आर एस राणा
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने कपास के आयात पर 4 फीसदी आयात शुल्क लगाने के साथ ही 5 फीसदी का सेल टैक्स भी लगा गया है जोकि 15 जुलाई से प्रभावित होगा। पाकिस्तान सरकार ने घरेलू किसानों को राहत देने के लिए आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है। इससे भारत समेत अन्य देशों से पाकिस्तान को कपास का निर्यात महंगा हो जायेगा।
पिछले साल पाकिस्तान ने भारत से करीब 27 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास का आयात किया था, लेकिन चालू सीजन में पाकिस्तान में उत्पादन पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है इसलिए चालू सीजन में आयात में कमी आई है। पाकिस्तान में पिछले साल कपास का उत्पादन 105 लाख गांठ का ही हुआ था जबकि पाकिस्तान की सालाना खपत करीब 140 से 150 लाख गांठ की होती है। पिछले दो साल से पाकिस्तान में कपास के उत्पादन में कमी देखी जा रही है।
चालू सीजन में घरेलू मंडियों में कपास के भाव उंचे रहे है इसीलिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। हरियाणा में कपास की बुवाई 3.50 लाख हैक्टेयर से ज्यादा की हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 2.70 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। उत्तर भारत के राज्यों में कपास की बुवाई में 10 से 12 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।......... आर एस राणा
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने कपास के आयात पर 4 फीसदी आयात शुल्क लगाने के साथ ही 5 फीसदी का सेल टैक्स भी लगा गया है जोकि 15 जुलाई से प्रभावित होगा। पाकिस्तान सरकार ने घरेलू किसानों को राहत देने के लिए आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है। इससे भारत समेत अन्य देशों से पाकिस्तान को कपास का निर्यात महंगा हो जायेगा।
पिछले साल पाकिस्तान ने भारत से करीब 27 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास का आयात किया था, लेकिन चालू सीजन में पाकिस्तान में उत्पादन पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है इसलिए चालू सीजन में आयात में कमी आई है। पाकिस्तान में पिछले साल कपास का उत्पादन 105 लाख गांठ का ही हुआ था जबकि पाकिस्तान की सालाना खपत करीब 140 से 150 लाख गांठ की होती है। पिछले दो साल से पाकिस्तान में कपास के उत्पादन में कमी देखी जा रही है।
चालू सीजन में घरेलू मंडियों में कपास के भाव उंचे रहे है इसीलिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। हरियाणा में कपास की बुवाई 3.50 लाख हैक्टेयर से ज्यादा की हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 2.70 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। उत्तर भारत के राज्यों में कपास की बुवाई में 10 से 12 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।......... आर एस राणा
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