नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन (अक्टूबर-24 से सितंबर-25) के पहली अक्टूबर 24 एवं 4 जनवरी 25 के दौरान महाराष्ट्र में चीनी के उत्पादन में 20.31 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 76.43 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इसका उत्पादन 95.92 लाख टन का हो चुका था।
चीनी आयुक्तालय की एक रिपोर्ट के अनुसार 4 मार्च तक महाराष्ट्र की कुल 102 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है जबकि पिछले पेराई सत्र की समान अवधि के दौरान राज्य की केवल 38 मिलों ने ही पेराई बंद की थी। राज्य की 200 चीनी मिलों में से 50 फीसदी से अधिक ने चालू पेराई सीजन 2024-25 सत्र के लिए पेराई बंद कर दी है।
राज्य के सोलापुर की 41 चीनी मिलें पेराई बंद कर चुकी है जबकि कोल्हापुर की 22 मिलों ने पेराई बंद की है। पुणे की 12 चीनी मिलों ने तथा नांदेड़ की 11 चीनी मिलों के अलावा छत्रपति संभाजीनगर की 10 चीनी मिलों और अहिल्यानगर क्षेत्र की 6 चीनी मिलें पेराई बंद कर चुकी हैं।
महाराष्ट्र में इस समय केवल 98 चीनी मिलें ही गन्ना पेराई कार्यों में लगी हुई है तथा 4 मार्च तक राज्य भर की मिलों ने 814.92 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जबकि पिछले सत्र की इसी अवधि के दौरान 954.34 लाख टन गन्ने की पेराई की थी।
चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी की रिकवरी दर 9.38 फीसदी ही बैठ रही है, जो कि पिछले सत्र की समान अवधि के 10.05 फीसदी से कम है। जानकारों के अनुसार गन्ने की कम पैदावार और बढ़ी हुई पेराई क्षमता के कारण मिलों ने इस सत्र में परिचालन जल्दी बंद कर दिया है। हालांकि पेराई सत्र की शुरुआत में देरी के साथ ही गन्ने के डायवर्सन और पैदावार में कमी के कारण राज्य में चीनी का उत्पादन पिछले पेराई सीजन की तुलना में कम हुआ है।
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