आर एस राणा
नई दिल्ली। अक्टूबर 2016 से शुरु हुए चालू पेराई सीजन में अभी तक उत्पादक मंडियों में 306.25 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की आवक हो चुकी है। कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू सीजन में कपास का उत्पादन 340.50 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल कपास का कुल उत्पादन 337.75 लाख गांठ का हुआ था।
सीआईए के अनुसार अप्रैल महीने में कपास की आवक बढ़कर 30.75 लाख गांठ की हुई है जबकि पिछले साल अप्रैल में केवल 22.25 लाख गांठ कपास की ही आवक हुई थी। कपास की उपलब्धता चालू सीजन में 410.50 लाख गांठ की रहेगी, जबकि देश में कपास की सालाना खपत 300 लाख गांठ की होती है, ऐसे में बकाया स्टॉक 110.50 लाख गांठ कपास का रहने का अनुमान है।
रुई में इस समय निर्यातकों के साथ ही यार्न मिलों की मांग कमजोर होने से भाव में मंदा बना हुआ है। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास की दैनिक आवक 42,000 से 42,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) के चल रहे हैं। रुई में इस समय निर्यातकों के साथ ही यार्न मिलों की मांग काफी कमजोर है इसलिए आगामी दिनों में मौजूदा की कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है।
उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों हरियाणा में कपास की बुवाई बढ़कर 5.83 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल राज्य में 5 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इसी तरह से पंजाब में चालू खरीफ में कपास की बुवाई बढ़कर 4.44 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 2.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। राजस्थान में चालू सीजन में कपास की बुवाई 1.10 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
कपास की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर अभी तक 11.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 8.84 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। कपास की बुवाई अभी शुरुआती चरण में है तथा चालू सीजन में कपास के भाव काफी उंचे रहे हैं जिसकी वजह से बुवाई पिछले साल से 10 से 12 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। ........... आर एस राणा
नई दिल्ली। अक्टूबर 2016 से शुरु हुए चालू पेराई सीजन में अभी तक उत्पादक मंडियों में 306.25 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की आवक हो चुकी है। कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू सीजन में कपास का उत्पादन 340.50 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल कपास का कुल उत्पादन 337.75 लाख गांठ का हुआ था।
सीआईए के अनुसार अप्रैल महीने में कपास की आवक बढ़कर 30.75 लाख गांठ की हुई है जबकि पिछले साल अप्रैल में केवल 22.25 लाख गांठ कपास की ही आवक हुई थी। कपास की उपलब्धता चालू सीजन में 410.50 लाख गांठ की रहेगी, जबकि देश में कपास की सालाना खपत 300 लाख गांठ की होती है, ऐसे में बकाया स्टॉक 110.50 लाख गांठ कपास का रहने का अनुमान है।
रुई में इस समय निर्यातकों के साथ ही यार्न मिलों की मांग कमजोर होने से भाव में मंदा बना हुआ है। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास की दैनिक आवक 42,000 से 42,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) के चल रहे हैं। रुई में इस समय निर्यातकों के साथ ही यार्न मिलों की मांग काफी कमजोर है इसलिए आगामी दिनों में मौजूदा की कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है।
उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों हरियाणा में कपास की बुवाई बढ़कर 5.83 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल राज्य में 5 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इसी तरह से पंजाब में चालू खरीफ में कपास की बुवाई बढ़कर 4.44 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 2.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। राजस्थान में चालू सीजन में कपास की बुवाई 1.10 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
कपास की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर अभी तक 11.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 8.84 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। कपास की बुवाई अभी शुरुआती चरण में है तथा चालू सीजन में कपास के भाव काफी उंचे रहे हैं जिसकी वजह से बुवाई पिछले साल से 10 से 12 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। ........... आर एस राणा
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