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31 मई 2017

खरीफ में चावल के साथ ही दलहन उत्पादन में कमी आने की आषंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में चावल के साथ ही दलहन के उत्पादन में कमी आने की आषंका है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ 2017-18 में चावल का उत्पादन घटकर 945 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन 2016-17 में इसका उत्पादन 960.9 लाख टन का हुआ था। खरीफ के साथ रबी को मिलाकर 2017-18 में चावल उत्पादन के अनुमान का लक्ष्य घटाकर 10.85 करोड़ टन होने का तय किया है जबकि तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में चावल का कुल उत्पादन 10.91 करोड़ टन होने का अनुमान है।
चालू खरीफ में दलहन का उत्पादन भी घटाकर मंत्रालय ने 87.5 लाख टन का ही तय किया है जबकि पिछले खरीफ सीजन 2016-17 में दलहन का 91.2 लाख टन का उत्पादन हुआ था। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर का उत्पादन चालू खरीफ में घटकर 42.5 लाख टन होने का ही लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन रिकार्ड 46 लाख टन का हुआ था। उड़द के उत्पादन का लक्ष्य भी मंत्रालय ने चालू खरीफ में 18.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन में उड़द का उत्पादन 21.6 लाख टन का हुआ था। हालांकि मूंग के उत्पादन का अनुमान चालू खरीफ में बढ़ाकर 16.5 लाख टन होने का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन में मूंग का उत्पादन 15.3 लाख टन का ही हुआ था।
मंत्रालय के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में खरीफ और रबी को मिलाकर दलहन का उत्पादन 229 लाख टन होने का लक्ष्य तय किया है जबकि फसल सीजन 2016-17 में दलहन का उत्पादन 224 लाख टन का हुआ था। आगामी रबी सीजन में चना के उत्पादन का लक्ष्य मंत्रालय ने 97.5 लाख टन का तय किया है जबकि चालू फसल सीजन 2016-17 में चना का उत्पादन 90.8 लाख टन होने का अनुमान है।
तिलहनों के उत्पादन का लक्ष्य चालू खरीफ 2017-18 में कृषि मंत्रालय ने 254 लाख टन होने का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले खरीफ सीजन में तिलहनों की पैदावार 228.14 लाख टन की ही हुई थी। मंत्रालय के अनुसार खरीफ के साथ ही रबी को मिलाकर तिलहन की पैदावार का लक्ष्य 2017-18 में 355 लाख टन होने का तय किया है जबकि पिछले फसल सीजन 2016-17 में तिलहनों का कुल उत्पादन केवल 325.22 लाख टन का ही हुआ था।
कपास के उत्पादन का लक्ष्य मंत्रालय ने चालू खरीफ में 355 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले साल कपास का उत्पादन 325.76 लाख गांठ का हुआ था। .............आर एस राणा

गेहूं की सरकारी खरीद 297.71 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 297.71 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है जबकि साल की समान अवधि में गेहूं की सरकारी खरीद 229.10 लाख की हुई थी।
अभी तक हुई खरीद में पंजाब से 116.88 लाख टन गेहूं की हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से केवल 106.33 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.28 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 67.24 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 39.90 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 27.99 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 7.97 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 11.31 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.50 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।.......... आर एस राणा

कच्चे तेल में गिरावट

अमेरिका और लीबिया में उत्पादन बढ़ने के अनुमान से कच्चे तेल में गिरावट बढ़ गई है। नॉयमैक्स पर क्रूड का दाम 49.5 डॉलर के नीचे आ गया है। जबकि ब्रेंट 51.5 डॉलर के पास कारोबार कर रहा है। दरअसल लीबिया को ओपेक के उत्पादन कटौती में छूट मिली हुई है और इसीलिए वहां लगातार क्रूड का उत्पादन बढ़ रहा है। इस बीच अमेरिका में भी लगातार क्रूड का उत्पादन बढ़ता जा रहा। वहीं सोना भी 1 महीने के ऊपरी स्तर से नीचे आ गया है और कॉमैक्स पर फिलहाल ये 1260 डॉलर के स्तर पर कारोबार कर है। एक दिन में इसकी कीमत करीब 10 डॉलर गिर चुकी है। चांदी में भी दबाव है और ये करीब 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रही है। चीन में मांग बढ़ने के अनुमान से एलएमई पर बेस मेटल को सपोर्ट मिला है। इस बीच डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकवरी आई है और 1 डॉलर की कीमत 64.5 रुपये के पास आ गई है। मॉनसून कल केरल और पूर्वोत्तर में दस्तक देने के बाद तेजी से आगे बढ़ रहा है और तमिलनाडु के कई इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है। अगले 24 घंटे में इसके कर्नाटक में भी पहुंचने की संभावना है।

30 मई 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 296.90 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 296.15 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है जबकि साल की समान अवधि में गेहूं की सरकारी खरीद 229.02 लाख की हुई थी।
अभी तक हुई खरीद में पंजाब से 116.84 लाख टन गेहूं की हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से केवल 106.29 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.28 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 67.24 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 39.90 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 27.33 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 7.97 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 11.21 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.46 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।................  आर एस राणा

जीरा के उत्पादन में कमी और धनिया, हल्दी, जीरा उत्पादन में बढ़ोतरी संभव

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2016-17 में जहां जीरा के उत्पादन में कमी आने की आशंका है, वहीं धनिया, हल्दी, इलायची और लालमिर्च की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के बागवानी विभाग द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार जीरा की पैदावार चालू फसल सीजन 2016-17 में घटकर 4,86,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल जीरा का उत्पादन 5,03,000 टन का हुआ था।
मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार धनिया का उत्पादन बढ़कर चालू सीजन 2016-17 में 6,09,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल धनिया का उत्पादन 5,85,000 टन का हुआ था। इसी तरह से लालमिर्च का उत्पादन भी चालू फसल सीजन में बढ़कर 18,72,000 टन होने का होने का अनुमान है जबकि पिछले साल लालमिर्च का उत्पादन 15,20,000 टन का ही हुआ था। दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार हल्दी का उत्पादन बढ़कर 10,52,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल हल्दी का उत्पादन 9,43,000 टन का ही हुआ था।
अनुकूल मौसम से चालू फसल सीजन 2016-17 में इलायची का उत्पादन बढ़कर 27,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 24,000 टन का ही हुआ था। अजवायन का उत्पादन चालू फसल सीजन में घटकर 14,000 टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल अजायन का उत्पादन 16,000 टन का हुआ था।
तेज पत्ता का उत्पादन चालू सीजन 2016-17 में पिछले साल के लगभग बराबर ही 5,000 टन होने का अनुमान है। कालीमिर्च का उत्पादन चालू फसल सीजन 2016-17 में बढ़कर 72,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 55,000 टन का ही हुआ था। लौंग का उत्पादन चालू सीजन में पिछले साल के लगभग बराबर ही 1,000 टन होने का अनुमान है।
मंत्रालय के अनुसार मैथी का उत्पादन चालू फसल सीजन 2016-17 में घटकर 2,20,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल मैथी का उत्पादन 2,47,000 टन का हुआ था। सौंफ का उत्पादन भी चालू फसल सीजन में घटकर 1,25,000 टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल सौंफ का उत्पादन 1,29,000 टन का हुआ था। जायफल का उत्पादन चालू फसल सीजन 2016-17 में बढ़कर 16,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 14,000 टन का ही हुआ था। इमली का उत्पादन भी चालू फसल सीजन में घटकर 1,91,000 टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 1,94,000 टन का हुआ था।  ......आर एस राणा

कच्चे तेल में गिरावट जारी

कच्चे तेल में आज भी गिरावट जारी है और नायमैक्स पर इसका भाव लगातार 50 डॉलर के नीचे बना हुआ है। सोने और चांदी में भी बेहद छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। आज डॉलर के मुकाबले रुपए में 0.25 फीसदी की कमजोरी आई है और 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये 65 पैसे के पार चली गई है।

मानसून केरल के साथ ही पूर्वोतर पहुंचा

आर एस राणा
नई दिल्ली। मानसून केरल के तट पर पहुंच गया है। साथ ही पूर्वोत्तर में भी मानसून का आगमन हो गया है। पिछले एक सप्ताह से केरल के कई इलाकों में बारिश हो रही है। बंगाल की खाड़ी में उठे मोरा तूफान की वजह से मानसून और तेज हो गया है। केरल और कर्नाटका के अलावा तटीय पश्चिमी बंगाल और पूर्वोत्तर के असम, मेघालय और नागालैंड में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है। इन इलाकों में समुद्र में मछुआरों को न जाने की भी चेतावनी दी गई है। अच्छे मानसून के साथ ही जीएसटी की खबरों को लेकर पिछले दो दिनों से एग्री जिंसों में वायदा बाजार में भारी गिरवाट आई है, जिसका असर इनके हाजिर भाव पर भी पड़ा है। दलहन, तिलहन के साथ ही मसालों में भी भारी गिरावट है। हालांकि केस्टर और जीरा के भाव फिर तेजी आने का अनुमान है। .............आर एस राणा

29 मई 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 296.15 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 296.15 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है। अभी तक हुई खरीद में पंजाब से एमएसपी पर गेहूं की खरीद 116.82 लाख टन गेहूं की हो चुकी है इसके अलावा हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.11 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। उत्तर प्रदेश से अभी तक 26.70 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है।...........आर एस राणा

मॉनसून सामने, कृषि पर क्या है सरकार की तैयारी

मॉनसून केरल तट पर आ गया है। सिर्फ आधिकारिक एलान करना बाकी है और मौसम विभाग ने साफ किया है कि वह 24 घंटे के भीतर मॉनसून के आने का एलान कर देगा। लेकिन मॉनसून का सबसे ज्यादा जिस सेक्टर पर असर पड़ेगा वह है खेती।
गौर करने वाली बात ये है कि मॉनसून सामने है और सरकार की ओर से अब तक खरीफ की एमएसपी का भी एलान नहीं किया गया है। सरकार को इस बार कितनी पैदावार होने की संभावना है और खेती को लेकर तैयारी क्या है, ये भी अबतक पता नहीं चल सका है। सरकार कब खरीफ की एमएसपी का एलान करेगी और कैसे किसानों की आमदनी दोगुनी होगी।भारत के कृषि सचिव एस के पटनायक ने कहा कि खेती को लेकर अब तक सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। सॉयल हेल्थ कार्ड जारी कर रहे हैं, इसके अलावा ऑनलाइन राष्ट्रीय कृषि बाजार शुरू हुआ। वहीं धांधली रोकने के लिए नीम कोटेड यूरिया का इस्तेमाल शुरू किया गया। साथ ही आगे के लिए सभी राज्य के अधिकारियो से बैठक की है और मौसम विभाग से जानकारी ले रहे हैं। किसानों के लिए बीज और खाद सबकी उपलब्धता पर काम जारी है।

एस के पटनायक के मुताबिक मॉनसून के पूरी तरह से फैलने में समय है, लेकिन सारी तैयारियां हो चुकी हैं। बस जल्द ही सरकार की ओर से एमएसपी का एलान किया जाएगा। इसके अलावा एस के पटनायक ने ये भी बताया कि ऑनलाइन राष्ट्रीय कृषि बाजार के तहत अबतक 417 मंडियों को जोड़ा गया है। मार्च 2018 तक 585 मंडियों को जोड़ने का लक्ष्य है और प्राइवेट मंडियों को भी इससे जोड़ा जाएगा।

चालू सीजन में 306 लाख गांठ कपास की हो चुकी है आवक

आर एस राणा
नई दिल्ली। अक्टूबर 2016 से शुरु हुए चालू पेराई सीजन में अभी तक उत्पादक मंडियों में 306.25 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की आवक हो चुकी है। कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू सीजन में कपास का उत्पादन 340.50 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल कपास का कुल उत्पादन 337.75 लाख गांठ का हुआ था।
सीआईए के अनुसार अप्रैल महीने में कपास की आवक बढ़कर 30.75 लाख गांठ की हुई है जबकि पिछले साल अप्रैल में केवल 22.25 लाख गांठ कपास की ही आवक हुई थी। कपास की उपलब्धता चालू सीजन में 410.50 लाख गांठ की रहेगी, जबकि देश में कपास की सालाना खपत 300 लाख गांठ की होती है, ऐसे में बकाया स्टॉक 110.50 लाख गांठ कपास का रहने का अनुमान है।
रुई में इस समय निर्यातकों के साथ ही यार्न मिलों की मांग कमजोर होने से भाव में मंदा बना हुआ है। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास की दैनिक आवक 42,000 से 42,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) के चल रहे हैं। रुई में इस समय निर्यातकों के साथ ही यार्न मिलों की मांग काफी कमजोर है इसलिए आगामी दिनों में मौजूदा की कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है।
उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों हरियाणा में कपास की बुवाई बढ़कर 5.83 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल राज्य में 5 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इसी तरह से पंजाब में चालू खरीफ में कपास की बुवाई बढ़कर 4.44 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 2.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। राजस्थान में चालू सीजन में कपास की बुवाई 1.10 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
कपास की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर अभी तक 11.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 8.84 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। कपास की बुवाई अभी शुरुआती चरण में है तथा चालू सीजन में कपास के भाव काफी उंचे रहे हैं जिसकी वजह से बुवाई पिछले साल से 10 से 12 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। ...........   आर एस राणा

अगले 12 से 24 घंटे में मॉनसून केरल में दस्तक दे सकता

इस बीच बंगाल की खाड़ी में मॉनसूनी गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। मौस​म विभाग के मुताबिक मॉनसून अगले 12 से 24 घंटे में कभी भी केरल में दस्तक दे सकता है। इस पूरे हफ़्ते के दौरान केरल में भारी बारिश का अनुमान है साथ ही कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के इलाकों में भी तेज बारिश की संभावना है। जबकि उत्तरप्रदेश, बिहार, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में आंधी और बारिश की चेतावनी जारी हुई है।

कच्चे तेल में लगातार गिरावट जारी

पिछले हफ्ते ओपेक की बैठक के बाद से कच्चे तेल में लगातार गिरावट जारी है। नायमैक्स पर आज क्रूड का दाम 50 डॉलर के नीचे फिसल गया है। जबकि ब्रेंट में 52 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। इस महीने के ऊपरी स्तर से भाव करीब 5 फीसदी लुढ़क गया है। दरअसल अमेरिका में कच्चे तेल का रिग काउंट बढ़कर अप्रैल 2015 के स्तर पर चला गया है। ऐसे में वहां उत्पादन बढ़ने की संभावना है और इसीलिए क्रूड की कीमतों पर दबाव है। इस बीच सोना 1 महीने के ऊपरी स्तर से फिर से दबाव में आ गया है और कॉमैक्स पर ये 1265 डॉलर के पास कारोबार कर रहा है। चांदी भी 17 डॉलर के ऊपर जाकर सुस्त पड़ गई है।

27 मई 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी। हमें ई-मेल करे या फिर फोन पर संपक करें।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........

आर एस राणा
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खरीफ में दलहन के साथ ही कपास और तिलहनों की बुवाई आगे

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में दलहन के साथ ही कपास और तिलहनों की बुवाई आगे चल रही है लेकिन धान की रौपाई पिछे चल रही है। हालांकि अभी खरीफ फसलों की बुवाई शुरुआती चरण में है तथा आगामी दिनों में मानसूनी बारिश होने के बाद बुवाई में तेजी आयेगी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार अभी तक देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई बढ़कर 69.16 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 62.62 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई अभी तक 1.75 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 1.76 लाख हैक्टेयर में रौपाई हो चुकी थी।
कपास की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर अभी तक 11.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 8.84 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। कपास की बुवाई अभी शुरुआती चरण में है तथा चालू सीजन में कपास के भाव काफी उंचे रहे हैं जिसकी वजह से बुवाई पिछले साल से 10 से 12 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों हरियाणा में कपास की बुवाई बढ़कर 5.83 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल राज्य में 5 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इसी तरह से पंजाब में चालू खरीफ में कपास की बुवाई बढ़कर 4.44 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 2.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। राजस्थान में चालू सीजन में कपास की बुवाई 1.10 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की बुवाई बढ़कर 1.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक देशभर में केवल 71,000 हैकटेयर में बुवाई हुई थी। अभी तक दलहन की कुल बुवाई में अरहर की बुवाई 6,000 हैक्टेयर में, उड़द की 33,000 हैक्टेयर में और मूंग की बुवाई 24,000 हैक्टेयर में हो चुकी है।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में 1.27 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 48,000 हैक्टेयर में हो चुकी है। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन की बुवाई 23,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 20,000 हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में बढ़कर 11,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 5,000 हैक्टेयर में हुई थी। सनफलावर की बुवाई 10,000 हैक्टेयर में हो चुकी है। सीशम सीड की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 83,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 14,000 हैक्टेयर में हुई थी।
मोटे अनाजों की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 54,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 22,000 हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। मोटे अनाजों में ज्वार की बुवाई 26,000 हैक्टेयर में और मक्का की बुवाई भी 26,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान ज्यादा है। गन्ने की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 46.53 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 43.87 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। ..................... आर एस राणा

खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की मांग

आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू बाजार में तिलहनों की कीमतों में आई गिरावट को रोकने के लिए उद्योग ने आयातित खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) ने सरकार को पत्र लिखकर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की है।
सोपा के अनुसार क्रुड सोया तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 37.5 फीसदी और रिफाइंड सोया तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 45 फीसदी करने की मांग की है। इस समय क्रुड सोया तेल पर 12.5 फीसदी और रिफाइंड सोया तेल के आयात पर 20 फीसदी शुल्क है।
इंदौर मंडी में शुक्रवार को सोयाबीन के भाव 2,900 से 2,950 रुपये और मंडियों में सोयाबीन के भाव 2,750 से 2,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कोटा मंडी में सोयाबीन का भाव 2,750 से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल रहा। डीओसी का भाव इंदौर मंडी में 23,500 रुपये और कोटा मंडी में 23,700 रुपये प्रति टन रहा। इंदौर मंडी में सोया रिफांइड तेल का भाव 632 से 633 रुपये प्रति 10 किलो रहा।.............  आर एस राणा

मुंबई में 452 आयातित दलहन के कंटेनर पहुंचे

आर एस राणा
नई दिल्ली। मुंबई के जेएनपीटी बंदरगाह पर 25 मई 2017 को 452 कंटेनर आयातित दलहन के पहुंचे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 123 कंटेनर चना के आए हैं, इसके अलावा उड़द के भाव 75 कंटेनर, अरहर के 102 कंटेनर, मसूर के 82 कंटेनर आए हैं। इसके अलावा पीली और हरी मटर आदि आए हैं।
म्यांमार से एफएक्यू लेमन उड़द के भाव 764 डॉलर और एसक्यू उड़द के भाव 959 डॉलर प्रति टन जून डिलीवरी के बोले गए, इसके अलावा लेमन अरहर के भाव जून डिलीवरी के भाव 563 डॉलर प्रति टन बोले गए। काबूली चना सुडान रीजन का नवासेवा बंदरगाह 1,125 डॉलर प्रति टन (सीएडंएफ) बोले जा रहे हैं। यूक्रेन से पीली मटर के भाव 330 डॉलर प्रति टन कोलक्कता बंदरगाह पर बोले गए। आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव जून-जुलाई डिलीवरी के भाव 910-915 डॉलर प्रति टन तथा अक्टूबर-नवंबर डिलीवरी के सौदे 755 डॉलर प्रति टन बोले गए।.......   आर एस राणा

26 मई 2017

कनाडा में मसूर और मटर का उत्पादन कम होने का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। आगामी फसल सीजन 2017-18 में कनाडा में मसूर के साथ ही मटर के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। सूत्रों के अनुसार कनाडा से मसूर के साथ ही मटर का बड़ी मात्रा में निर्यात भारत को होता है, तथा भारत में चालू सीजन में मसूर के साथ ही मटर का उत्पादन ज्यादा होने से कुल उपलब्धता ज्यादा है जिसकी वजह से भारत में इनके भाव नीचे है। इसीलिए कनाडा में मसूर के साथ ही मटर के भाव नीचे बने हुए हैं।
कनाडा की सरकारी संस्था एग्रीकल्चर एंड एग्री फूड (एएफसी) के अनुसार 2017-18 में कनाडा में मसूर का उत्पादन 28 लाख टन होने का अनुमान है जबकि अप्रैल में 31 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया था। इसी तरह से मटर के उत्पादन अनुमान में 1.5 लाख टन की कटौती की है। फसल सीजन 2017-18 में कनाडा में मटर का उत्पादन 41 लाख टन होने का अनुमान है जबकि अप्रैल में 42.50 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया था। फसल सीजन 2016-17 में कनाडा में मटर का उत्पादन 48.36 लाख टन का हुआ था।
सूत्रों के अनुसार चालू फसल सीजन 2016-17 में कनाडा से 7.27 लाख टन मसूर का निर्यात मध्य मई तक हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 1.25 लाख टन ज्यादा है। प्रीमियम क्वालिटी की मसूर के भाव वेस्टन कनाडा में 48 सेंट प्रति पाउंड है जबकि नई फसल के सौदे 31 से 39 सेंटर प्रति पाउंड चल रही है। लाल मसूर के भाव 23 से 27 सेंटर प्रति पाउंड चल रहे हैं।............. आर एस राणा

निर्यात मांग कम होने से बासमती चावल में और गिरावट संभव

आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यातकों की मांग कम होने के कारण बासमती चावल और धान की कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है। बुधवार को पूसा 1,121 बासमती चावल का भाव 6,250 रुपये और स्टीम का भाव 7,100 रुपये और रॉ-बासमती चावल का भाव 7,000 रुपये तथा ट्रेडिशनल बासमती चावल का भाव 6,800 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चालू खरीफ में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है तथा चालू सीजन में बासमती धान के भाव काफी उंचे रहे हैं, इसलिए चालू खरीफ में पूसा 1,121 बासमती धान के साथ ही 1,509 की बुवाई भी 15 से 20 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। ऐसे में आगामी दिनों में बासमती चावल के साथ ही बासमती धान की कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है।
चालू खरीफ में पंजाब के हरियाणा में बासमती धान रौपाई ज्यादा होने का अनुमान है। पंजाब में धान की रैपाई सामान्यतः 7.5 लाख हैक्टेयर में होती है जबकि पिछले साल बासमती धान की रौपाई 4.94 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। इसी तरह से हरियाणा में धान की रौपाई सामान्यतः 7.2 लाख हैक्टेयर में होती है जबकि पिछले साल राज्य में बासमती धान की रौपाई 5.75 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
कृषि मंत्रालय के चालू खरीफ में अभी तक धान की रौपाई 1.52 लाख हैक्टेयर ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 1.54 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। धान की रौपाई अभी शुरुआती चरण है, तथा आगामी दिनों में इसकी रौपाई में तेजी आने का अनुमान है।
विश्व बाजार में पूसा 1,121 बासमती स्टीम के भाव 1,229-1,230 डॉलर प्रति (एफओबी) है जबकि पाकिस्तानी बासमती चावल के भाव 1,203-1,205 डॉलर प्रति टन (एफओबी) हैं।........आर एस राणा

कच्चे तेल में भारी गिरावट आई

मौजूदा उत्पादन कटौती की समय सीमा 9 महीने तक बढ़ाने के फैसले के बाद कच्चे तेल में भारी गिरावट आई है। कल के ऊपरी स्तर से क्रूड का दाम दाम करीब 6 फीसदी लुढ़क गया है। कल 5 फीसदी का गोता लगाने के बाद ग्लोबल मार्केट में कच्चा तेल आज भी करीब 1 फीसदी नीचे है। ब्रेंट 51 डॉलर और नायमैक्स क्रूड 48 डॉलर पर आ गए हैं। दरअसल कटौती की मात्रा बढ़ाने पर फैसला नहीं हो सका साथ ही नाइजीरिया और लीबिया को इस फैसले में छूट है, यानि वे अभी भी अपना उत्पादन बढ़ा सकते हैं। दूसरी ओर अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में इसकी कीमतों पर दबाव बढ़ गया है।

एग्री कमोडिटी में उठापटक को रोकने के लिए एनसीडीईएक्स ने मार्जिन का सहारा लिया है। एक्सचेंज ने कैस्टर पर स्पेशल कैश मार्जिन 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। वहीं जीरे में खरीद और बिक्री दोनों सौदों पर 5 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगा दिया है। धनिया में आई एकतरफा गिरावट को रोकने के लिए एनसीडीईएक्स ने अतिरिक्त, स्पेशल, प्री-एक्सपायरी और डिलिवरी मार्जिन की बौछार कर दी है। मार्जिन की ये दरें 29 मई यानि सोमवार से लागू होंगी।

25 मई 2017

एफसीआई को नहीं मिल रहा है अरहर का खरीददार

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को दलहन का खरीददार नहीं मिल रहा है। एफसीआई के पास अरहर का 1.72 लाख टन का स्टॉक मौजूद है, इसको बेचने के लिए एफसीआई बाजार भाव से 10 फीसदी कम भाव पर बेचने के लिए तैयार है, लेकिन खरीददार नहीं मिल रह है। सूत्रों के अनुसार इसमें 10 हजार टन अरहर पिछले साल की रखी हुई है, तथा उसके खराब होने का डर बना हुआ है। ...........   आर एस राणा

दक्षिण भारत के कई इलाकों में प्री मॉनसून बारिश जारी

मॉनसून भारत के तटीय राज्य केरल में दस्तक देने के लिए तैयार है। अगले हफ्ते ये केरल पहुंच सकता है। इससे पहले दक्षिण भारत के कई इलाकों में प्री मॉनसून बारिश जारी है। खास करके केरल और कर्नाटक में इस हफ्ते के शुरुआत से बारिश हो रही है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में भी प्री मॉनसून बारिश हो रही है। हालांकि दूसरी ओर गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और पंजाब के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी जारी है। इन इलाकों में पारा सामान्य से 3-5 डिग्री ऊपर लगातार बना हुआ है।
स्काईमेट के प्रधान मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत का कहना है कि केरल में मॉनसून से पहले की बारिश शुरू हो गई है। 27 मई से बारिश बढ़ने की उम्मीद है। मध्य और उत्तर भारत में अच्छे मॉनसून की उम्मीद है। जून में मॉनसून अच्छा रहने की उम्मीद है।

कच्चे तेल में तेजी आई

विएना में आज ओपेक की अहम बैठक है, जहां कच्चे तेल का उत्पादन कटौती की मियाद बढ़ाने को लेकर फैसला हो सकता है। सऊदी अरब और नॉन ओपेक देश रुस पहले से ही इस पर सहमति जता चुके हैं। लेकिन देखना होगा कि ओपेक के दूसरे सदस्यों का क्या रुख रहता है। हालांकि इस बैठक से पहले कच्चे तेल में तेजी आई है और ब्रेंट का दाम 54 डॉलर के पार चला गया है। जबकि नायमैक्स क्रूड 51.5 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है।  यूएस फेड के पिछली बैठक के ब्यौरे के बाद डॉलर दबाव में है। हालांकि इसके बावजूद सोने और चांदी को खास सपोर्ट नहीं है।  डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकवरी है और 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये 55 पैसे के पास है।

गन्ने के एफआरपी में 25 रुपये की बढ़ोतरी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गन्ने के फेयर एंड रिमेन्यूरेटिव (एफआरपी) में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला किया गया।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने गन्ने का एफआरपी 25 रुपये बढ़ाकर अगले सीजन के लिए 255 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की थी, केंद्र सरकार ने सीएसीपी की सिफारिशों को ही मान इस पर मोहर लगा दी। चालू पेराई सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने का एफआरपी 230 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में गन्ने की बुवाई 41.89 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई 42.25 लाख हैक्टेयर में हुई थी। ..........       आर एस राणा

24 मई 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 290.96 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 290.96 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जबकि साल की समान अवधि में गेहूं की सरकारी खरीद 228.36 लाख की हुई थी।
अभी तक हुई खरीद में पंजाब से एमएसपी पर गेहूं की खरीद 116.57 लाख टन गेहूं की हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से केवल 105.89 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.28 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 65.32 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 39.80 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 24.08 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 7.88 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 10.70 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.39 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।.............  आर एस राणा

मॉनसून 30 मई से पहले केरल आएगा

मॉनसून 30 मई से भी पहले केरल में दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक मौजूदा साल को देखते हुए मॉनसून जल्द ही केरल पहुंच सकता है। पिछले दो दिनों से केरल के कई इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। कल केरल और कर्नाटक के कुछ इलाकों में तेज बारिश हुई और अगले 24 घंटों के दौरान इन इलाकों में बारिश जारी रहने की संभावना है।

दलहन आयात में 20 फीसदी से ज्यादा कमी आने की आशंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू बाजार में फसल सीजन 2016-17 में दलहन की रिकार्ड पैदावार से वित्त वर्ष 2017-18 में दलहन का आयात 20 फीसदी से ज्यादा कम होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016-17 में देश में रिकार्ड 66.1 टन दलहन का आयात हुआ था जबकि चालू वित्त वर्ष 2017-18 में आयात घटकर 45 से 46 लाख टन ही होने का अनुमान है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 में देश में दलहन का आयात 58 लाख टन का हुआ था। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में दालों का घरेलू उत्पादन बढ़कर रिकार्ड 224 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल केवल 163.5 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।
जानकारों के अनुसार घरेलू बाजार में उपलब्धता ज्यादा होने के कारण दलहन आयात में तो कमी आयेगी, लेकिन घेरलू बाजार में दालों की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। चना समेत सभी दलहन के आयात सौदे अगाउ महीनों के उंचे भाव में हो रहे हैं, साथ ही जुलाई-अगस्त में दालों की मांग में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे मौजूदा कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
चालू सीजन में खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर के भाव एमएसपी से काफी नीचे रहे हैं। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन के लिए अरहर का एमएसपी 5,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था, जबकि उत्पादक मंडियों में अरहर के भाव 3,700 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल रहे हैं, इसलिए चालू सीजन में अरहर की बुवाई में 15 से 20 फीसदी की कमी आने की आशंका है। केंद्र सरकार चाहती है कि चालू खरीफ में भी अरहर की बुवाई ज्यादा हो इसीलिए अगले खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए अरहर के एमएसपी में 400 रुपये की बढ़ोतरी कर एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार उड़द के एमएसपी में भी 400 रुपये की बढ़ोतरी कर खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए एमएसपी 5,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की योजना है इसके अलावा मूंग के एमएसपी में भी 350 रुपये की बढ़ोतरी कर एमएसपी 5,575 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की योजना है। ...........  आर एस राणा

अलनीनो का प्रभाव कम रहने की उम्मीद

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के बाद अब आस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो ने भी माना है कि 2017 अंत तक अलनीनो का प्रभाव कम ही रहेगा, तथा अलनीनो का प्रभाव होगा होगा तो भी कुछ समय के लिए ही, इसलिए इसका फसलों पर खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो के अनुसार मौसमी प्रक्रिया इंडियन ओशन डाइपोल यानि आईओडी हिंद महासागर पर तैयार हो रहा है जिससे मानसून के और बेहतर होने का अनुमान है। हालांकि आस्ट्रेलयाई मौसम विभाग का मानना है कि केरल में मानसून का आगमन 30 मई के बजाए जून के पहले सप्ताह में होगा।
आईएमडी के अनुसार केरल में मानसून का आगमन 30 मई को होगा, तथा आईएमडी का मानना है कि अलनीनो का प्रभाव बहुत कम होगा। आईएमडी ने चालू सीजन में सामान्य बारिश 96 फीसदी होने का अनुमान है। हालांकि आईएमडी का दूसरा अनुमान जून के पहले सप्ताह में आयेगा, जिसमें मानसून की सही तस्वीर साफ होगी।.........   आर एस राणा

कच्चे तेल में रिकवरी

कच्चे तेल में रिकवरी आई है और ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट का दाम फिर से 54 डॉलर के पार है। दरअसल कल एपीआई की इन्वेंट्री रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक अमेरिका में क्रूड का भंडार सिर्फ 15 लाख बैरल बढ़ सका है जबकि इसे 23 लाख बैरल बढ़ने का अनुमान था। इस बीच आज यूएस एनर्जी डिपार्टमेंट भी रिपोर्ट जारी करेगा और कल विएना में ओपेक की बैठक पर भी बाजार की नजर है। कल की गिरावट के बाद आज डॉलर के मुकाबले रुपया संभलता दिख रहा है और डॉलर की कीमत 64 रुपये 85 पैसे के पास है। यूएस फेडरल रिजर्व की पिछले बैठक का आज ब्यौरा जारी होने से पहले सोना बेहद छोटे दायरे में फंस गया है। कल की गिरावट के बाद आज इसमें बेहद छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है और भाव 1250 डॉलर के पास है। कल ये 1260 डॉलर के ऊपर चला गया था। वहीं चांदी में ऊपरी स्तर से दबाव है। इसका भाव 17 डॉलर के नीचे आ गया है।  मांग में कमी के अनुमान से चीन में बेस मेटल का दाम करीब 0.5 फीसदी तक फिसल गया है। 

गन्ने के एफआरपी में 25 रुपये बढ़ोतरी संभव

आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ने के फेयर एंड रिमेन्यूरेटिव (एफआरपी) में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने गन्ने का एफआरपी 25 रुपये बढ़ाकर अगले सीजन के लिए 255 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। चालू पेराई सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने का एफआरपी 230 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। गन्ने में रिकवरी की दर 9.5 फीसदी होने पर 255 रुपये प्रति क्विंटल का भाव चीनी मिलों को किसानों को देना होगा, रिकवरी की दर से ज्यादा होने पर चीनी मिलों को किसानों को एफआरपी पर प्रीमियम भी देना होता है।
महाराष्ट्र और कर्नाटका में सूखे जैसे हालात बनने के कारण चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर केवल 203 लाख टन होने का अनुमान है। उद्योग के अनुसार पेराई सीजन 2017-18 में गन्ने की बुवाई बढ़ने से चीनी का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन चालू सीजन में गन्ने की बुवाई पिछले साल की तुलना में भी कम हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में गन्ने की बुवाई अभी तक केवल 41.89 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई 42.25 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सामान्यतः गन्ने की बुवाई 48.96 लाख हैक्टेयर में होती है।.............आर एस राणा

23 मई 2017

खरीफ में कपास के साथ ही दलहन की बुवाई बढ़ी, धान की पिछड़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में जहां कपास की बुवाई में अच्छी बढ़ोतरी देखी जा रही है, वहीं दलहन की बुवाई भी पिछले साल की तुलना में आगे चल रही है। हालांकि धान की रौपाई पिछे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार अभी तक देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई बढ़कर 60.48 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 57.88 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। खरीफ फसलों की बुवाई अभी शुरुआती चरण में है तथा आगामी दिनों में मानसूनी बारिश होने के बाद खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आयेगी। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई अभी तक 1.52 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 1.54 लाख हैक्टेयर में रौपाई हो चुकी थी।
कपास की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर अभी तक 8.93 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 6.73 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। कपास की बुवाई अभी शुरुआती चरण में है तथा चालू सीजन में कपास के भाव काफी उंचे रहे हैं जिसकी वजह से बुवाई पिछले साल से 10 से 12 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों हरियाणा में कपास की बुवाई बढ़कर 4.63 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल राज्य में 4.07 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इसी तरह से पंजाब में चालू खरीफ में कपास की बुवाई बढ़कर 2.80 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 1.68 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की बुवाई बढ़कर 77,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक देशभर में केवल 46,000 हैकटेयर में बुवाई हुई थी। अभी तक दलहन की कुल बुवाई में अरहर की बुवाई 4,000 हैक्टेयर में, उड़द की 26,000 हैक्टेयर में और मूंग की बुवाई 10,000 हैक्टेयर में हो चुकी है।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में 50,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 24,000 हैक्टेयर में हो चुकी है। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन की बुवाई 7,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 5,000 हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में बढ़कर 6,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 4,000 हैक्टेयर में हुई थी। सनफलावर की बुवाई 6,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल के लगभग बराबर है। सीशम सीड की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 31,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 9,000 हैक्टेयर में हुई थी।
मोटे अनाजों की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 35,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 15,000 हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। मोटे अनाजों में ज्वार की बुवाई 10,000 हैक्टेयर में और मक्का की बुवाई 18,000 हैक्टेयर में हो चुकी है।.......   आर एस राणा

गेहूं की सरकारी खरीद 290 लाख टन के पास

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 289.94 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जबकि साल की समान अवधि में गेहूं की सरकारी खरीद 228.22 लाख की हुई थी।
अभी तक हुई खरीद में पंजाब से एमएसपी पर गेहूं की खरीद 116.49 लाख टन गेहूं की हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से केवल 105.84 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.28 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 65.32 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 39.80 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 23.28 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 7.83 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 10.57 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.35 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।...............   आर एस राणा

अनाज की रिकॉर्ड पैदावार का अनुमान

अगले साल भी देश में अनाज की रिकॉर्ड पैदावार का अनुमान है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार की तीन साल के कामकाज का हिसाब देते हुए बताया कि मॉनसून अच्छा होने और सरकार की कोशिशों की बदौलत इस साल अनाज की रिकॉर्ड पैदावार हुई है और इस साल भी अगर मॉनसून अच्छा रहा तो देश में रिकॉर्ड पैदावार हो सकती है।  इस साल देश में 27.3 करोड़ टन अनाज की रिकॉर्ड पैदावार की उम्मीद है। जबकि पिछले साल 25.2 करोड़ टन अनाज का उत्पादन हुआ था। साल 2013-14 में 26.5 करोड़ टन अनाज की पैदावार हुई थी। लेकिन सवाल ये है कि क्या सिर्फ अच्छी बारिश से रिकॉर्ड खेती हुई, जबकि इस साल किसानों को दाल से लेकर तिलहन तक का भाव बेहद कम मिल सका है।

डॉलर में गिरावट के बावजूद रुपये में कमजोरी

डॉलर में गिरावट के बावजूद रुपये में कमजोरी है और एक डॉलर की कीमत 64.80 रुपये के पास है। डॉलर इंडेक्स गिरकर 97 के नीचे आ गया है। कच्चे तेल की शुरुआती तेजी अब गिरावट में बदल गई है और ग्लोबल मार्केट में क्रूड करीब 0.5 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है।  अमेरिका अपने रिजर्व से कच्चा तेल बेचने की योजना बना रहा है। व्हाइट हाउस के प्रस्ताव के मुताबिक अमेरिका साल 2018 से कच्चे तेल का अपना आधा रिजर्व बेच सकता है। फिलहाल अमेरिका के पास करीब 68.8 करोड़ बैरल कच्चे तेल का स्ट्रैटेजी भंडार है। ऐसे में गोल्डमैन सैक्स ने अगले साल ग्लोबल मार्केट में फिर से क्रूड की ओवर सप्लाई की आशंका जताई है। ऐसे में ओपेक की बैठक में प्रोडक्शन कटौती की मियाद बढ़ने के अनुमान के बावजूद कच्चे तेल में गिरावट आई है। ब्रिटेन के मैनचेस्टर में धमाके के बाद ग्लोबल मार्केट में सोने की चमक बढ़ गई है और कॉमैक्स पर ये 1260 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रहा है। चांदी में भी 0.25 फीसदी की मजबूती है।

22 मई 2017

आस्ट्रेलिया से आयातित चना के अगाउ सौदे उंचे भाव में

आर एस राणा
नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया से आयातित चना के आयात सौदे उंचे भाव में हो रहे हैं। आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव जून डिलीवरी के मुंबई पहुंच जहां 960 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) की दर से हो रहे हैं वहीं जुलाई के आयात सौदे 975 डॉलर और अगस्त के आयात सौदे 985 डॉलर प्रति टन (सीएडंएफ) मुंबई पहुंच के हो रहे हैं।
आयातकों के अनुसार नया चना के आयात सौदे अक्टूबर-नवंबर डिलीवरी के जहां 775 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं, जबकि नवंबर-दिसंबर डिलीवरी के निर्यात सौदे नई फसल के 760 डॉलर प्रति टन की दर से बोले जा रहे हैं।
मसूर के आयात सौदे जून-जुलाई डिलीवरी के आयात सौदे 635 डॉलर प्रति टन (सीएडंएफ) की दर से हो रहे हैं। म्यांमार से उड़द के एफएक्यू वेरायटी के आयात सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के 768 डॉलर प्रति टन और एसक्यू वेरायटी के भाव 963 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं। जून शिपमेंट के अरहर के आयात सौदे 564 डॉलर प्रति टन बोले जा रहे हैं। म्यांमार से आयातित अरहर के आयात भाव सोमवार को मुंबई में 555 डॉलर प्रति टन रहे जबकि उड़द एफएक्यू के भाव 765 डॉलर और एसक्यू 960 डॉलर प्रति टन रहे। .......  आर एस राणा

कैस्टर सीड उत्पादन अनुमान में और कटौती-एसईए

आर एस राणा
नई दिल्ली। कैस्टर सीड के उत्पादन अनुमान में उद्योग ने और कटौती कर दी है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू सीजन में कैस्टर सीड का उत्पादन 26 फीसदी घटकर 10.55 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल कैस्टर सीड का उत्पादन 14.23 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
एसईए ने इससे पहले अप्रैल में कैस्टर सीड के उत्पादन का 10.61 लाख टन का लगाया था, जबकि इसके पहले फरवरी में उत्पादन का अनुमान 10.67 लाख टन का लगाया था। चालू फसल सीजन 2016-17 के दौरान प्रमुख उत्पादन राज्य गुजरात में कैस्टर सीड का उत्पादन घटकर 8.50 लाख टन, राजस्थान में 1.23 लाख टन और आंध्रप्रदेश तथा तेलंगाना में 64,000 टन तथा अन्य राज्यों में 16,000 टन उत्पादन होने का अनुमान है। फसल सीजन 2015-16 में जहां गुजरात में कैस्टर सीड का उत्पादन 11.73 लाख टन, राजस्थान में 1.47 लाख टन, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में 79,000 टन तथा अन्य राज्यों में 24,000 टन उत्पादन हुआ था।
एसईए के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 4.85 लाख टन कैस्टर तेल का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 5.43 लाख टन का हुआ था।..............   आर एस राणा

कच्चे तेल में जोरदार तेजी

कच्चे तेल में जोरदार तेजी आई है और इसका दाम करीब 1 फीसदी उछल गया है। ब्रेंट क्रूड में 54 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड का दाम 50 डॉलर के पार चला गया है। इस महीने में कच्चे तेल के दाम में करीब 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है।  25 मई को विएना में ओपेक की अहम बैठक है और इस बैठक में कच्चे तेल का उत्पादन घटने की मियाद बढ़ाने पर फैसला हो सकता है। इस दिशा में सऊदी अरब और रूस पहले ही संकेत दे चुके हैं। इसी वजह से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। ग्लोबल मार्केट में सोने पर दबाव दिख रहा है और कॉमैक्स पर सोना गिरावट के साथ 1250 डॉलर के पास कारोबार कर रहा है।  चांदी में हल्की बढ़त है।  चीन में मांग बढ़ने के अनुमान से लंदन मेटल एक्सचेंज पर जिंक और निकेल में जोरदार तेजी आई है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में फिर से मजबूती आई है और 1 डॉलर की कीमत 64.50 रुपये के नीचे आ गई है।

20 मई 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी। हमें ई-मेल करे या फिर फोन पर संपक करें।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........

आर एस राणा
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19 मई 2017

पाकिस्तान को कपास का निर्यात होगा महंगा, भारत में बुवाई होगी ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने कपास के आयात पर 4 फीसदी आयात शुल्क लगाने के साथ ही 5 फीसदी का सेल टैक्स भी लगा गया है जोकि 15 जुलाई से प्रभावित होगा। पाकिस्तान सरकार ने घरेलू किसानों को राहत देने के लिए आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है। इससे भारत समेत अन्य देशों से पाकिस्तान को कपास का निर्यात महंगा हो जायेगा।
पिछले साल पाकिस्तान ने भारत से करीब 27 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास का आयात किया था, लेकिन चालू सीजन में पाकिस्तान में उत्पादन पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है इसलिए चालू सीजन में आयात में कमी आई है। पाकिस्तान में पिछले साल कपास का उत्पादन 105 लाख गांठ का ही हुआ था जबकि पाकिस्तान की सालाना खपत करीब 140 से 150 लाख गांठ की होती है। पिछले दो साल से पाकिस्तान में कपास के उत्पादन में कमी देखी जा रही है।
चालू सीजन में घरेलू मंडियों में कपास के भाव उंचे रहे है इसीलिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। हरियाणा में कपास की बुवाई 3.50 लाख हैक्टेयर से ज्यादा की हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 2.70 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। उत्तर भारत के राज्यों में कपास की बुवाई में 10 से 12 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।.........  आर एस राणा

अरहर और मूंग के एमएसपी में क्रमश 400-350 रुपये बढ़ोतरी संभव

आर एस राणा
नई दिल्ली। भले ही अरहर और मूंग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बिक रही हो, लेकिन आगामी खरीफ सीजन 2017-18 के लिए अरहर और उड़द के एमएसपी में जहां 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की जा सकती है, वहीं मूंग के एमएसपी में भी 350 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
केंद्र सरकार चाहती है कि आगामी खरीफ सीजन में दलहन की खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़े, इसीलिए एमएसपी में बढ़ोतरी संभव है। सूत्रों के अनुसार कृषि लागत मूल्य आयोग (सीएसपी) ने अरहर के एमएसपी में 400 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 5,450 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की सिफारिश की है। फसल सीजन 2016-17 के लिए अरहर का एमएसपी 5,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था, जबकि उत्पादक मंडियों में इस समय अरहर का भाव 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि चालू सीजन में अरहर की बुवाई में 15 से 20 फीसदी कमी आने की आशंका है।
इसी तरह से आगामी खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए उड़द के एमएसपी में भी 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर भाव  5,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की सिफारिश की है। मूंग का एमएसपी भी खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए 350 रुपये बढ़ाकर 5,575 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय करने की सिफारिश की है जबकि फसल सीजन 2016-17 के लिए मूंग का एमएसपी 5,225 रुपये प्रति क्विंटल था।
कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 के लिए देश में रिकार्ड 91.2 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ था। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर का उत्पादन 46 लाख टन, उड़द का उत्पादन 21.6 लाख टन और मूंग का उत्पादन 15.3 लाख टन होने का अनुमान है। व्यापारियों के अनुसार एमएसपी में बढ़ोतरी से घरेलू बाजार में दलहन की कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन उपलब्धता ज्यादा होने के साथ मांग कम होने के कारण बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।..............   आर एस राणा

गेहूं की सरकारी खरीद 285 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 285.03 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जबकि साल की समान अवधि में गेहूं की सरकारी खरीद 227.70 लाख की हुई थी।
अभी तक हुई खरीद में पंजाब से एमएसपी पर गेहूं की खरीद 116.16 लाख टन गेहूं की हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से केवल 105.75 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.28 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 63.53 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 39.62 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 20.88 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 7.71 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 10.18 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.23 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।...........   आर एस राणा

कच्चे तेल में फिर से तेजी आई

कल की गिरावट के बाद कच्चे तेल में फिर से तेजी आई है और इसका दाम करीब 0.5 फीसदी बढ़ गया है। ब्रेंट में फिर से 52 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है।  नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 50 डॉलर के पास पहुंच गया है। दरअसल 25 मई को विएना में तेल उत्पादक देशों की बैठक है जहां उत्पादन में कटौती की अवधि को बढ़ाने पर फैसला होने की संभावना है।  सोना 1250 डॉलर के नीचे आ गया है। हालांकि निचले स्तर से फिर से रिकवरी आई है। कल इसका भाव 1260 डॉलर के पार चला गया था। इस हफ्ते सोने में करीब दो परसेंट की तेजी आ चुकी है। वहीं चांदी में भी करीब 0.5 फीसदी ऊपर कारोबार हो रहा है। लेकिन एलएमई पर कॉपर का दाम करीब 0.5 फीसदी गिर गया है। कल की भारी गिरावट के बाद आज डॉलर के मुकाबले रुपया हल्का संभलता दिख रहा है। एक डॉलर की कीमत 64.80 पैसे के नीचे आ गई है। कल ये 64.90 पैसे के पास था।

18 मई 2017

डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी

डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी है। एक डॉलर की कीमत 64.40 पैसे के पास है। सोने और चांदी में तेजी आई है। ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 1260 डॉलर के पार चला गया है। जबकि चांदी 17 डॉलर के बेहद करीब पहुंच गई है। पिछले एक हफ्ते में सोने में जहां 2.5 फीसदी तो चांदी में करीब 5 फीसदी की तेजी आ चुकी है। दरअसल पिछले साल चांदी की ग्लोबल सप्लाई में करीब 32 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि सोलर इंडस्ट्री में चांदी की मांग करीब 34 फीसदी बढ़ गई है। ताजा सर्वे में इस साल भी चांदी की मांग बढ़ने की संभावना है। जबकि दुनिया का चौथा सबसे बड़ा चांदी उत्पादक देश चिली में मार्च तिमाही के दौरान चांदी का उत्पादन करीब 26 फीसदी गिर गया है।  कच्चे तेल में दबाव है। जबकि एलएमई पर निकेल और जिंक में तेजी आई है। दरअसल स्टील का दाम बढ़ने से इनकी कीमतों को सपोर्ट मिला है। लेकिन एलएमई के गोदामों में भंडार बढ़ने से कॉपर पर दबाव है। 

17 मई 2017

गेहूं की एमएसपी पर रिर्काड 282 लाख टन से ज्यादा हुई खरीद

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक रिकार्ड 282.12 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जबकि इससे पहले रबी विपणन सीजन 2015-16 में एमएसपी पर 280.87 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। पिछले रबी विपणन सीजन में गेहूं की एमएसपी पर केवल 229.61 लाख टन की खरीद हो पाई थी।
पंजाब से एमएसपी पर गेहूं की खरीद 115.94 लाख टन गेहूं की हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से केवल 105.59 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.17 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.28 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 62.64 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 39.46 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 19.37 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 7.40 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 9.90 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.06 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।........  आर एस राणा

कच्चे तेल में कल की तेजी पर ब्रेक गया

कच्चे तेल में कल की तेजी पर ब्रेक लग गया है और ग्लोबल मार्केट में इसका दाम करीब 1 फीसदी गिर गया है। ब्रेंट 52 डॉलर के काफी नीचे आ गया है और डब्ल्यूटीआई क्रूड में 48 डॉलर के पास कारोबार हो रहा है। कल अमेरिकी पेट्रोलियम इंस्टीट्यूटी की इंन्वेंट्री रिपोर्ट आई थी, जिसके मुताबिक अमेरिका में क्रूड का भंडार 8.82 लाख बैरल बढ़ गया है। जबकि बाजार को भंडार गिरने का अनुमान था। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है। आज यूएस एनर्जी डिपार्टमेंट की भी रिपोर्ट आएगी, जिस पर बाजार की नजर है।  सोने और चांदी में करीब 0.5 फीसदी की तेजी आई है। दरअसल डॉलर इंडेक्स 6 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गया है। ऐसे में ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है।  ऐसे में डॉलर के मुकाबले रुपये को सपोर्ट मिला है और आज रुपया मजबूती के साथ कारोबार कर रहा है। डॉलर की कीमत 64 रुपये के नीचे आ चुकी है।

16 मई 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 280 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 280.46 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 226.38 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
पंजाब से एमएसपी पर गेहूं की खरीद 115.81 लाख टन गेहूं की हो चुकी है जबकि खरीद का लक्ष्य 115 लाख टन का था। पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से केवल 105.47 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.28 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 62.13 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 39.37 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 18.49 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 7.20 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 9.76 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 6.94 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।.......   आर एस राणा

अप्रैल में वनस्पति तेलों का आयात 7 फीसदी बढ़ा

आर एस राणा
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव कम होने के कारण अप्रैल महीने में वनस्पति तेलों के आयात में 7 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 1,339,489 टन का हुआ है जबकि पिछले साल अप्रैल महीने में इनका आयात 1,248,887 टन का हुआ था। अप्रैल महीने में वनस्पति तेलों के आयात में खाद्य तेलों की हिस्सेदारी 1,324,014 टन की रही जबकि इस दौरान 15,475 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष 2016-17 (नवंबर-16 से अप्रैल-17) के पहले छह महीनों में वनस्पति तेलों के आयात में 6 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 7,134,265 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 7,568,709 टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार मार्च के अप्रैल महीने में क्रुड तेल के बजाए रिफाइंड तेलों के आयात में जरुर कमी आई है। अप्रैल महीने में हुए कुल आयात में रिफाइंड तेलों की हिस्सेदारी 18 फीसदी रही जबकि मार्च में रिफाइंड खाद्य तेलों की हिस्सेदारी 20 फीसदी थी।
मलेशिया के साथ ही इंडोनेशिया में भी पॉम तेल का उत्पादन ज्यादा होने से विश्व बाजार में अप्रैल में आयातित तेलों की कीमतों में भी कमी आई है, जिसका असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर भी पड़ा है। आरबीडी पामोलीन का भाव घटकर अप्रैल महीने में भारतीय बंदरगाह पर 705 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि मार्च में इसका भाव 731 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव मार्च में 734 डॉलर प्रति टन था, जोकि अप्रैल में घटकर 706 डॉलर प्रति टन रह गया। क्रुड पाम तेल और रिफाइंड आरबीडी पामोलीन की कीमतों में अंतर कम होने के कारण पिछले कुछ महीनों में रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात में बढ़ोतरी हुई थी। क्रुड सोयाबीन तेल का भाव भी अप्रैल महीने में घटकर भारतीय बंदरगाह पर 756 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि मार्च महीने में इसका भाव 767 डॉलर प्रति टन था। क्रुड सनफ्लावर का भाव अप्रैल में घटकर 783 डॉलर प्रति टन भारतीय बंदरगाह पर रह गया जबकि मार्च में इसका भाव 791 डॉलर प्रति टन था।
खरीफ के साथ ही रबी सीजन में घरेलू बाजार में तिलहनों की पैदावार ज्यादा होने के कारण खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा बनी हुई है, ऐसे में अप्रैल में आयात में भी बढ़ोतरी हुई है इसलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है, जबकि मांग कमजोर है इसलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है।..................  आर एस राणा

राज्य सरकारें दलहन पर स्टॉक लिमिट हटायें - रामविलास पासवान

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार दलहन की कीमतों में आई गिरावट को रोकने लिए गंभीर हो गई है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने राज्य सरकारों से तुरंत स्टॉक लिमिट हटाने के मांग की है।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार दलहन खासकर के अरहर, मूंग और मसूर की कीमतों में चल रही गिरावट को लेकर चिंतित है। चालू फसल सीजन के लिए केंद्र सरकार ने अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,050 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में अरहर 4,000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे बिक रही है, ऐसे में केंद्र सरकार को डर है कि कहीं चालू सीजन में कीमतें कम होने के कारण किसान अरहर के बजाए अन्य फसलों की बुवाई को तरजीह देंगे। इसी तरह से मूंग का एमएसपी 5,225 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) है जबकि उत्पादक मंडियों में मूंग एमएसपी से 3,00 से 5,00 रुपये प्रति क्विंटल नीचे बिक रही है। मसूर के भाव भी उत्पादक मंडियों में 3,600 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि मसूर का एमएसपी 3,950 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) है।
केंद्र सरकार ने दलहन पर अक्टूबर 2015 में दलहन पर स्टॉक लिमिट लगाई थी, तथा केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को भी दलहन पर स्टॉक लिमिट लगाने की मांग की थी इसीलिए 9 राज्यों ने दलहन पर स्टॉक लिमिट लगाई थी। केंद्र सरकार ने सितंबर 2016 तक दलहन पर स्टॉक लिमिट लगा रखी थी, तथा इसकी अवधि आगे नहीं बढ़ाने से यह स्वयं समाप्त हो गई।
केंद्र सरकार ने फरवरी में ही राज्य सरकार को स्टॉक लिमिट पर फैसला लेने के लिए पत्र लिख दिया था, लेकिन अभी तक केवल मध्य प्रदेश ने ही स्टॉक लिमिट को हटाया है। अन्य राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटका ने स्टॉक लिमिट में कुछ ढील जरुर दी है, लेकिन इन राज्यों में अभी भी स्टॉक लिमिट लगी हुई है जिससे व्यापारी ज्यादा स्टॉक नहीं कर पा रहे हैं। व्यापारिक संगठनों ने भी पिछले महीने राज्य सरकारों से स्टॉक लिमिट हटाने की मांग की थी। ............    आर एस राणा

आयात शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की तो गेहूं में तेजी नहीं

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की तो फिर गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। इस समय गेहूं के आयात पर 10 फीसदी आयात शुल्क है, इसके बावजूद भी आयात सौदे हो रहे हैं। आस्ट्रेलिया से आयातित स्ट्रेंडर्ड गेहूं का भाव तुतीकोरन बंदरगाह पर सोमवार को 1,770 रुपये और लाल गेहूं का भाव 1,675 से 1,680 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
व्यापारियों के अनुसार हाल ही में आस्ट्रेलिया और यूक्रेन से करीब 3 से 3.50 लाख टन गेहूं के आयात सौदे जून-जुलाई शिपमेंट के हुए हैं। केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी नहीं किया तो फिर आयातित गेहूं के और आयात सौदे हो जायेंगे, जिससे दक्षिण भारत की मांग उत्तर भारत के राज्यों से नहीं बनेगी। पिछले साल गेहूं के दाम काफी उंचे हो गए थे, जिससे चालू सीजन में मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान में गेहूं का स्टॉक बहुत ज्यादा हुआ है। भाव में तेजी नहीं आई तो फिर अगस्त-सितंबर में स्टॉकिस्टों की बिकवाली भी बढ़ जायेगी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू फसल सीजन 2016-17 में गेहूं की रिकार्ड पैदावार 974.4 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन केवल 922.9 लाख टन का ही हुआ था। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) चालू रबी विपणन सीजन में अभी 273 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद कर चुकी है, तथा कुल खरीद 300 लाख टन होने का अनुमान है हालांकि खरीद का लक्ष्य 330 लाख टन का तय किया है। माना जा रहा है कि जुलाई के बाद एफसीआई खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री चालू करेगी, हालांकि भाव में तेजी-मंदी एफसीआई द्वारा ओएमएसएस के तहत गेहूं बेचने के लिए तय किए जाने वाले भाव पर भी निर्भर करेगी।......आर एस राणा

कच्चे तेल में तेजी जारी

ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल में कल की तेजी आज भी जारी है। ब्रेंट का दाम 52 डॉलर के पार है जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड में 49 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है।दुनिया के दो बड़े तेल उत्पादक देश रूस और सऊदी अरब ने उत्पादन कटौती की मियाद को 9 महीने के लिए और बढ़ाने का संकेत दिया है। ऐसे में सप्लाई में कमी के अनुमान से क्रूड की कीमतों में तेजी आई है।  सोने और चांदी में भी आज हल्की बढ़त दिख रही है।  डॉलर में दबाव से ग्लोबल मार्केट में सोने और चांदी को सपोर्ट मिला है।  डॉलर के मुकाबले रुपये की कल मजबूती आज रुक गई है। 1 डॉलर की कीमत 64.10 रुपये के पास है।  अप्रैल में सोने का इंपोर्ट तीन गुना बढ़ गया है। अक्षय तृतीया की मांग की वजह से अप्रैल में करीब 385 करोड़ डॉलर का सोना इंपोर्ट हुआ है, ऐसे में रुपये पर दबाव बढ़ गया है। इस साल के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 5.5 फीसदी मजबूत हो चुका है।

15 मई 2017

मौसम एजेंसियों का अलनीनो के असर के कम होने का अनुमान

इस साल अच्छी बारिश होगी, मॉनसून की चाल से इस बात का साफ संकेत मिल रहा है। अंडमान और निकोबार में मॉनसून इस साल तय वक्त से एक दिन पहले दस्तक दे चुका है और भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इसे आगे बढ़ने के लिए माहौल बिल्कुल अनुकूल है। इस बीच ग्लोबल मौसम एजेंसियों ने अलनीनो के असर के कम होने का अनुमान दिया है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान अंडमान-निकोबार के कई इलाकों समेत पूर्वोत्तर के असम और मेघालय में भारी बारिश होने का अनुमान है।

गेहूं की सरकारी खरीद 278 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 278.01 लाख टन गेहूं की खरीद की है, अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब से 115.65 लाख टन, हरियाणा से 73.73 लाख टन, मध्य प्रदेश से 61.40 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 17.50 लाख टन की हो चुकी है। .....आर एस राणा

मॉनसून अंडमान में तय वक्त से एक दिन पहले

मॉनसून अंडमान में तय वक्त से एक दिन पहले दस्तक दे चुका है और आगे बढ़ने के लिए माहौल अनुकूल है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल देश में अच्छी बारिश की उम्मीद है।  ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल में जोरदार तेजी आई है। ब्रेंट का दाम करीब 1.5 फीसदी उछलकर 51 डॉलर के पार चला गया है। नायमैक्स पर भी 48 डॉलर के उपर कारोबार हो रहा है।  आज बीजिंग में सऊदी और रूस के तेल मंत्रियों की अहम बैठक है जहां उत्पादन कटौती पर फैसला हो सकता है। वहीं सोने में बेहद छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है। 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये के पास है।

13 मई 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी। हमें ई-मेल करे या फिर फोन पर संपक करें।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........

आर एस राणा
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12 मई 2017

पंजाब में गेहूं की सरकारी खरीद लक्ष्य के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। पंजाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की सरकारी खरीद लक्ष्य से ज्यादा हो गई है, जबकि अभी भी उत्पादक मंडियों में गेहूं की आवक बनी हुई है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार पंजाब से एमएसपी पर 115.19 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि खरीद का लक्ष्य 115 लाख टन का था। पिछले साल पंजाब से केवल 106.49 लाख टन गेहूं की खरीद ही हुई थी।चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की एमएसपी पर खरीद बढ़कर 273.24 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 224.14 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
चालू रबी में हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 73.45 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.03 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 59.28 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 38.87 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 15.91 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 6.54 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 9.24 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 6.66 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।..............आर एस राणा

जीएम सरसों से उत्पादन में होगी बढ़ोतरी-उद्योग

आर एस राणा
नई दिल्ली। जेनेटिक इंजिनियरिंग एप्राइजल समिति (जीईएसी) ने अपने प्रेजेंटशन में कुछ शतों के साथ जीएम सरसों को मंजूरी की सिफारिश का उद्योग ने स्वागत किया है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी वी मेहता के अनुसार इस समय देश में सरसों का सालाना उत्पादन 70 लाख टन का होता है, जीएम सरसों की मंजूरी से सरसों का उत्पादन 2025 तक 150 लाख टन होने का अनुमान है। उद्योग के अनुसार 2020 तक सरसों उत्पादन का अनुमान 100 लाख टन का है।
जीएम सरसों को मंजूरी देने से जहां किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, वहीं देश में खाद्य तेलों के आयात में भी कमी आयेगी। जीईएसी ने मंत्रालय से इसके व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए सिफारिश करते हुए कुछ शतों को भी रखा है।
हालांकि जीएम सरसों का देश में कुछ संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं, संगठनों का मानना है कि जीएम सरसों से जहां पर्यावरण को नुकसान होगा, वहीं उसके उपयोग से नागरिकों के स्वास्थय पर भी खराब असर पड़ेगा। देश में एक जीएम कॉटन का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है, हालांकि कई राज्यों के किसान अब जीएम कॉटन के बजाए देशी कपास की बुवाई को ज्यादा तरजीह दे रहे है।...............आर एस राणा

क्रूड में तेजी

अमेरिका में इन्वेंटरी फरवरी से अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने से क्रूड में तेजी बनी हुई है। वहीं, ओपेक की तरफ से उत्पादन में कटौती तय समय से आगे भी जारी रहने की उम्मीदें बढ़ती नजर आ रही हैं। ऐसे में क्रूड के कीमतें लगातार मजबूत हो रही हैं। यूएस क्रूड 48 डॉलर के करीब है जबकि ब्रेंट करीब 51 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। यूएस इन्वेस्टमेंट बैंक जेफरीज के मुताबिक क्रूड में रिकवरी के साफ संकेत मिल रहे हैं।
 अमेरिका में राजनीतिक अनिश्चितता के चलते सोने की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि, जून में फेड की तरफ से दरें बढ़ाए जाने की आशंका में सोना लगातार आठवें हफ्ते साप्ताहिक गिरावट के लिए तैयार है। इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड फ्यूचर 1227 डॉलर के करीब बना हुआ है। बेस मेटल की बात करें तो कॉपर में शॉर्ट कवरिंग से आई तेजी ज्यादा टिकाऊ नहीं रही। लंदन मेटल एक्सचेंज में कॉपर बिना बदलाव के रहा। वहीं, शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज में निचला स्तर छूने के बाद कॉपर में थोड़ी रिकवरी देखने को मिली।

11 मई 2017

जीएम कॉटनसीड की 3 नई किस्म को मंजूरी

सरकार ने जेनिटिकली मॉडिफाइड कॉटनसीड की 3 वेरायटी को रिलीज की मंजूरी दे दी है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च ने पीएयू-1, आरएस 2013 और एफ-1861 वेरायटी का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। इनकी खासियत है कि इनका दोबारा इस्तेमाल किया सकता है और ये मौजूदा जेनिटिकली मॉडिफाइड वेरायटीज से सस्ती है। इससे पहले पिंक बॉलवर्म की समस्या से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि खबर है कि सरकार के इस कदम को स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक बताते हुए स्वदेशी जागरण मंच इसका विरोध कर रहे हैं।

गेहूं की सरकारी खरीद 271 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 271.09 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 223.14 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
चालू रबी में पंजाब से अभी तक एमएसपी पर 114.95 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 104.69 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 73.28 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 66.89 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 58.54 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 38.65 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 15.10 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 6.25 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 9.07 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 6.54 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
इसके अलावा उत्तराखंड से 826 टन, चंडीगढ़ से 7,600 टन, गुजरात से 4,703 टन और हिमाचल प्रदेश से 447 टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर हो चुकी है।............   आर एस राणा

सोयाबीन का 45 लाख टन से ज्यादा स्टॉक मौजूद-सोपा

आर एस राणा
नई दिल्ली। पैदावार ज्यादा होने के कारण इस समय प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में करीब 45.91 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ है। सोयाबीन की नई फसल अक्टूबर में आयेगी, चालू सीजन में भी भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मौसम अनुकूल रहने का अनुमान जताया है, ऐसे में जून के बाद सोयाबीन की कीमतों में मंदा आने का अनुमान है।
इंदौर मंडी में सोयाबीन के भाव 3,000 से 3,055 रुपये, मध्य प्रदेश की मंडियों में इसके भाव 2,800 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। राजस्थान की कोटा मंडी में सोयाबीन के भाव 2,950 रुपये प्रति क्विंटल रहे। इंदौर मंडी में सोया रिफाइंड तेल के भाव 630 से 632 रुपये प्रति 10 किलो रहे। इंदौर मंडी में सोया डीओसी के भाव 25,000 रुपये और कोटा मंडी में 25,200 रुपये प्रति टन रहे।
सोयाबीन प्रोससेर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार चालू सीजन में सोयाबीन का उत्पादन 114.91 लाख टन का हुआ है जबकि नई फसल के समय 4.41 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था, ऐसे में कुल उपलब्धता 119.32 लाख टन की बैठी है। माना मा जा रहा है कि चालू खरीफ में करीब 12 लाख टन सोयाबीन की बीज में खपत होगी, ऐसे में क्रेसिंग के लिए कुल 107.32 लाख टन सोयाबीन की उपलब्धता रहेगी।
चालू सीजन में अक्टूबर-16 से अप्रैल-17 तक उत्पादक मंडियों में 59 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है तथा उत्पादक राज्यों में 45.91 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ है। सोया रिफाइंड तेल और सोया डीओसी में मांग कमजोर होने से आगामी महीनों में सोयाबीन की खपत कम होगी, ऐसे में जून में आईएमडी ने सामान्य मानसून की भविष्यवाणी कर दी तो फिर सोयाबीन में बिकवाली बढ़ सकती है, जिससे इसके भाव में आगे गिरावट बन सकती है।
चालू तेल वर्ष 2016-17 के अक्टूबर-16 से अप्रैल-17 के दौरान 12.65 लाख टन सोया डीओसी का निर्यात हो चुका है तथा इस दौरान घरेलू बाजार में इसकी खपत 28.75 लाख टन की हुई है जबकि इस दौरान सोया डीओसी का कुल उत्पादन 44.55 लाख टन का हो चुका है। ..............   आर एस राणा

क्रूड में अच्छी तेजी

अमेरिका में इन्वेंटरी घटने और ओपेक सप्लाई में कटौती को इराक और अल्जीरिया का सपोर्ट मिलने के बाद क्रूड में अच्छी तेजी देखी जा रही है। हालांकि, बाजार के जानकारों का मानना है कि ये तेजी ज्यादा दिन तक नहीं टिकने वाली, क्योंकि अमेरिका में तेजी से क्रूड प्रोडक्शन बढ़ रहा है। यूएस क्रूड 0.5 फीसदी ऊपर 47.5 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रहा है। वहीं, ब्रेंट 50 डॉलर के पार चला गया है। सोने के दामों में स्थिरता बनी हुई है। अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की संभावना के बावजूद डॉलर और शेयर बाजार मजबूत बने हुए हैं। ऐसे में सोने में भी ज्यादा हलचल नहीं दिखाई दे रही है। कॉमैक्स पर सोना 1220 डॉलर के करीब है। वहीं, निवेशकों का रुझान शेयरों और क्रूड ऑयल की तरफ ज्यादा होने से मेटल्स में कमजोरी देखने को मिल रही है। शंघाई मेटल एक्सचेंज में कॉपर 0.25 फीसदी से ज्यादा गिरा।  ज्यादातर मेटल्स की चमक फीकी ही दिखाई दी।

10 मई 2017

दलहन का रिकार्ड 66.01 लाख टन हुआ आयात

आर एस राणा
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016-17 में दलहन का रिकार्ड आयात 66.01 लाख का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 58 लाख टन का आयात हुआ था। चालू फसल सीजन 2016-17 में देश में रिकार्ड 224 लाख टन दलहन का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इनका उत्पादन 163.5 लाख टन का ही हुआ था।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू सीजन में दलहन की बंपर होने का अनुमान तो है, साथ ही आयात भी पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के तुलना में 14 लाख टन ज्यादा है। इसलिए दलहन की कुल उपलब्धता ज्यादा है। व्यापारियों के अनुसार मई-जून में दलहन में मांग कमजोर रहेगी, जिससे इनकी कीमतों में सीमित तेजी-मंदी रहने का अनुमान है। जुलाई-अगस्त में दलहन की मांग बढ़ोतरी होगी, जिससे इनके भाव में सुधार आने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान मटर का आयात 27.88 लाख टन का हुआ है, जबकि चना का आयात इस दौरान 6.90 लाख टन, मूंग और उड़द का आयात 5.02 लाख टन का, मसूर का आयात 6.20 लाख टन का और अरहर का आयात 6.22 लाख टन का हुआ है।.......   आर एस राणा

गेहूं की सरकारी खरीद 300 लाख टन होने का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद 300 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि केंद्र सरकार ने खरीद का लक्ष्य 330 लाख टन का तय किया है। हरियाणा, मध्य प्रदेश के साथ ही पंजाब में अब गेहूं की दैनिक आवक कम होने लगी है जिससे खरीद का तय किया गया लक्ष्य पूरा होने की संभावना नहीं है। पिछले साल एमएसपी पर कुल 229.61 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की एमएसपी पर अभी तक 266.69 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 220.983 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
चालू रबी में पंजाब से अभी तक एमएसपी पर 114.38 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 103.83 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। राज्य से खरीद का लक्ष्य 115 लाख टन का तय किया गया है जबकि पिछले साल पंजाब से 106.49 लाख टन गेहूं खरीदा गया है।
हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 72.96 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 66.63 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। राज्य से खरीद का लक्ष्य चालू रबी विपणन सीजन में 67.52 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य किया है जबकि पिछले साल राज्य से 67.52 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 56.97 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 38.31 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। राज्य से खरीद का लक्ष्य चालू रबी में 85 लाख टन का तय किया गया है तथा पिछले साल राज्य से 39.92 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 13.76 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 5.74 टन गेहूं ही खरीदा गया था। उत्तर प्रदेश से एफसीआई ने चालू रबी में 30 लाख टन का तय किया है। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 8.71 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 6.21 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।............   आर एस राणा

कच्चे तेल में अच्छी तेजी

कच्चे तेल में अच्छी तेजी देखी जा रही है। दरअसल, रॉयटर्स के हवाले से खबर आई है कि साउदी अरब उत्पादन में कटौती करेगा। एशियाई ग्राहकों को सप्लाई होने वाले तेल में जून के दौरान करीब 70 लाख बैरल की कटौती होने जा रही है ये कटौती जापान में होने वाले 2 दिन के इंपोर्ट के बराबर है। इस खबर के बाद यूएस क्रूड 46 डॉलर के पार चला गया। वहीं ब्रेंट भी करीब 3/4 फीसदी बढ़कर 49 डॉलर के करीब बना हुआ है। उधर पिछले सत्र में 8 हफ्ते का निचले स्तर छूने के बाद सोने में रिकवरी देखने को मिली है। हालांकि जून में यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने की आशंका में सोने की कीमतों में दबाव बना हुआ है। फ्यूचर में सोना 0.25 फीसदी ऊपर 1222.50 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। स्पॉट में भी सोने के दाम 1222 डॉलर के करीब बने हुए हैं।

09 मई 2017

खाद्यान्न का रिकार्ड 27.33 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में देश में खाद्यान्न की रिकार्ड पैदावार 27.33 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 26.50 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था।
खाद्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चावल का उत्पादन फसल सीजन 2016-17 में 10.91 करोड़ टन रिकार्ड होने का अनुमान है, इसी तरह से गेहूं का उत्पादन भी 974.4 लाख टन, मोटे अनाजों का उत्पादन 443.9 लाख टन रिकार्ड होने का अनुमान है। मोटे अनाजों में मक्का का उत्पादन भी फसल सीजन 2016-17 में 261.4 लाख टन होने का अनुमान है जोकि अभी तक का रिकार्ड है।
दलहन का उत्पादन भी चालू फसल सीजन में रिकार्ड 224 लाख टन होने का अनुमान है। दलहन की प्रमुख फसल चना का उत्पादन 90.8 लाख टन, अरहर का 46 लाख टन और उड़द का उत्पादन 29.3 लाख टन होने का अनुमान है।
इसी तरह से तिलहनों का उत्पादन भी चालू फसल सीजन 2016-17 में बढ़कर 325.2 लाख टन होने का अनुमान है। तिलहनों की प्रमुख फसल सोयाबीन का उत्पादन 140.1 लाख टन, मूंगफली का उत्पादन 76.5 लाख टन और केस्टर सीड का 15.5 लाख टन होने का अनुमान है। कपास का उत्पादन चालू फसल सीजन में 325.8 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है। ..............आर एस राणा

खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट हटाने की मांग

आर एस राणा
नई दिल्ली। खाद्य तेलों के संगठन साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) ने केंद्र सरकार से घरेलू खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट हटाने की मांग की है। घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कुल खपत की 60 फीसदी पूर्ति आयातित खाद्य तेलों से होती है, ऐसे में घरेलू तिलहनों और खाद्य तेलों पर स्टॉक लिमिट का कोई औचित्य नहीं है।
एसईए ने केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखकर मांग की है घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के साथ ही तिलहनों पर स्टॉक लिमिट को समाप्त कर देना चाहिए। स्टॉक लिमिट लगी होने के कारण ही सरसों, मूंगफली और सोयाबीन के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
एसईए के अनुसार चालू तेल सीजन 2016-17 (नवंबर-16 से अक्टूबर-17) में घरेलू बाजार में खाद्य और अखाद्य तेलों को मिलाकर कुल उत्पादन 84.9 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इस दौरान 142 लाख टन (खाद्य तेलों और अन्य अखाद्य तेलों) का आयात होने का अनुमान है। अतः ऐसे में कुल खपत का 37 फीसदी ही खाद्य तेलों का उत्पादन घरेलू होने का अनुमान है।.........   आर एस राणा

10 मई 2017 का मौसमी पूर्वानुमान




देश भर में बने मौसमी सिस्टम
जम्मू कश्मीर और इसके आसपास के हिस्सों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। हालांकि यह सिस्टम कमजोर है।
इसके प्रभाव से विकसित हुआ एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान तथा इससे सटे राजस्थान पर बना हुआ है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य उत्तर प्रदेश पर भी बना हुआ है। पूर्वी भारत के असम पर बना चक्रवाती सिस्टम मौसम को प्रभावित कर रहा है।
पश्चिम में पंजाब से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्व में पश्चिम बंगाल तक बनी हुई है।
तेलंगाना और इससे सटे भागों पर भी एक चक्रवाती सिस्टम दिखाई दे रहा है। विदर्भ क्षेत्र से दक्षिणी तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है।
देश के विभिन्न भागों में दर्ज की गई मौसमी गतिविधियां
बीते 24 घंटों के दौरान उत्तरी बिहार, उत्तरी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और ओड़ीशा में कुछ स्थानों पर गरज के साथ मध्यम से भारी बौछारें दर्ज की गई हैं। पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों में भी हल्की वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
मध्य प्रदेश, विदर्भ, दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र, दक्षिणी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बौछारें दर्ज की गई हैं।
राजस्थान के कुछ भागों, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं लू जैसी मौसमी स्थितियाँ बनी रहीं।
लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी में होगी बारिश, गर्मी से राहत की आस
आगामी 24 घंटों का मौसमी पूर्वानुमान
अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत में दिल्ली से लेकर पूर्व में कोलकाता और दक्षिण में चेन्नई, बंगलुरु तथा हैदराबाद में हो सकती है बारिश।
इस दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। इन भागों में कहीं-कहीं गरज के साथ तेज़ हवाएँ भी चल सकती हैं।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, पंजाब और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धूलभरी आँधी चलने और बादलों की गर्जना होने की संभावना है।
बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, असम और अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उत्तरी बिहार और पश्चिम बंगाल में एक-दो जगहों पर भारी वर्षा के साथ बिजली गिरने और तेज़ हवाएँ चलने के भी आसार हैं।
केरल, दक्षिणी कर्नाटक, आंतरिक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर गरज के साथ वर्षा हो सकती है।
पश्चिमी राजस्थान में लू जैसी स्थितियाँ बनी रहेंगी। गुजरात में भी दिन बेहद गर्म बना रहेगा।……….www.skymetweather.com