा कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
चालू सीजन में खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर के भाव एमएसपी से काफी नीचे रहे हैं। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन के लिए अरहर का एमएसपी 5,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था, जबकि उत्पादक मंडियों में अरहर के भाव 3,700 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल रहे हैं, इसलिए चालू सीजन में अरहर की बुवाई में 15 से 20 फीसदी की कमी आने की आशंका है। केंद्र सरकार चाहती है कि चालू खरीफ में भी अरहर की बुवाई ज्यादा हो इसीलिए अगले खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए अरहर के एमएसपी में 400 रुपये की बढ़ोतरी कर एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार उड़द के एमएसपी में भी 400 रुपये की बढ़ोतरी कर खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए एमएसपी 5,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की योजना है इसके अलावा मूंग के एमएसपी में भी 350 रुपये की बढ़ोतरी कर एमएसपी 5,575 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की योजना है। ........... आर एस राणा
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