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17 मई 2025

अप्रैल में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 32 फीसदी कम हुआ- एसईए

नई दिल्ली। अप्रैल 2025 में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 32 फीसदी घटकर 891,558 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल अप्रैल में इनका आयात 1,318,528 टन का हुआ था। इस दौरान खाद्वय तेलों का आयात 862,558 टन का एवं अखाद्य तेलों का आयात 29,000 टन का हुआ है।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष 2024-25 की पहली छमाही नवंबर-24 से अप्रैल-25 के दौरान देश में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 6 फीसदी कम होकर 6,697,700 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 7,148,643 टन का हुआ था। हालांकि खाद्य तेलों के आयात के आंकड़ों में नेपाल से आयात हुई मात्रा शामिल नहीं है। 

एसईए के अनुसार नेपाल की सालाना खाद्य तेल की खपत लगभग 430,000 टन या कहें कि केवल 35,000 टन प्रति माह है। चूंकि भारत ने सितंबर, 2024 में खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था, इसलिए नेपाली रिफाइनर ने बड़ी मात्रा में क्रूड तेल का आयात करना शुरू कर दिया है और साफ्टा समझौते के तहत शून्य शुल्क की छूट दर पर भारत में रिफाइंड तेलों का निर्यात किया है। 15 अक्टूबर 2024 से 15 अप्रैल 2025 (6 महीने) के दौरान, नेपाल ने लगभग 5.80 लाख टन खाद्य तेल, मुख्य रूप से क्रूड सोया और सूरजमुखी तेल का आयात किया और इसी अवधि के दौरान नेपाल ने भारत को लगभग 3.50 लाख टन रिफाइंड खाद्य तेल का निर्यात किया। यह अब खतरनाक अनुपात में पहुंच गया है और न केवल पूर्वी और उत्तरी भारत में घरेलू  रिफाइनरी उद्योग के अस्तित्व को खतरे में डाल रहा है, बल्कि देश को भारी मात्रा में राजस्व की हानि भी हो रही है। एसईए ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी के समक्ष इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है और उम्मीद जताई है कि नेपाल से अत्यधिक आयात को रोकने के लिए कुछ कार्रवाई की जाएगी।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने केरल में 27 मई को मानसून के आगमन का पूर्वानुमान लगाया है, जोकि 1 जून को निर्धारित सामान्य से चार दिन पहले है। इससे पहले आईएमडी ने चालू मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक (109 फीसदी एलपीए) मानसून का पूर्वानुमान लगाया था। सामान्य मानसून देश की समग्र कृषि अर्थव्यवस्था को सहारा देगा।

चालू तेल वर्ष 2024-25 की पहली छमाही नवंबर 24 से अप्रैल 25 के दौरान पाम तेल का आयात नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 की अवधि में हुए 4,213,933 टन आयात से घटकर 2,737,002 टन का हुआ है। इस दौरान सॉफ्ट तेलों का आयात पिछले साल की समान अवधि के 2,855,709 टन से बढ़कर 3,765,233 टन हो गया। अत: पाम तेल की हिस्सेदारी 60 फीसदी से घटकर 42 फीसदी की रह गई, जबकि सॉफ्ट तेलों की हिस्सेदारी 40 फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी की हो गई।

मार्च के मुकाबले अप्रैल में आयातित अधिकांश खाद्वय तेलों की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। अप्रैल में भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पामोलिन का भाव घटकर 1,075 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि मार्च में इसका दाम 1,133 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रूड पाम तेल का दाम अप्रैल में घटकर 1,112 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि मार्च में इसका भाव 1,184 डॉलर प्रति टन था। हालांकि क्रूड सोया तेल का भाव अप्रैल में बढ़कर भारतीय बंदरगाह पर 1,107 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि मार्च में इसका भाव 1,097 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान क्रूड सनफ्लावर तेल का भाव भारतीय बंदरगाह पर मार्च के 1,220 डॉलर से घटकर अप्रैल में 1,219 डॉलर प्रति टन का रह गया।

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