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08 दिसंबर 2012

केस्टर सीड में निवेश से कमाएं मुनाफा

आर. एस. राणा नई दिल्ली | Dec 08, 2012, मुनाफे का सौदा चालू सीजन में कैस्टर सीड की पैदावार पिछले साल की तुलना में 25 से 30 फीसदी कम होने की आशंका है। दूसरी तरफ चीन और यूरोपीय देशों की कैस्टर तेल में आयात मांग पहले की तुलना में बढ़ी है उत्पादक मंडियों में कैस्टर सीड के नीचे भाव में किसानों के साथ ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली कमजोर है इसलिए मौजूदा कीमतों में तेजी आने की संभावना है बकाए स्टॉक के कारण कीमतें अब निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, ऐसे में मांग निकलने से आगामी दिनों में 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है चीन और यूरोपीय देशों की केस्टर तेल में आयात मांग पहले की तुलना में बढ़ी है। जबकि चालू सीजन में केस्टर सीड की पैदावार भी पिछले साल की तुलना में 25 से 30 फीसदी कम होने की आशंका है। ऐसे में नीचे भावों में मांग निकलने से आगामी दिनों में केस्टर सीड और तेल की कीमतों में मजबूती आने की संभावना है। हालांकि, उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का बकाया स्टॉक अब भी चार से 4.5 लाख टन का बचा हुआ है लेकिन नीचे भाव में किसान और स्टॉकिस्ट बिकवाल नहीं है। जयंत एग्रो आर्गेनिक लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक वामन भाई ने बताया कि चीन के साथ ही यूरोपीय देशों की केस्टर तेल में आयात मांग पहले की तुलना में बढ़ी है। इस समय केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,300 से 1,310 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं जबकि पिछले साल की समान अवधि में भाव 1,600 डॉलर प्रति टन था। चालू वर्ष में जनवरी से नवंबर तक करीब 4.4 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हो चुका है। उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के नीचे भाव में किसानों के साथ ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली कमजोर है इसलिए मौजूदा कीमतों में तेजी आने की संभावना है। एनसीडीईएक्स पर महीनेभर में केस्टर सीड की कीमतों में 2.9 फीसदी की गिरावट आई है। दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में सात नवंबर को केस्टर सीड का भाव 3,612 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि पहली शुक्रवार को इसका भाव 3,505 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। एस सी केमिकल के प्रबंधक कुशल राज पारिख ने बताया कि चालू सीजन में केस्टर सीड की पैदावार तो कम होने की आशंका है लेकिन पिछले साल का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ था जिसकी वजह से कीमतों में गिरावट आई है। लेकिन कीमतें अब निचले स्तर पर पहुंच गई है ऐसे में मांग निकलने से आगामी दिनों में 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी. वी. मेहता ने बताया कि वर्ष 2012-13 में केस्टर सीड की पैदावार 31 फीसदी घटकर 11 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2011-12 में इसकी पैदावार 16 लाख टन हुई थी। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में पैदावार तो कम होने की आशंका है लेकिन पिछले साल का बकाया स्टॉक 4 से 4.5 लाख टन का बचा हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2012-13 के अप्रैल से नवंबर के दौरान 2.77 लाख टन केस्टर खली का निर्यात हुआ है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2011-12 में 5.5 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ था। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान मूल्य के आधार पर निर्यात में 12.87 फीसदी कमी आकर कुल निर्यात 2,644.19 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 3,034.72 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। केस्टर सीड के थोक कारोबारी रौनक भाई ने बताया कि भाव काफी नीचे आ गए है तथा इन भावों में बिकवाल नहीं है इसलिए मौजूदा कीमतों में तेजी आने की संभावना है। उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के दाम घटकर 690 रुपये प्रति 20 किलो रह गए है जबकि केस्टर तेल की कीमतें 735 रुपये प्रति 10 किलो रह गई हैं। उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक घटकर 10 से 12 हजार बोरी (एक बोरी-75 किलो) की रह गई है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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