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23 जुलाई 2024

स्पिनिंग मिलों की खरीद कमजोर होने से गुजरात उत्तर भारत में कॉटन मंदी

नई दिल्ली। स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर होने के कारण शनिवार को गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।


गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव शनिवार को 50 रुपये कमजोर होकर दाम 57,600 से 58,000 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए। राज्य में पिछले चार कार्यदिवस में कॉटन की कीमतों में 400 रुपये प्रति कैंडी का मंदा आ चुका है।

पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव 25 रुपये कमजोर होकर 5925 से 5950 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 25 घटकर 5825 से 5850 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 50 रुपये नरम होकर 5650 से 6025 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव घटकर 57,300 से 57,800 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए। देशभर की मंडियों में कपास की आवक 17,700 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से गुजरात के साथ ही उत्तर भारत में कॉटन की कीमतें कमजोर हुई। विश्व बाजार में कॉटन की कीमतों में शुक्रवार को तीन अंकों की गिरावट आई थी, जिस कारण घरेलू बाजार में इसकी कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि अगस्त से त्योहारी सीजन शुरू होगा, जिस कारण कपड़े की मांग में सुधार आने का अनुमान है। अधिकांश छोटी स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक कम है, अत: मिलों को कॉटन की खरीद करनी होगी।

जानकारों के अनुसार उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवकों में कमी आई है तथा अधिकांश जिनिंग मिलों ने उत्पादन भी बंद कर दिया है। इस सब के बावजूद भी घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी, मंदी आईसीई कॉटन वायदा की कीमतों के आधार पर ही तय होंगी। कॉटन की मौजूदा कीमतों में जिनर्स को पड़ते नहीं लग रहे, इसलिए बिकवाली भी सीमित बनी हुई है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार 19 जुलाई तक देशभर में कपास की बुआई चालू खरीफ सीजन में घटकर 102.05 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 105.66 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

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