नई दिल्ली। कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई ने चालू सप्ताह में घरेलू बाजार में 24,500 गांठ, एक गांठ 150 किलो कॉटन की बिक्री की। इस दौरान निगम ने पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए फसल सीजन 2024-25 में खरीदी हुई 19,600 हजार गांठ, एवं फसल सीजन 2023-24 में खरीदी हुई 4,900 गांठ की बिक्री।
सीसीआई से चालू सप्ताह में स्पिनिंग मिलों ने 18,600 गांठ एवं व्यापारियों ने 5,900 गांठ कॉटन की खरीद की।
स्पिनिंग मिलों की मांग सीमित होने के कारण शनिवार को उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन के दाम स्थिर से नरम हो गए।
पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव 5750 से 5760 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव नरम होकर 5570 से 5620 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5760 से 5780 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव 55,100 से 55,200 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।
देशभर की मंडियों में कपास की आवक 23,000 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।
स्पिनिंग मिलों की मांग सीमित होने के कारण उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन के दाम स्थिर से नरम हो गए। व्यापारियों के अनुसार हाल ही में विश्व बाजार में कॉटन की कीमतों में मंदा आया है, जिस कारण घरेलू बाजार में भी इसकी कीमतों पर दबाव है।
हालांकि चालू सीजन में कपास के उत्पादन में कमी आई थी, जिस कारण अधिकांश स्पिनिंग मिलों के पास बकाया स्टॉक कम है। हालांकि घरेलू बाजार में सीसीआई ने चालू सीजन में करीब 100 लाख गांठ से ज्यादा कॉटन की खरीद की थी, जबकि अभी भी निगम के पास करीब भारी, भरकम स्टॉक बचा हुआ है। इसलिए घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक सीसीआई के बिक्री भाव पर भी निर्भर करेगी।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 294.25 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है, जो कि इसके पहले के अनुमान 299.26 लाख गांठ के मुकाबले कम है।

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