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05 मार्च 2025

फरवरी अंत तक देशभर की 177 चीनी मिलों ने पेराई कार्य बंद किया - इस्मा

नई दिल्ली। कई क्षेत्रों में गन्ना पेराई सत्र अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है तथा 28 फरवरी तक देशभर की 177 चीनी मिलों ने पेराई कार्य बंद कर दिया है।


इंडियन शुगर एंड बायोएनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) में 28 फरवरी तक चीनी का उत्पादन 219.78 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 14 फीसदी कम है।

महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में हाल ही में मिलों के बंद होने की दर में वृद्धि हुई है तथा इन राज्यों में करीब 141 चीनी मिलें पेराई कार्य बंद कर चुकी हैं। राज्यवार चीनी उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र में 114 मिलें चल रही हैं, जिन्होंने 74.80 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।

तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में, चालू सत्र में 78 चीनी मिलें चल रही थी, जिनमें से 23 चीनी मिलें इस समय चल रही हैं तथा राज्य में चीनी का उत्पादन 38.20 लाख टन का हुआ है।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 72.93 लाख टन का हो चुका है, जबकि 108 चीनी मिलें अभी भी चालू हैं।

गुजरात में 15 चीनी मिलों ने इस सीजन में भाग लिया और अब तक 2 मिलों ने अपना काम बंद कर दिया है। राज्य में 28 फरवरी तक चीनी का उत्पादन 6.82 लाख टन का हुआ है।

तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन 2.90 लाख टन का हुआ है, जबकि 30 मिलों ने पेराई आरंभ की थी और 27 मिलें अभी भी चालू हैं।

अन्य राज्यों में चीनी का उत्पादन 24.13 लाख टन का हो चुका है, तथा इन राज्यों में 70 चीनी  मिलें अभी भी पेराई कार्य में लगी हुई हैं।

इस्मा के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चीनी की रिकवरी में पहले की तुलना में सुधार हो रहा है और यह पिछले सीजन की समान अवधि के बराबर पहुंचने की उम्मीद है। इसके परिणामस्वरूप, इस सीजन के अंत तक राज्य में सीजन की पहली छमाही के दौरान हुई की आंशिक रूप से भरपाई होने की उम्मीद है।

दक्षिण कर्नाटक में कुछ मिलों द्वारा जून/जुलाई से सितंबर 2025 तक विशेष सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन होता है। आमतौर पर कर्नाटक और तमिलनाडु सामूहिक रूप से विशेष सीजन के दौरान लगभग 4-5 लाख टन चीनी का उत्पादन करते हैं।

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