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15 मार्च 2025

फरवरी में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 7 फीसदी घटा- एसईए

नई दिल्ली। फरवरी 2025 में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 7 फीसदी घटकर 899,565 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल फरवरी में इनका आयात 965,852 टन का हुआ था। इस दौरान खाद्वय तेलों का आयात 885,561 टन का एवं अखाद्य तेलों का आयात 14,004 टन का हुआ है। मालूम हो कि मई 2020 के बाद से खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का सबसे कम मासिक आयात हुआ है। कोविड-19 महामारी के कारण मई 2020 में इनका आयात 720,976 टन का ही हुआ था।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों नवंबर-24 से फरवरी-25 के दौरान देश में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 4 फीसदी बढ़कर 4,807,798 टन का हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 4,638,963 टन का हुआ था।

फरवरी 2025 में खाद्य तेल विशेष रूप से पाम तेल का आयात चार महीने के निम्नतम स्तर पर हुआ है, क्योंकि कीमतों में अंतर होने के कारण भारतीय आयातकों ने अन्य खाद्वय तेलों के आयात की ओर रुख करना पड़ा।

खाद्वय तेलों के आयात में हाल ही में आई गिरावट का प्रमुख कारण देश में नवंबर 2024 तक तक बकाया स्टॉक भी ज्यादा होना था, जो कि अब घटकर 2.0 मिलियन टन से नीचे आ गया है। अत: स्टॉक में आई कमी के कारण विशेष रूप से पाम तेल की खरीद में वृद्धि होने की उम्मीद है। पिछले कुछ हफ्तों में, घरेलू बाजार में क्रूड पाम तेल की कीमतों में थोड़ी मजबूती आई है। हालांकि, वैश्विक बाजार में मूल्य प्रतिस्पर्धा के कारण निकट भविष्य में देश में पाम तेल के आयात को सीमित कर सकती है।

खाद्वय तेल की खपत में बढ़ोतरी की गति 2024-25 में धीमी होने की उम्मीद है। अत: पाम तेल के भाव ज्यादा होने के कारण ही हाल के महीनों में आयात और खपत दोनों को कम कर दिया है, जिस कारण सोया तेल और सूरजमुखी तेल की संयुक्त खपत में तेज वृद्धि हुई है।

इसके अलावा, नेपाल से हो रहे आयात ने इस सीजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ड्यूटी-फ्री एक्सेस का लाभ उठाते हुए देश में परिष्कृत सोया तेल का आयात नेपाल से बढ़ा है। इसी तरह से नेपाल और श्रीलंका से खाद्वय तेलों का निर्यात, भारत में हाल ही में बढ़र है।

देश में नवंबर 24 से फरवरी 25 के दौरान 588,241 टन रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलीन) का आयात किया गया है, जबकि नवंबर 23 से फरवरी 24 के दौरान 3,813,743 टन का आयात किया गया था। जनवरी 25 में आरबीडी पामोलीन के कम आयात के कारण रिफाइंड तेल का अनुपात 17 फीसदी से घटकर 13 फीसदी का रह गया, जबकि क्रूड पाम तेल का अनुपात 83 फीसदी से बढ़कर 87 फीसदी का हो गया।

जनवरी के मुकाबले फरवरी में खाद्वय की कीमतों में तेजी का रुख रहा। फरवरी में भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पामोलिन का भाव बढ़कर 1,146 डॉलर प्रति टन का हो गया, जबकि जनवरी में इसका दाम 1,126 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रूड पाम तेल का दाम फरवरी में बढ़कर 1,197 डॉलर प्रति टन का हो गया, जबकि जनवरी में इसका भाव 1,170 डॉलर प्रति टन था। क्रूड सोया तेल का भाव फरवरी में बढ़कर भारतीय बंदरगाह पर 1,156 डॉलर प्रति टन का हो गया, जबकि जनवरी में इसका भाव 1,118 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान क्रूड सनफ्लावर तेल का भाव भारतीय बंदरगाह पर जनवरी के 1,182 डॉलर से बढ़कर फरवरी में 1,216 डॉलर प्रति टन का हो गया।

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