आर एस राणा
नई दिल्ली। अक्टूबर से षुरू हुए चालू फसल सीजन में कपास के निर्यात में 69 फीसदी की कमी आई है। विष्व बाजार में दाम कम होने के कारण चालू सीजन में अभी तक केवल 20 लाख गांठ (एक गांठ-170) कपास का निर्यात हुआ है।
कॉटन एसोएिषन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष ने बताया कि चीन की आयात मांग कम होने से विष्व बाजार में कॉटन की कीमतें नीचे बनी हुई है। चालू सीजन में अभी तक देष से केवल 20 लाख गांठ कपास का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले सीजन में इस समय तक 65 लाख गांठ कपास का निर्यात हो चुका था। उन्होंने बताया कि चीन की आयात मांग बढ़ने के बाद ही विष्व बाजार में कीमतों में सुधार आने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि 29 जनवरी को विष्व बाजार में कॉटन का दाम 59.57 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के मुकाबले विष्व बाजार में कॉटन की कीमतों में थोड़ा सुधार आया है।
कपास के थोक कारोबारी संजीव गुप्ता ने बताया कि कॉटन कारर्पोरेषन ऑफ इंडिया (सीसीआई) कपास की बिक्री मंडियों के दाम से उपर भाव पर कर रही है इसलिए घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में ज्यादा मंदा नहीं आयेगा। इस समय उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक डेढ़ से पौने दो लाख गांठों की हो रही है तथा सीसीआई की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सीमित मात्रा में हो रही है। इसीलिए घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। अहमदाबाद में षुक्रवार का षंकर-6 किस्म की कपास का भाव 30,500 से 30,800 रूपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) पर स्थिर बना रहा।.........आर एस राणा
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