आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ने के फेयर एंड रिमेन्यूरेटिव (एफआरपी) में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने गन्ने का एफआरपी 25 रुपये बढ़ाकर अगले सीजन के लिए 255 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। चालू पेराई सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने का एफआरपी 230 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। गन्ने में रिकवरी की दर 9.5 फीसदी होने पर 255 रुपये प्रति क्विंटल का भाव चीनी मिलों को किसानों को देना होगा, रिकवरी की दर से ज्यादा होने पर चीनी मिलों को किसानों को एफआरपी पर प्रीमियम भी देना होता है।
महाराष्ट्र और कर्नाटका में सूखे जैसे हालात बनने के कारण चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर केवल 203 लाख टन होने का अनुमान है। उद्योग के अनुसार पेराई सीजन 2017-18 में गन्ने की बुवाई बढ़ने से चीनी का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन चालू सीजन में गन्ने की बुवाई पिछले साल की तुलना में भी कम हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में गन्ने की बुवाई अभी तक केवल 41.89 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई 42.25 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सामान्यतः गन्ने की बुवाई 48.96 लाख हैक्टेयर में होती है।.............आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ने के फेयर एंड रिमेन्यूरेटिव (एफआरपी) में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने गन्ने का एफआरपी 25 रुपये बढ़ाकर अगले सीजन के लिए 255 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। चालू पेराई सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने का एफआरपी 230 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। गन्ने में रिकवरी की दर 9.5 फीसदी होने पर 255 रुपये प्रति क्विंटल का भाव चीनी मिलों को किसानों को देना होगा, रिकवरी की दर से ज्यादा होने पर चीनी मिलों को किसानों को एफआरपी पर प्रीमियम भी देना होता है।
महाराष्ट्र और कर्नाटका में सूखे जैसे हालात बनने के कारण चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर केवल 203 लाख टन होने का अनुमान है। उद्योग के अनुसार पेराई सीजन 2017-18 में गन्ने की बुवाई बढ़ने से चीनी का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन चालू सीजन में गन्ने की बुवाई पिछले साल की तुलना में भी कम हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में गन्ने की बुवाई अभी तक केवल 41.89 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई 42.25 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सामान्यतः गन्ने की बुवाई 48.96 लाख हैक्टेयर में होती है।.............आर एस राणा
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