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19 जुलाई 2024

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में डीओसी का निर्यात 9 फीसदी घटा - एसईए

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान डीओसी के निर्यात में 9 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 1,102,632 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,210,045 टन का ही हुआ था। निर्यात में कमी का प्रमुख कारण सरसों डीओसी एवं कैस्टर डीओसी के निर्यात में कमी तथा निर्यात पर प्रतिबंध के कारण सितंबर 2023 से राइस ब्रान डीओसी का निर्यात न होना है।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 के जून में डीओसी के निर्यात में 20 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 335,196 टन हुआ है, जबकि पिछले साल जून में इनका निर्यात केवल 280,001 टन का हुआ था।

एसईए के अनुसार राइस ब्रान डीओसी की कीमतें अब निचले स्तर पर पहुंच गई हैं तथा आगामी दिनों में उपलब्धता बढ़ने के साथ ही इसके दाम और भी नीचे जाने की संभावना है। अत: राइस ब्रान डीओसी की कीमतों में भारी गिरावट को देखते हुए एसोसिएशन ने एक बार फिर केंद्र सरकार से अपील की है कि इसके निर्यात पर लगे प्रतिबंध को 31 जुलाई, 2024 से आगे न बढ़ाया जाए।

इस समय सोया डीओसी के दाम एक्स-रॉटरडैम 423 डॉलर प्रति टन हैं, जबकि घरेलू बाजार में एक्स कांडला इसके दाम 495 डॉलर प्रति टन हैं। अत: अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोया डीओसी महंगी है। सोया डीओसी का उत्पादन बढ़ने से इसकी कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। इसी तरह सरसों डीओसी के दाम एक्स-हैम्बर्ग में 303 डॉलर प्रति टन हैं, जबकि घरेलू सरसों डीओसी के दाम 287 डॉलर प्रति टन हैं।

भारतीय बंदरगाह पर जून में सोया डीओसी का भाव घटकर 497 डॉलर प्रति टन रह गया, जबकि मई में इसका दाम 506 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान सरसों डीओसी का मूल्य जून में भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 289 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मई में इसका भाव 284 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से केस्टर डीओसी का दाम मई के 77 डॉलर प्रति टन से बढ़कर जून में 82 डॉलर प्रति टन हो गया।

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