नई दिल्ली। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने सरकार से आग्रह किया है कि भारत एवं अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते में घरेलू सोयाबीन और खाद्य तेल उद्योग के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को भेजे पत्र में सोपा ने सोयाबीन, सोयाबीन तेल और सोया मील पर मौजूदा आयात शुल्क बनाए रखने की सिफारिश की है। संगठन ने चेतावनी दी कि शुल्क में कटौती से सस्ते खाद्वय तेलों के आयात का दबाव बढ़ेगा, जिससे घरेलू उत्पादन प्रभावित होगा और लाखों किसानों व संबंधित उद्योगों की आजीविका पर असर पड़ेगा।
सोपा ने खाद्य तेलों के रियायती आयात पर भी चिंता जताई, जहां भारत पहले से ही 60 फीसदी से अधिक निर्भरता रखता है। संगठन ने कहां कि और अधिक रियायतें देना नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स (ऑयलसीड्स) के तहत आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को कमजोर कर सकता है।
इसके अलावा, सोपा ने अमेरिका द्वारा भारतीय ऑर्गेनिक सोयाबीन मील पर 283.91 फीसदी की काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगाने का मुद्दा उठाया, जो पहले 12-15 फीसदी थी। सोपा ने सरकार से आग्रह किया कि वह अधिक न्यायसंगत व्यापार शर्तों के लिए बातचीत करे, जिससे भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मकता बनी रहे और अमेरिकी बाजार में भारतीय ऑर्गेनिक सोया मील को उचित बाजार पहुंच मिले।
संगठन ने यह भी सिफारिश की कि सोया प्रोटीन आइसोलेट और कंसंट्रेट जैसे मूल्य वर्धित सोया उत्पादों के लिए रियायती शुल्क व्यवस्था पर विचार किया जाए। सोपा ने कहा कि इन उत्पादों का सोयाबीन बाजार से सीधी प्रतिस्पर्धा नहीं है और इनसे भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सोयाबीन उत्पादन की आर्थिक वैल्यू बढ़ेगी।
सोपा ने नीति-निर्माताओं से अपील की कि वे घरेलू उत्पादन को सुरक्षित रखते हुए एक संतुलित और परस्पर लाभकारी व्यापार समझौते को प्राथमिकता दें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें