सीसीआई द्वारा कपास की बिक्री षुरू, कीमतें न्यूनतम स्तर पर
एमएसपी 58 लाख गांठ की कर चुका है निगम खरीद
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेषन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने कपास की बिक्री षुरू कर दी है। बुधवार को निगम ने कपास की 7,000 गांठ (एक गांठ-170 किलो) बेचने की घोशणा की। हालांकि उत्पादक मंडियों में कपास की कीमतें पहले ही काफी नीचे आ गई हैं ऐसे में निगम द्वारा बिक्री षुरू कर देने से कीमतों में ओर भी गिरावट आयेगी। चालू कपास सीजन में निगम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 58 लाख गांठ कपास की खरीद कर चुकी है।
सीसीआई के एक वरिश्ठ अधिकारी ने मार्किट टाईम्स को बताया कि निगम ने बुधवार को महाराश्ट्, मध्य प्रदेष, तेलंगाना और आंध्रप्रदेष में 7,000 गांठ कपास बेचने का फैसला किया है। इसकी बिक्री ई-निलामी के माध्यम से की जायेगी। उन्होंने बताया कि निगम ने पहले चालू महीने के मध्य में कपास बेचने का निर्णय लिया था लेकिन कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए कुछ समय के लिए बिक्री के फैसले को टाल दिया था।
उन्होंने बताया कि प्रमुख उत्पादक राज्यों से कपास की एमएसपी पर खरीद पहले की तरह ही जारी रहेगी। अक्टूबर-2014 से षुरू हुए चालू कपास सीजन में उत्पादक राज्यों से निगम अभी तक एमएसपी पर 58 लाख गांठ कपास की खरीद कर चुका है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में निगम ने एमएसपी पर 100 लाख गांठ कपास की खरीद का लक्ष्य रखा है।
कपास व्यापारी नरेष राठी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास की कीमतें पहले ही न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है तथा निगम द्वारा बिक्री षुरू कर देने से भाव में ओर भी गिरावट आयेगी। अहमदाबाद में बुधवार को षंकर-6 किस्म की कपास के दाम घटकर 30,000 से 30,500 रूपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रह गए। उन्होंने बताया कि विष्व बाजार में कपास के दाम 57-58 सेंट प्रति पाउंड के आसपास ही बने हुए हैं तथा जब तक चीन की आयात नहीं बढ़ेगी तब तक कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है। इसी का असर घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर देखा जा रहा है।
कॉटन एडवाईजरी बोर्ड (सीएबी) ने चालू सीजन में देष में 400 लाख गांठ कपास की पैदावार का अनुमान लगाया है। उत्पादक मंडियों में इस समय कपास की दैनिक आवक डेढ़ से पौने दो लाख गांठ की हो रही है।
एमएसपी 58 लाख गांठ की कर चुका है निगम खरीद
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेषन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने कपास की बिक्री षुरू कर दी है। बुधवार को निगम ने कपास की 7,000 गांठ (एक गांठ-170 किलो) बेचने की घोशणा की। हालांकि उत्पादक मंडियों में कपास की कीमतें पहले ही काफी नीचे आ गई हैं ऐसे में निगम द्वारा बिक्री षुरू कर देने से कीमतों में ओर भी गिरावट आयेगी। चालू कपास सीजन में निगम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक 58 लाख गांठ कपास की खरीद कर चुकी है।
सीसीआई के एक वरिश्ठ अधिकारी ने मार्किट टाईम्स को बताया कि निगम ने बुधवार को महाराश्ट्, मध्य प्रदेष, तेलंगाना और आंध्रप्रदेष में 7,000 गांठ कपास बेचने का फैसला किया है। इसकी बिक्री ई-निलामी के माध्यम से की जायेगी। उन्होंने बताया कि निगम ने पहले चालू महीने के मध्य में कपास बेचने का निर्णय लिया था लेकिन कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए कुछ समय के लिए बिक्री के फैसले को टाल दिया था।
उन्होंने बताया कि प्रमुख उत्पादक राज्यों से कपास की एमएसपी पर खरीद पहले की तरह ही जारी रहेगी। अक्टूबर-2014 से षुरू हुए चालू कपास सीजन में उत्पादक राज्यों से निगम अभी तक एमएसपी पर 58 लाख गांठ कपास की खरीद कर चुका है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में निगम ने एमएसपी पर 100 लाख गांठ कपास की खरीद का लक्ष्य रखा है।
कपास व्यापारी नरेष राठी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास की कीमतें पहले ही न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है तथा निगम द्वारा बिक्री षुरू कर देने से भाव में ओर भी गिरावट आयेगी। अहमदाबाद में बुधवार को षंकर-6 किस्म की कपास के दाम घटकर 30,000 से 30,500 रूपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रह गए। उन्होंने बताया कि विष्व बाजार में कपास के दाम 57-58 सेंट प्रति पाउंड के आसपास ही बने हुए हैं तथा जब तक चीन की आयात नहीं बढ़ेगी तब तक कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है। इसी का असर घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर देखा जा रहा है।
कॉटन एडवाईजरी बोर्ड (सीएबी) ने चालू सीजन में देष में 400 लाख गांठ कपास की पैदावार का अनुमान लगाया है। उत्पादक मंडियों में इस समय कपास की दैनिक आवक डेढ़ से पौने दो लाख गांठ की हो रही है।
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