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02 जुलाई 2024

लगातार पांच दिनों की तेजी के बाद गुजरात एवं उत्तर भारत में कॉटन मंदी, बुआई बढ़ी

नई दिल्ली। लगातार पांच दिनों की तेजी के बाद शनिवार को घरेलू बाजार में स्पिनिंग मिलों की खरीद कमजोर होने से गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमतों में मंदा आया।


गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव शनिवार को 200 रुपये कमजोर होकर दाम 57,300 से 57,800 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए। मालूम हो कि पिछले पांच दिनों में इसकी कीमतों में 1,350 रुपये प्रति कैंडी की तेजी आई थी।

पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5800 से 5825 रुपये प्रति मन बोले गए।हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव कमजोर होकर 5675 से 5700 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5500 से 5925 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव कमजोर होकर 56,800 से 57,000 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए। देशभर की मंडियों में कपास की आवक 19,500 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

आईसीई के कॉटन वायदा में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन कॉटन की कीमतों में तीन फीसदी की गिरावट आई थी, अत: स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने से गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में इसकी कीमतें घट गई। व्यापारियों के अनुसार निर्यात में कमी आने का अनुमान, तथा उत्पादन बढ़ने की संभावना से आईसीई कॉटन वायदा की कीमतों पर जुलाई में दबाव बना रह सकता है। अत: घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतें आईसीई वायदा के भाव को फॉलों कर रही है इसलिए हाजिर बाजार में कॉटन की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रह सकती है।

कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई के पास कॉटन का बकाया स्टॉक ज्यादा है, इसलिए सीसीआई के बिक्री भाव पर भी इसकी कीमतें निर्भर करेगी। उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवकों में कमी आई है तथा अधिकांश जिनिंग मिलों ने उत्पादन भी बंद कर दिया है। कॉटन की मौजूदा कीमतों में जिनर्स को पड़ते नहीं लग रहे, इसलिए बिकवाली भी सीमित बनी हुई है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास की बुआई बढ़कर 59.13 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 36.30 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है।

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