नई दिल्ली। राजस्थान में चालू खरीफ सीजन 2024 में 15 जुलाई तक 69.80 फीसदी बुआई पूरी हो चुकी है, हालांकि यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में पीछे चल रही है।
राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार 15 जुलाई तक राज्य में 114.99 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 134.88 लाख हेक्टेयर में बुआई चुकी थी। राज्य सरकार ने चालू खरीफ में 164.75 लाख हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य तय किया है।
भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार राज्य में पहली जून से 19 जुलाई के दौरान सामान्य की तुलना में 4 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
राज्य में मक्का, बाजरा एवं धान के साथ ही ज्वार की बुआई राज्य में 46.86 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई 58.10 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। मोटे अनाजों में बाजरा की बुआई चालू खरीफ में 30.57 लाख हेक्टेयर में, मक्का की 8.71 लाख हेक्टेयर में तथा ज्वार की 5.52 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 41.54 लाख हेक्टेयर में, 9.04 लाख हेक्टेयर और 5.68 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।
दलहनी फसलों की बुआई केवल 24.94 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले खरीफ में इस समय तक 27.82 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल मूंग की बुआई चालू खरीफ में 16.89 लाख हेक्टेयर में, उड़द की 2.58 लाख हेक्टेयर में तथा मोठ की 4.93 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 18.09 लाख हेक्टेयर में, 3.04 लाख हेक्टेयर एवं 6.03 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।
राज्य में चालू खरीफ सीजन में तिलहनी फसलों की बुआई 19.53 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 20.69 लाख हेक्टेयर की तुलना में कम है। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन की बुआई राज्य में 10.58 लाख हेक्टेयर में तथा मूंगफली की 7.27 लाख हेक्टेयर में और शीशम की 1.41 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 10.83 लाख हेक्टेयर और 7.51 लाख हेक्टेयर में और 1.83 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
कपास की बुआई राज्य में चालू खरीफ में घटकर केवल 4.94 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 7.73 लाख हेक्टेयर की तुलना में कम है।
इसी तरह से ग्वार सीड की बुआई राज्य में चालू खरीफ में घटकर केवल 16.20 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 17.25 लाख हेक्टेयर की तुलना में कम है।
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