कुल पेज दृश्य

17 मई 2025

मई मध्य तक चालू पेराई सीजन में चीनी उत्पादन में 18.38 फीसदी की कमी - उद्योग



नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन (अक्टूबर-24 से सितंबर-25) में 15 मई 2025 तक चीनी के उत्पादन में 18.38 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 257.40 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इसका उत्पादन 315.40 लाख टन का हो चुका था।

राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ (एनएफसीएसएफ) के अनुसार चीनी के उत्पादन में गिरावट का प्रमुख कारण चीनी की कम रिकवरी दर एवं गन्ने की फसल कम होना है। पिछले पेराई सीजन में गन्ने में औसतन 10.10 फीसदी की रिकवरी आई थी, जोकि चालू पेराई सीजन में  घटकर 9.30 फीसदी की रह गई है और पेराई के लिए गन्ने की उपलब्धता भी कम हो गई है। इसी अवधि में कुल गन्ना पेराई 312.26 मिलियन टन से घटकर 276.77 मिलियन टन रह गया।

एनएफसीएसएफ के अनुसार देश में चीनी का अंतिम स्टॉक 48 से 50 लाख टन रहने का अनुमान है, जो चालू पेराई सीजन 2024-25 में उत्पादन में गिरावट के बावजूद अक्टूबर-नवंबर 2025 में नए पेराई सीजन के आरंभ होने तक घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन 2024-25 में चीनी का कुल उत्पादन 261.10 लाख टन होने का अनुमान लगाया है, जोकि इससे पिछले पेराई सीजन के 319 लाख टन से कम रहेगा।

अनुकूल मानसून की स्थिति और महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में गन्ने की बुवाई में बढ़ोतरी के कारण नए पेराई सीजन 2025-26 में चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। कम उत्पादन और निर्यात की अनुमति देने के सरकार के फैसले से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें 3,880-3,920 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी हुई हैं।

एनएफसीएसएफ ने सरकार से बढ़ी हुई उत्पादन लागत की भरपाई करने के लिए चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य, एमईपी में वृद्धि करने के साथ ही नए पेराई सीजन 2025-26 में इथेनॉल के लिए 5 मिलियन टन चीनी डायवर्जन का लक्ष्य घोषित करने के अलावा एथेनॉल खरीद मूल्यों को संशोधित करने और एक प्रगतिशील निर्यात नीति बनाने का आग्रह किया है।

कोई टिप्पणी नहीं: