नई दिल्ली। नीचे दाम पर तेल मिलों की मांग बढ़ने से घरेलू बाजार में मंगलवार को सरसों की कीमतें तेज हो गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये बढ़कर 5,575 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 3.35 लाख बोरियों की हुई, जिसमें नई सरसों की हिस्सेदारी 85 हजार बोरी की है।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आज तेजी का रुख रहा। मलेशियाई पाम तेल के दाम लगातार दूसरे कार्यदिवस में तेज हुए, जबकि इस दौरान डालियान में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ोतरी दर्ज की गई। शिकागो में सोया तेल के दाम भी मजबूत हुए। जानकारों का मानना है कि विश्व स्तर पर खाद्य तेलों की कीमतों में हल्की तेजी तो आ सकती है, लेकिन बड़ी तेजी अभी टिक नहीं पायेगी। घरेलू बाजार में तेल मिलों की बिक्री बढ़ने से सरसों तेल की कीमतें स्थिर से नरम हो गई, जबकि इस दौरान सरसों खल के भाव में सुधार आया।
उत्पादक मंडियों में मंगलवार को भी सरसों की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। उत्पादक राज्यों में मौसम साफ हुआ है, इसलिए नई सरसों की आवक लगातार बढ़ रही है। जानकारों के अनुसार चालू महीने के अंत तक आवकों का दबाव बन जायेगा तथा चालू सीजन में उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। इसलिए तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल में मांग अभी बनी रहेगी, लेकिन इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्य तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।
सरसों तेल के भाव स्थिर नरम
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में मंगलवार को नरमी दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव दो रुपये कमजोर होकर दाम 1,015 रुपये प्रति 10 किलो रह गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 2 रुपये घटकर भाव 1,005 रुपये प्रति 10 किलो बोले गए। इस दौरान गंगापुर में सरसों तेल कच्ची घानी के दाम 995 से 1,000 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर हो गए। भरतपुर में सरसों तेल कच्ची घानी के दाम 1,010 से 1,015 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर हो गए।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आज तेजी का रुख रहा। मलेशियाई पाम तेल के दाम लगातार दूसरे कार्यदिवस में तेज हुए, जबकि इस दौरान डालियान में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ोतरी दर्ज की गई। शिकागो में सोया तेल के दाम भी मजबूत हुए। जानकारों का मानना है कि विश्व स्तर पर खाद्य तेलों की कीमतों में हल्की तेजी तो आ सकती है, लेकिन बड़ी तेजी अभी टिक नहीं पायेगी। घरेलू बाजार में तेल मिलों की बिक्री बढ़ने से सरसों तेल की कीमतें स्थिर से नरम हो गई।
विश्व बाजार में खाद्वय तेल तेज
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 39 रिंगिट यानी की 1.03 फीसदी बढ़कर 3,841 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुई। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.03 फीसदी तेज हो गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.99 फीसदी तक तेज हुआ। शिकागो में सीबीओटी सोया तेल की कीमतें 0.97 फीसदी बढ़ गई।
विश्व बाजार में खाद्वय तेलों के दाम तेज होने के साथ ही मलेशियाई में उत्पादन कम होने की आशंका से मलेशियाई एक्सचेंज में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा मंगलवार को उच्च स्तर पर बंद हुआ।
जानकारों के अनुसार अन्य खाद्वय तेलों की कीमतों में आई तेजी के साथ ही मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड के जनवरी के सर्वेक्षणों में कम उत्पादन और बकाया स्टॉक कम होने के अनुसार के साथ ही कमजोर रिंगिट के कारण पाम की कीमतें तेज हुई हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार पाम तेल का स्टॉक दिसंबर की तुलना में 6.62 फीसदी कम होकर 2.14 मिलियन टन तक कम रहेगा। जनवरी में क्रूड पाम तेल का उत्पादन 1.37 मिलियन टन हुआ है जोकि पिछले महीने से 11.83 फीसदी कम है।
मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) 13 फरवरी को अपना मासिक डेटा जारी करने वाला है।
डॉलर के मुकाबले रिंगिट में 0.32 फीसदी की गिरावट आई।
सरसों खल मजबूत, डीओसी के दाम स्थिर
जयपुर में मंगलवार को सरसों खल की कीमतें 15 रुपये तेज होकर दाम 2,770 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान गंगापुर में सरसों खल के भाव 25 रुपये तेज होकर दाम 2,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। नीमच मंडी में सरसों खल की कीमतें बढ़कर 2,750 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।
निर्यातकों के साथ ही स्थानीय मांग सीमित होने से डीओसी की कीमतें स्थिर हो गई। कोटा में सरसों डीओसी के बिल्टी भाव 25,200 रुपये प्रति टन पर स्थिर हो गए। इस दौरान मुरैना में सरसों डीओसी के बिल्टी दाम 24,800 रुपये प्रति टन बोले गए। कानपुर में सरसों डीओसी के बिल्टी भाव 25,300 रुपये प्रति टन के स्तर पर स्थिर हो गए।
तेल मिलों की बिकवाली कम आने से सरसों खल की कीमतों में सुधार आया। व्यापारियों के अनुसार तेल मिलों को नीचे दाम पर पड़ते नहीं लग रहे, क्योंकि मिलों के पास पुराना उंचे दाम का स्टॉक है। इसलिए मिलें नीचे दाम पर बिकवाली कम कर रही हैं। हालांकि बड़ी तेजी के आसार भी नहीं है, क्योंकि उत्पादक मंडियों में नई सरसों की आवक बढ़ने लगी है, तथा सरसों खल में खपत राज्यों की मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है।
निर्यातकों के साथ ही स्थानीय मांग सीमित बनी रहने से घरेलू बाजार में डीओसी के दाम स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार सरसों की नई फसल की आवकों में बढ़ोतरी मध्य फरवरी तक और बनेगी, तथा चालू सीजन में उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। इसलिए इसके भाव में अब बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।
कॉटन वॉश की कीमतें मजबूत
विश्व बाजार में खाद्वय तेलों में तेजी का रुख रहा, जबकि घरेलू बाजार में कॉटन वॉश की कीमतें मजबूत हो गई। धुले में कॉटन वॉश के दाम पांच रुपये तेज होकर 810 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान अमरावती में कॉटन वॉश के दाम सात रुपये तेज होकर 822 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। अकोला में कॉटन वॉश की कीमतें पांच रुपये बढ़कर 805 रुपये प्रति दस किलो के स्तर पर पहुंच गई।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आज तेजी का रुख रहा। मलेशियाई पाम तेल के दाम लगातार दूसरे कार्यदिवस में तेज हुए, जबकि इस दौरान डालियान में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ोतरी दर्ज की गई। शिकागो में सोया तेल के दाम भी मजबूत हुए। घरेलू मंडियों में भी कॉटन वॉश की कीमतों में हल्की तेजी, मंदी बनी रहने की उम्मीद है।
बिनौला स्थिर से नरम, कपास खली मंदी
तेल मिलों की मांग कमजोर होने से बिनौले के भाव उत्तर भारत के राज्यों में स्थिर से नरम हो गए। हरियाणा में बिनौले के भाव 2250 से 2400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान श्रीगंगानगर लाइन में बिनौला के भाव 100 रुपये घटकर 2250 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बिनौला के दाम पंजाब में 2100 से 2350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
तेल मिलों की बिकवाली बढ़ने से कपास खली की कीमतें कमजोर हो गई। सेलु में रेगुलर क्वालिटी की कपास खली की कीमतें 20 रुपये घटकर दाम 2,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। इस दौरान भोकर में रेगुलर क्वालिटी की कपास खली के दाम 20 रुपये नरम होकर 2,700 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। शाहपुर में रेगुलर क्वालिटी की कपास खली के दाम 30 रुपये कमजोर होकर 2770 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
तेल मिलों की मांग कमजोर से बिनौला की कीमतें उत्तर भारत के राज्यों में स्थिर से नरम हुई। विश्व बाजार में खाद्य तेलों में तेजी का रुख रहा, हालांकि व्यापारी विश्व बाजार में इसकी कीमतों में अभी बड़ी तेजी के पक्ष में नहीं है। घरेलू मंडियों में कपास की दैनिक आवक अभी बराबर बनी रहने की उम्मीद है, जिस कारण बिनौला की उपलब्धता ज्यादा, इसलिए तेल मिलें जरुरत के हिसाब से ही बिनौला की खरीद कर रही हैं।
ग्राहकी कमजोर होने के कारण कपास खली की कीमतें कमजोर हो गई। व्यापारियों के अनुसार कपास खली में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है, दूसरी और नीचे दाम तेल मिलों को भी पड़ते नहीं लग रहे हैं वहीं खपत राज्यों की मांग भी बढ़ नहीं पा रही है। इसलिए इसकी कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार कम है। उत्पादक राज्यों में कपास की दैनिक आवक अभी बनी रहेगी, जिस कारण बिनौला की उपलब्धता बढ़ने से कपास खली का उत्पादन ज्यादा हो रहा है।
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