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04 फ़रवरी 2016

मंद पड़ी कपास की आस


घरेलू मिलों की सुस्त मांग और किसानों की स्टॉक रखने की क्षमता बढऩे से पूरे सीजन की कपास आवक में इस साल गिरावट आई है। पिछले साल जनवरी तक की तुलना में इसमें अब तक करीब 19 प्रतिशत तक की कमी आई है। जनवरी तक देश में पूरे सीजन की कपास आवक तकरीबन 1.702 करोड़ गांठ (एक गांठ = 170 किलोग्राम) रही। जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2.1 करोड़ गांठ थी। हालांकि कपास उत्पादन का अनुमान 3.6 करोड़ गांठ था। इसकी तुलना में 1.702 करोड़ गांठ की आवक लगभग 47 प्रतिशत ही बैठती है। अहमदाबाद के एक कपास व्यापारी अरुण दलाल ने इसका कारण बताते हुए कहा, 'नवंबर-दिसंबर 2015 के दौरान निर्यात की मांग में अच्छी उछाल ने किसानों की उम्मीदें जगा दी थी। नतीजतन बेहतर मुनाफे की उम्मीद से किसान कपास के स्टॉक को रोक रहे हैं, जिससे पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले में जनवरी 2016 तक सीजन की आवक में गिरावट आई है।'
व्यापारियों के मुताबिक किसान एक हजार रुपये प्रति 20 किलोग्राम से कम पर कपास नहीं बेचना चाह रहे हैं जबकि पिछले दो महीनों से बाजार में इसकी कीमत 880-965 रुपये प्रति 20 किलोग्राम के बीच चल रही है। हाल के दिनों में गुजरात जैसे प्रमुख रुई उत्पादक राज्यों में रुई की दैनिक आवक 55,000 गांंठ से 40,000 गांठ पर आ गई है। दूसरी तरफ, घरेलू कपड़ा मिलों की सुस्त खरीद की वजह से दाम भी गिरने लगे हैं। देशभर में दो हफ्ते पहले की एक लाख 60 हजार गांठ की तुलना में इसकी दैनिक आवक एक लाख 30 हजार गांठ चल रही है।
इसके अलावा किसानों में ज्यादा फायदे की आस जगाने वाला एक कारण था कपास उत्पादन में गिरावट का अनुमान। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के उपाध्यक्ष नयन मिरानी ने बताया, 'उत्पादन में कमी के अनुमान ने इस साल किसानों की उम्मीदें बढ़ा दीं। इसने उन्हें अपने उत्पाद को रोकने के लिए प्रोत्साहित किया।'
सीएआई ने 2014-15 के 3.827 करोड़ गांठ की तुलना में 2015-16 में 3.57 करोड़ गांठ कपास उत्पादन का अनुमान लगाया था। 'दलाल' के अनुसार 31 जनवरी, 2016 में देशभर में करीब 1.702 करोड़ गांठ की आवक हुई थी, जबकि पिछले साल इस दिन तक यह 2.104 करोड़ गांठ थी। प्रमुख कपास उत्पादक राज्य गुजरात में इस साल अब तक 15 लाख गांठ की गिरावट से उपज 40.99 लाख गांठ रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 56 लाख गांठ थी। देश के उत्तरी भाग में कपास की आवक 37 लाख गांठ की तुलना में 22 लाख गांठ दर्ज की गई थी। अब तक भारत 47 लाख गांठ के निर्यात का ऑर्डर दर्ज कर चुका है। जिसमें से लगभग 30 लाख गांठों का निर्यात मुख्य रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलयेशिया और इंडोनेशिया में किया गया है।( BS Hindi)

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