नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष मिशन शुरू किया जाएगा, जिसमें 32 विभिन्न फसलों की कुल 109 नई किस्में पेश की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, सब्जी उत्पादन बढ़ाने के लिए एक क्लस्टर योजना लागू की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास और रोजगार सृजन को तेज करना नीतिगत प्राथमिकता होगी। देश भर में एक करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग के माध्यम से प्राकृतिक खेती के लिए मजबूत समर्थन, क्रियान्वयन में सहायता के लिए 10 हजार आवश्यकता आधारित जैव इनपुट संस्थान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार उत्पादकता में बढ़ोतरी और जलवायु के अनुकूल किस्मों को विकसित करने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी।
चैलेंज मोड में निजी क्षेत्र को शामिल करते हुए वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा, निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के विशेषज्ञ इन अनुसंधानों के संचालन की देखरेख करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में देश भर के एक करोड़ किसानों को प्रमाणन और ब्रांडिंग द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। वैज्ञानिक संस्थानों और पंचायतों के माध्यम से उनका क्रियान्वयन किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, हम उनके उत्पादन भंडारण और विपणन को मजबूत करेंगे। बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन के लिए क्लस्टर को प्रमुख संग्रहण केंद्र के करीब विकसित किया जाएगा। हम उत्पादन, संग्रहण, भंडारण और विपणन सहित आपूर्ति श्रृंखला के लिए एफपीओ, सहयोग और स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में तीन वर्षों में किसानों और उनकी भूमि को कवर करने के लिए कृषि में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेगी। इस वर्ष के दौरान 400 जिलों में डीपीआई के सहयोग से डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। 6 करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्री में लाया जाएगा। 5 राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
इसके पहले वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा बजट को प्राथमिकताओं के लिए याद रखा जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में 9 क्षेत्रों पर फोकस किया गया है, ये क्षेत्र हैं, कृषि में उत्पादकता और लचीलापन, रोजगार और कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, नवाचार, अनुसंधान और विकास तथा अगली पीढ़ी के सुधार।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें