नई दिल्ली। कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई घरेलू बाजार में पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए फसल सीजन 2024-25 में खरीदी हुई 38 हजार गांठ, एक गांठ 170 किलो से ज्यादा कॉटन की बिक्री पिछले सप्ताह घरेलू मिलों को की।
सूत्रों के अनुसार सीसीआई ने 5 मई को घरेलू बाजार में 25,300 गांठ कॉटन तथा 6 मई को 4,600 गांठ के अलावा 7 मई को निगम ने 4,100 गांठ कॉटन की बिक्री। 8 मई को निगम ने 2,400 गांठ तथा 9 मई को 1,500 गांठ कॉटन की बिक्री की।
स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण मंगलवार को गुजरात में कॉटन की कीमतों में मंदा आया, जबकि इस दौरान उत्तर भारत के राज्यों में इसके स्थिर से नरम हुए।
गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव मंगलवार को 150 रुपये कमजोर होकर दाम 53,900 से 54,500 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।
पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव 5750 से 5760 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 15 रुपये कमजोर होकर 5610 से 5650 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5730 से 5780 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव 55,200 से 55,300 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।
देशभर की मंडियों में कपास की आवक 26,650 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।
घरेलू वायदा कारोबार में कॉटन की कीमतों में गिरावट रुख रहा। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल 26 महीने के वायदा अनुबंध में कपास के दाम 6 रुपये कमजोर होकर भाव 1,592 रुपये प्रति 20 किलो रह गए। एमसीएक्स पर मई 25 महीने के वायदा अनुबंध में कपास के दाम 440 रुपये कमजोर होकर भाव 53,540 रुपये प्रति कैंडी रह गए। हालांकि इस दौरान आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन शाम के सत्र में मिलाजुला रुख रहा।
स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमतों में मंदा आया, जबकि उत्तर भारत के राज्यों में इसके दाम स्थिर से नरम हुए। व्यापारियों के अनुसार घरेलू बाजार में सूती धागे में स्थानीय मांग अच्छी है तथा रुई के दाम पिछले साल की तुलना में नीचे बने हुए हैं जिस कारण स्पिनिंग मिलें अच्छे मार्जिन में व्यापार कर रही हैं। इसलिए मिलों की कॉटन में मांग बनी रहने के आसार हैं। घरेलू बाजार में स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक कम है।

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