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02 जुलाई 2024

चालू खरीफ सीजन में दलहन एवं तिलहन के साथ ही कपास की बुआई बढ़ी

नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में फसल की कुल बुआई 32.55 फीसदी बढ़कर 240.72 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले खरीफ में इनकी बुआई केवल 181.60 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी।


कृषि मंत्रालय के अनुसार 28 जून तक देशभर में दलहनी फसलों की बुआई बढ़कर 22.72 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 8.02 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई चालू खरीफ में 13.02 लाख हेक्टेयर में, उड़द की 3.18 लाख हेक्टेयर में और मूंग की 5.11 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 0.84 लाख हेक्टेयर में, 0.51 लाख हेक्टेयर में तथा 4.57 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

धान की रोपाई चालू खरीफ में थोड़ी कम होकर 22.73 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी रोपाई 22.77 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

तिलहनी फसलों की बुआई बढ़कर चालू खरीफ सीजन में 42.93 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई केवल 16.81 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। तिलहनी फसलों में सोयाबीन की बुआई चालू खरीफ में 33.66 लाख हेक्टेयर में, मूंगफली की 8.19 लाख हेक्टेयर में और सनफ्लावर की 0.37 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 1.63 लाख हेक्टेयर में, 14.56 लाख हेक्टेयर में तथा 0.26 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। 

अन्य तिलहनी फसलों में शीशम की बुआई 0.43 लाख हेक्टेयर में, केस्टर सीड की 0.06 लाख हेक्टेयर में तथा नाइजर की 0.18 लाख हेक्टेयर में हुई है।

मोटे अनाजों की बुआई चालू खरीफ सीजन में घटकर 30.89 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई 36.23 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। मोटे अनाजों में मक्का की 23.53 लाख हेक्टेयर में बाजरा 4.09 लाख हेक्टेयर तथा ज्वार 1.53 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले साल की समान अवधि में मक्का की बुआई 8.10 लाख हेक्टेयर में, बाजरा की 25.67 लाख हेक्टेयर में तथा ज्वार की 0.98 लाख हेक्टेयर में हुई थी।

कपास की बुआई खरीफ सीजन में 59.13 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 36.30 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है।

गन्ने की बुआई चालू खरीफ सीजन में बढ़कर 56.88 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 55.45 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है।

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