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05 मार्च 2025

सीसीआई ने समर्थन मूल्य पर 92 लाख गांठ से ज्यादा कॉटन की खरीद की

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में फरवरी अंत तक कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया, सीसीआई न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर करीब 92 लाख गांठ, एक गांठ 170 किलो से ज्यादा कपास की खरीद कर चुकी है।


निगम ने मध्य फरवरी में कपास की समर्थन मूल्य पर खरीद का अस्थाई रूप से बंद कर दिया था, लेकिन महीने के अंत में निगम से फिर से एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू कर दी है।

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण सोमवार को गुजरात में कॉटन की कीमत नरम हो गई, जबकि इस दौरान उत्तर भारत के राज्यों में सुधार आया।

गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव सोमवार को 150 रुपये कमजोर होकर 52,700 से 53,200 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।

पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव 10 रुपये तेज होकर 5500 से 5510 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 10 बढ़कर 5490 से 5510 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 10 रुपये तेज होकर 5520 से 5580 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव तेज होकर 53,500 से 53,600 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।

देशभर की मंडियों में कपास की आवक 92,000 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

घरेलू वायदा बाजार एमसीएक्स के साथ ही एनसीडीएक्स पर आज शाम को कॉटन की कीमतों में मंदा आया। आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन के दाम तेज हुए।

स्पिनिंग मिलें इस समय जरूरत के हिसाब से ही कॉटन की खरीद कर रही है, क्योंकि पिछले दो साल से मिलों ने सीमित मार्जिन में व्यापार किया है। अत: मिलें आगे के खरीद सौदे सीमित मात्रा में ही कर रही हैं। अत: स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमत नरम हो गई, जबकि उत्तर भारत के राज्यों में इसके भाव में सुधार आया। हालांकि व्यापारी कॉटन की कीमतों में अभी एकतरफा बड़ी तेजी के पक्ष में नहीं है। जानकारों के अनुसार खपत में कमी विश्व बाजार में कॉटन के दाम घरेलू बाजार की तुलना में नीचे बने हुए हैं जिस कारण इसके आयात पड़ते सस्ते हैं तथा निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं।

व्यापारियों के अनुसार खपत का सीजन होने के कारण मार्च में सूती धागे की स्थानीय मांग बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि निर्यात मांग कमजोर बनी हुई है।

कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 299.26 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो होने का अनुमान है, जो क‍ि पिछले खरीफ 2023-24 के 325.22 लाख गांठ के मुकाबले कम है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआई ने चौथे आरंभिक अनुमान में कॉटन के उत्पादन अनुमान में 2.50 लाख गांठ की कटौती की है। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2024-25 में देश में 301.75 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जबकि इससे पहले 304.25 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान था। पिछले फसल सीजन 2023-24 के दौरान देश में 325.29 लाख गांठ कॉटन का उत्पादन हुआ था।

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